सूर्य की राशि में आएंगे बुध, इन राशियों पर होगी छप्पर फाड़ दौलत की बरसात!

बुध का सिंह राशि में गोचर, इन राशियों पर होगी छप्पर फाड़ दौलत की बरसात!

बुध का सिंह राशि में गोचर: ज्योतिध में हर ग्रह को महत्वपूर्ण माना जाता है और इन्हीं में से एक है बुध जो ग्रहों के कारक माने गए हैं। ऐसे में, बुध ग्रह का गोचर बेहद अहम माना जाता है क्योंकि यह मनुष्य जीवन के विभिन्न आयामों को बहुत गहराई से प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं।

सरल शब्दों में कहें तो, जब बुध महाराज किसी राशि में विराजमान होते हैं, तो इसका असर जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता है। ऐसा माना जाता है किसी भी गोचर में बुध महाराज की स्थिति और दशा करियर और व्यापार में मिलने वाले परिणामों पर असर डालती है। एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष लेख आपको “बुध का सिंह राशि में गोचर” के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे तिथि, समय और प्रभाव।     

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने संतान के भविष्य से जुड़ी हर जानकारी

जैसे कि हम जानते हैं कि हर ग्रह एक निश्चित समय तक एक राशि में रहता है और उसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। इसी क्रम में, बुध भी अपनी राशि में बदलाव करने जा रहे हैं जो न सिर्फ़ मनुष्य जीवन को प्रभावित करेंगे, बल्कि देश-दुनिया के साथ-साथ शेयर मार्केट पर भी अपना प्रभाव डालेंगे।

ऐसे में, कुछ राशियों को यह गोचर अच्छे और कुछ को बुरे परिणाम दे सकता है। वहीं, कुछ जातकों के लिए बुध का गोचर भाग्यशाली साबित होगा। तो आइए बिना देर किए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कौन सी हैं वह राशियां? लेकिन उससे पहल नज़र डाल लेते हैं बुध का सिंह राशि में गोचर के समय और तिथि पर। 

बुध का सिंह राशि में गोचर: तिथि एवं समय

ज्योतिष में बुध ग्रह को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है जो लगभग 23 से 27 दिनों तक एक राशि में रहते हैं। इसके बाद, यह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में, बुध महाराज अब चंद्रमा की राशि कर्क से निकलकर 30 अगस्त 2025 की शाम 04 बजकर 39 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।

बता दें कि सूर्य देव सिंह राशि के अधिपति देव हैं और बुध देव इनके मित्र माने जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, बुध का गोचर अपनी मित्र राशि में होगा जो कि शुभ कहा जा सकता है। यह स्थिति उन लोगों को राहत दे सकती है जिन्हें बुध ग्रह के अशुभ परिणामों का सामना करना पड़ रहा है। चलिए अब हम आपको अवगत करवाते हैं बुध सिंह राशि में कैसे फल देते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

सिंह राशि में बुध ग्रह कैसा फल देता है?

  • राशि चक्र में सिंह राशि पांचवें स्थान पर आती है और इसके स्वामी सूर्य देव हैं। बुध महाराज की सिंह में उपस्थिति राजसी ठाठ-बाठ और बेहतरीन संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करती है। 
  • सिंह राशि सिंहासन और अधिकार का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में, बुध देव की सिंह राशि में मौजूदगी जातक की बात करने की क्षमता को मज़बूत करती है और आपकी बातों से लोग प्रभावित होते हैं। 
  • सिंह राशि में विराजमान बुध आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सही निर्णय लेने में सहायता करते हैं। 
  • साथ ही, बुध का सिंह राशि में प्रभाव होने से आपकी रुचि प्रकृति की तरफ बढ़ सकती है जिससे आप बागबानी और पेड़-पौधे लगाना पसंद करते हैं। 
  • सिंह राशि में बुध होने से आपके व्यक्तित्व और रंग-रूप पर भी इसका असर दिखाई देता है, जिसकी वजह से आपका रंग गौरा, माथा चौड़ा होता है। साथ ही, यह आपको महंगे कपड़े का शौकीन बना सकते हैं। 
  • इस राशि में बुध जातक को सरकारी और प्रशासनिक क्षेत्रों में सफलता प्रदान करते हैं।
  • बुध देव सिंह राशि में बैठे होने से व्यक्ति कपड़ों विशेष रूप से ऊनी कपड़ों, गेहूं, गहनों और अन्य प्राकृतिक उत्पादों से जुड़े व्यापार में अपनी पकड़ बनाता है। 
  • इनका प्रभाव जातक को कला और रंगमंच के प्रति आकर्षित करता है। 

बुध का सिंह राशि में गोचर: बुध ग्रह का महत्‍व 

  • बुध ग्रह के नाम की बात करें तो, बुध शब्द संस्कृत भाषा से जुड़ा है जिसका अर्थ है “बुद्धिमान”। 
  • बुध देव को वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, व्यापार, तर्क, शिक्षा और संचार कौशल का कारक माना जाता है।
  • शायद ही आप जानते होंगे कि बुध ग्रह प्रत्येक व्यक्ति की सोच-विचारने की क्षमता, ज्ञान, विवेक और तार्किक क्षमता को प्रभावित करता है। 
  • साथ ही, मनुष्य के जीवन में बुध महाराज बुद्धि और शिक्षा को भी दर्शाते हैं। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध देव की स्थिति मज़बूत होती है, उन्हें तेज़ दिमाग के साथ-साथ ज्ञान और बेहतरीन तार्किक क्षमता का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही, इनकी रुचि साहित्य, विज्ञान और गणित में होती है।
  • हम सभी जानते हैं कि बुध वाणी और संचार कौशल का ग्रह है, इसलिए इसका सीधा असर आपके वाणी, संचार कौशल और लेखन पर भी पड़ता है। 
  • दूसरी तरफ, बुध देव के शुभ होने पर जातक अच्छा वक्ता, संचारक और लेखक बनता है। 
  • इसके अलावा, बुध व्यापार के प्रमुख ग्रह भी हैं इसलिए यह आपके व्यापार करने की क्षमता, सही निर्णय लेने और आर्थिक योजनाओं को भी नियंत्रित करते हैं। 
  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में बुध ग्रह शुभ होता है, उन्हें व्यापार के क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही, वह धन से जुड़े मामलों को बहुत समझदारी से संभालता है। 
  • बुध ग्रह तर्कशक्ति और विवेक का भी प्रतिनिधित्व करता है और ऐसे में, जातक की  निर्णय लेने और समस्याओं का समाधान ढूंढने की क्षमता बेहतर होती है। 

फ्री ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर से जानें अपनी कुंडली का पूरा लेखा-जोखा

बुध का सिंह राशि में गोचर: धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह 

  • ज्योतिष के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी बुध ग्रह का विशेष महत्व है। बता दें कि बुध देव को जगत के पालनहार भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
  • विष्णु जी धैर्य और संतुलन के प्रतीक हैं और इसी क्रम में, विष्णु जी का प्रतीक बुध ग्रह को माना गया है। 
  • व्यक्ति को जीवन में बुध देव विवेक, संतुलन और समझदारी प्रदान करते हैं। साथ ही, इनके प्रभाव से इंसान का झुकाव धार्मिक कार्यों में होता है, जिससे वह सही मार्ग पर आगे बढ़ता है। 
  • बात करें बुध ग्रह की तो, यह वेदों, शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में विशेष भूमिका अदा करते हैं। 
  • कुंडली में बुध देव की शुभ स्थिति होने से जातक की रुचि धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में बढ़ती है। ऐसे में, वह शिक्षण, प्रचारक और उपदेशक के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। 
  • बुध ग्रह की स्थिति धर्मगुरुओं और प्रचारकों के लिए विशेष मायने रखती है, क्योंकि वह उन्हें धर्म के प्रति स्पष्ट और प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करती है। 
  • अगर कोई जातक बुध ग्रह की कृपा पाना चाहता है, तो उसके लिए बुधवार को हरे रंग के वस्त्र धारण करके विष्णु जी की पूजा करना फलदायी होता है। साथ ही, बुधवार के दिन बुध के मंत्रों का भी जाप करें। 

अब हम आपको बताने जा रहे हैं कुंडली के केंद्र भाव पर बुध के प्रभाव के बारे में  

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

बुध का सिंह राशि में गोचर: केंद्र भाव पर बुध का प्रभाव 

बुध ग्रह का जीवन पर प्रभाव जानने के बाद अब हम आपको बताएंगे कि बुध कुंडली में केंद्र भावों को कैसे प्रभावित करते हैं।

प्रथम भाव: प्रथम/लग्न भाव में बुध महाराज की स्थिति आपको स्वयं को अभिव्यक्त करने की क्षमता को मज़बूत बनाता है। यह आपके आत्मविश्वास को बढाते हैं जबकि कमज़ोर आत्मविश्वास को भी दर्शाते हैं। 

चौथे भाव: कुंडली के चौथे भाव में बुध महाराज आपको विश्लेषणात्मक बनाते हैं। लेकिन यह स्थिति घर-परिवार में सदस्यों के बीच भावनाओं के टकराव को पैदा करती है। इसके फलस्वरूप, परिवार का माहौल खराब हो सकता है। 

सातवें भाव: बुध देव की सातवें भाव में उपस्थिति आपकी परिजनों और करीबियों के साथ रिश्तों को संभालने की क्षमता को दर्शाती है। साथ ही, सही निर्णय लेने की तरफ संकेत करती है। 

दसवें भाव: कुंडली के दसवें भाव में बैठा बुध महाराज आपके पेशेवर जीवन की तरफ इशारा करता है और करियर को निर्धारित करता है। बुध की शुभ स्थिति आपको स्वयं को समझने की शक्ति को दर्शाया है जबकि अशुभ स्थिति आपकी समस्याएं बढ़ा सकती हैं। 

चलिए अब हम आपको रूबरू करवाते हैं शुभ और अशुभ बुध के प्रभावों से। 

कुंडली में मज़बूत बुध का प्रभाव 

किसी व्यक्ति पर बुध ग्रह की कृपा होने से उसको नीचे दिए गए परिणामों की प्राप्ति होती है जो कि इस प्रकार हैं: 

  • कुंडली के लग्न भाव में बुध ग्रह के विराजमान होने से व्यक्ति बुद्धिमान, तार्किक और सोच-समझकर बात करने वाला होता है। 
  • लग्न भाव में बुध देव बैठे होने से जातक का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है। वह सुन्दर होने के साथ-साथ अपनी आयु से कम नज़र आता है। 
  • शुभ बुध वाला व्यक्ति करियर के क्षेत्र में  कंप्यूटर, नेटवर्किंग  व्यापार, अकाउंट, मोबाइल, वाणिज्य और बैंकिंग आदि में कामयाबी हासिल करता है। 
  • जो जातक खुद का व्यापार करते हैं, उन्हें बुध ग्रह की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, वह व्यापार में बुलंदियां हासिल करता है और उसे एक नए शिख़र पर लेकर जाता है। 
  •  जातक को बुध देव के आशीर्वाद से दीर्घायु, बिज़नेस में कामयाबी मिलती है और वह कई भाषाओं को जानने वाला होता है। 
  • बता दें कि बुध ग्रह मानव शरीर में कान, तंत्रिका तंत्र, फेफड़ों और त्वचा आदि को भी नियंत्रित करते हैं। 

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

कुंडली में कमज़ोर बुध का प्रभाव 

  • जिन जातकों की कुंडली में बुध पीड़ित अवस्था में होते हैं, तो इसका सीधा असर आपकी वाणी पर नज़र आता है। ऐसे में, आप अपनी बात दूसरों के सामने रखने में असमर्थ होते हैं। 
  • यदि किसी व्यक्ति का बुध अशुभ होता है या फिर पापी ग्रहों के साथ बैठा होता है या कमज़ोर होता है, तो यह जातक को शारीरिक और मानसिक समस्याएं देने का काम कर सकता है। 
  • बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव व्यापार को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में, आपको बिज़नेस में हानि का सामना करना पड़ सकता है। 
  • कुंडली में बुध देव के दुर्बल होने पर जातक गणित और बुद्धि दोनों में थोड़ा कमज़ोर हो सकता है। 

अब हम जान लेते हैं कुंडली में बुध को कैसे बलवान करें?

बुध का सिंह राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • बुध ग्रह से शुभ परिणाम पाने के लिए आंवला और हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। 
  • बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। 
  • पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से जातक के जीवन से बुध का नकारात्मक प्रभाव कम होता है। 
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएं और रोज़ाना उसकी पूजा करें।  
  • घर की महिलाओं को हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां भेंट करें। 
  • किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद बुध ग्रह का रत्न पन्ना धारण करें।   

बुध का सिंह राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं तथा बुध का… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

बुध आपकी कुंडली में दूसरे भाव के साथ-साथ पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और … (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बुध आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी हैं और बुध का सिंह राशि… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बुध आपकी कुंडली में लाभ तथा धन भाव के स्वामी होते हैं और बुध का सिंह… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

बुध आपकी राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

बुध आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के… (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

बुध आपकी कुंडली में आठवें और लाभ भाव के स्वामी होते हैं तथा अस्त बुध… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

बुध आपकी कुंडली में सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और फिलहाल बुध… (विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि

बुध आपकी कुंडली में छठे और भाग्य भाव के स्वामी हैं तथा वर्तमान में ये अस्त … (विस्तार से पढ़ें) 

कुंभ राशि

बुध आपकी कुंडली में पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और बुध का सिंह… (विस्तार से पढ़ें) 

मीन राशि

बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में ये अस्त रहते… (विस्तार से पढ़ें) 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अब बुध ग्रह का गोचर किस राशि में होने जा रहा है?

बुद्धि के कारक ग्रह बुध 30 अगस्त 2025 को सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे।

सूर्य और बुध शत्रु हैं या मित्र?

ज्योतिष के अनुसार, बुध देव को सूर्य ग्रह का मित्र माना जाता है। 

सूर्य और बुध की युति से कौन सा योग बनता है?

ज्योतिष के अनुसार, जब किसी राशि में सूर्य और बुध एक साथ बैठे होते हैं, तो इनकी युति से बुधादित्य योग का निर्माण होता है।