बुध कर्क राशि में अस्त: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणी, बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति, व्यापार, गणित और संवाद कौशल का कारक माना गया है। जब यही बुध ग्रह किसी राशि में अस्त हो जाता है, तो इसका प्रभाव व्यक्ति के विचार. निर्णय लेने की क्षमता और व्यावहारिक जीवन पर गहरा पड़ता है।
अब बुध कर्क राशि में अस्त हो रहा है, जो चंद्रमा की राशि है। यह एक भावनात्मक, संवेदनशील और पारिवारिक ऊर्जा वाली राशि है। ऐसे में तर्क और भावना का टकराव होना स्वाभाविक है। बुध जब यहां अस्त होता है, तो व्यक्ति की सोच में असमंजस, वाणी में संकोच और व्यवहार में अस्थिरता देखी जा सकती है।

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यह गोचर विद्यार्थियों, व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और विशेषकर उन लोगों को प्रभावित कर सकता है, जिनकी कुंडली में बुध महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हो। आइए इस ब्लॉग में जानें कि बुध का कर्क में अस्त होना क्या संकेत दे रहा है और कैसे करें इससे बचाव और भी कई चीजें इस ब्लॉग में हम जानेंगे।
बुध कर्क राशि में अस्त: तिथि व समय
बुध ग्रह 2 अक्टूबर 2025 को उदित होंगे। यानी की 29 अगस्त 2025 की दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर बुध ग्रह अस्त होंगे और 2 अक्टूबर 2025 की शाम 5 बजकर 25 मिनट पर बुध ग्रह उदित होंगे लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि बुध ग्रह जब अस्त होंगे उस समय वह कर्क राशि में विचरण कर रहे होंगे लेकिन जब उनका उदय होगा, उस समय वह अपनी स्वयं की राशि कन्या राशि में पहुंच चुके होंगे।
कर्क राशि के जातकों का स्वभाव
कर्क राशि, जो जल तत्व की राशि है, इसके स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक माना गया है, इसलिए इस राशि के जातकों का स्वभाव बहुत ही भावुक, संवेदनशील और करुणामय होता है। कर्क राशि के जातक अपने आसपास के वातावरण और लोगों की भावनाओं को बहुत गहराई से महसूस करते हैं। ये दूसरों के दुख-सुख से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं और अक्सर उनकी मदद के लिए तैयार रहते हैं।
इनका सबसे बड़ा गुण इनकी परिवार के प्रति निष्ठा और समर्पण होता है। ये लोग घर, माता-पिता, बच्चों और अपने रिश्तों को बहुत अहमियत देते हैं। ये आदर्श गृहस्थ माने जाते हैं। चंद्रमा के प्रभाव के कारण इनका मन बहुत जल्दी बदलता है। कभी ये बेहद खुश और उत्साहित होते हैं तो कभी अचानक उदास और चुपचाप हो जाते हैं। इन्हें मानसिक स्थिरता की विशेष आवश्यकता होती है।
कर्क राशि के जातक अपने प्रियजनों की रक्षा करने वाले और सुरक्षा देने वाले होते हैं। ये अपने सगे-संबंधियों के लिए ढाल बनकर खड़े रहते हैं। इसके अलावा, ये अपनी भावनाओं को जल्दी व्यक्त नहीं करते हैं। बाहर से शांत दिखने वाले ये लोग अंदर से भावनाओं का समंदर होते हैं। कभी-कभी इनकी अधिक भावुकता इन्हें आत्मकेंद्रित बना सकती है।
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ज्योतिष में बुध अस्त का अर्थ
ज्योतिष शास्त्र में बुध अस्त का अर्थ है, जब बुध ग्रह सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाता है, जब वह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है। इस स्थिति को अस्त होना कहता हैं। जब कोई ग्रह 10 डिग्री के दायरे में आता है, तो उसे अस्त मान लिया जाता है। बुध चूंकि सूर्य के सबसे निकट ग्रह है इसलिए यह अक्सर अस्त होते रहते हैं।
बुध ग्रह बुद्धि, तर्क शक्ति, संवाद, गणना और वाणिज्य के कारक होते हैं। इसके अस्त होने से इन क्षेत्रों में बाधाएं आती हैं। व्यापारिक फैसलों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, खासकर अगर आपकी कुंडली में बुध प्रधान ग्रह है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में मन नहीं लगता, ध्यान भटकता है। लोगों के बीच गलतफहमियां बढ़ सकती है क्योंकि बुध संप्रेषण का कारक है। इसके अलावा, शरीर में तंत्रिका तंत्र या त्वचा संबंधित दिक्कतें सामने आ सकती हैं।
बुध ग्रह तब अधिक प्रभावी होता है जब वह आपकी कुंडली में लग्न यानी पहले, चौथे, पांचवें, दसवें या एकादश भाव में स्थित हो और अस्त हो जाए या यदि बुध महादशा या अंतर्दशा में चल रहा हो।
सभी 12 भावों पर बुध अस्त का प्रभाव
पहला भाव : आत्मविश्वास में कमी देखने को मिलती है, निर्णय लेने में झिझक होती है, बोलचाल में गड़बड़ी होती है। जिसके चलते लोग आपकी बातों को गलत समझ सकते हैं।
दूसरा भाव : वाणी में कटुता, परिवार में मतभेद, आर्थिक नुकसान की संभावना होती है। इसके परिणामस्वरूप बचत में रुकवटें या अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं।
तीसरा भाव : छोटे भाई-बहनों से तनाव, आत्म, प्रेरणा में कमी होती है। इसके कारण योजनाएं अधूरी रह सकती हैं, मेहनत का फल देर से मिल सकता है।
चौथा भाव : पारिवारिक असंतोष, वाहन या संपत्ति से संबंधित चिंताएं बढ़ सकती है। जिसके चलते घर सदस्यों से संवाद में तनाव हो सकता है।
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पांचवां भाव : पढ़ाई में बाधा, संतान से जुड़ी चिंताएं, प्रेम-संबंधों में उलझन हो सकती है। परिणामस्वरूप विद्यार्थियों को समझ में दिक्कत हो सकती है।
छठा भाव : शत्रु लाभ उठाने की कोशिश करेंगे, स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप नसों या तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती है।
सातवां भाव : दांपत्य जीवन में गलतफहमियां, व्यापारिक साझेदारी में भ्रम उत्पन्न हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप रिश्तों में ठहराव या संवाद की कमी महसूस हो सकती है।
आठवां भाव : मानसिक बेचैनी, गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, रिसर्च, टैक्स या बीमा जैसे क्षेत्रों में सावधानी जरूरी है।
नौवां भाव : धर्म, आस्था व भाग्य में विश्वास कम हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप उच्च शिक्षा या विदेश यात्रा में रुकावटें आ सकती हैं।
दसवां भाव : करियर में भ्रम, निर्णय में देरी, अधिकारी से मनमुटाव आदि समस्याएं सामने आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप प्रमोशन या अवसरों में देरी हो सकती है।
ग्यारहवां भाव : लाभ के अवसर छूट सकते हैं, दोस्तों से गलतफहमी हो सकती है। परिणामस्वरूप मेहनत का पूरा फल न मिले।
बारहवां भाव : मानसिक अशांति, अनावश्यक खर्च, नींद की कमी हो सकती है। इसके साथ ही, विदेश से जुड़े कामों में सावधानी रखें।
बुध कर्क राशि में अस्त का प्रभाव
जब बुध ग्रह कर्क राशि में अस्त होता है, तो इसका प्रभाव गहराई से मानसिकता, भावनाओं और संवाद पर पड़ता है। कर्क राशि चंद्रमा की राशि है, जो भावनाओं और घर-परिवार का प्रतिनिधित्व करती है और जब बुध, जो बुद्धि, तर्क, वाणी और व्यापार के कारक है, यहां अस्त हो जाते हैं, तो वह अपनी शक्ति खोने लगते हैं। अस्त बुध के कारण व्यक्ति भावनात्मक तौर पर ज्यादा सोचने लगता है, लेकिन निर्णय में स्पष्टता नहीं रहती। सोचने और बोलने में तालमेल की कमी होती है।
इसके अलावा, बुध अस्त होने पर घर सदस्यों से बात करते समय गलतफहमी हो सकती है। ऐसा व्यक्ति अपनी बात ठीक से नहीं रख पाता, जिससे घर में तनाव बढ़ सकता है। बुध का संबंध वाणी से होता है। अस्त बुध के कारण व्यक्ति भावनाओं में बहकर कुछ ऐसा बोल सकता है, जो दूसरों को चुभे, फिर उसे पछताना पड़ सकता है। जो लोग व्यापार करते हैं या मैनेजमेंट से जुड़े हैं, उन्हें इस समय सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए क्योंकि तर्कशक्ति कमजोर हो सकती है।
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बुध कर्क राशि में अस्त : प्रभावशाली उपाय
बुध मंत्र का जाप करें
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” या “ॐ बुं बुधाय नमः। प्रतिदिन 108 बार जप करें, खासकर बुधवार को। यह बुध की शक्ति को जागृत करता है और वाणी में संतुलन लाता है।
तुलसी की पूजा करें
प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें। उसमें दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। बुध ग्रह का संबंध तुलसी से होता है, यह उपाय बहुत प्रभावी माना गया है।
हरे कपड़े पहनें
हरे रंग के कपड़े पहनें, विशेषकर बुधवार के दिन। इसके अलावा, हरे मूंग दाल का सेवन करें या दान करें।
बुध ग्रह से जुड़े वस्त्र दान करें
बुधवार को किसी गरीब या ब्राह्मण को हरी मूंग, हरे कपड़े, पत्तेदार सब्जियां या पन्ना जैसे हरे रत्न का छोटा टुकड़ा दान करें।
गौ माता की सेवा करें
गाय को हरा चारा खिलाना बुध ग्रह को प्रसन्न करता है।विशेषकर बुधवार के दिन ये उपाय अधिक प्रभावी माना गया है।
पन्ना रत्न या चांदी धारण करें
यदि आपकी कुंडली में बुध शुभ है, तो पन्ना धारण किया जा सकता है। इसके अलावा, चांदी का छल्ला भी बुध दोष को शांत करता है।
बच्चों और छात्रों के लिए उपाय
स्टडी टेबल पर हरे रंग का कपड़ा बिछाएं। गणेशजी की मूर्ति रखें और “ॐ गण गणपतये नमः” का जप कराएं।
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बुध कर्क राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध ग्रह के अस्त होने के कारण आपके आत्मविश्वास में थोड़ी बहुत कमजोरी देखने को मिल सकती है जबकि…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
बुध कर्क राशि में अस्त आपके तीसरे भाव में होगा। अस्त होने के कारण, बुध आर्थिक मामलों और तीसरे भाव से…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
बुध ग्रह के अस्त रहने की अवधि में स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं दिखानी…(विस्तार से पढ़ें)
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कर्क राशि
हालांकि प्रथम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन प्रथम भाव…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
अस्त रहने की अवधि का एक बड़ा हिस्सा तुलनात्मक रूप से कमजोर परिणाम दे सकता है। साथ…(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
बुध बहुत कम समय के लिए लाभ भाव में गोचर करेगा लेकिन अधिकांश समय व्यय भाव…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
भले ही भाग्य भाव का स्वामी अस्त है ऐसे में भाग्य का तुलनात्मक रूप से कम सपोर्ट मिले लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
बुध ग्रह का गोचर बहुत कम समय अवधि के लिए रहेगा लेकिन दसवें भाव में अधिकांश समय रहने वाला है…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
वरिष्ठों का सम्मान करें और सहकर्मियों के साथ तालमेल बिठाते हुए आगे बढ़ें। यदि संभव हो तो…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
भाग्य भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन अपनी राशि में होने के कारण…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
प्रेम संबंध हो या फिर दांपत्य संबंध दोनों ही मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। बेहतर होगा…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
व्यापार व्यवसाय या रोजगार के मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। अर्थात अस्त होने…(विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कर्क राशि में बुध अस्त 29 अगस्त 2025 को होगा।
बुध ग्रह ज्योतिष में बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, शिक्षा, और व्यापार का कारक माना जाता है।
कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। चंद्रमा को मन, भावनाओं और मानसिक स्थिति का प्रतिनिधि माना जाता है।