‘दंगल’ फेम अभिनेत्री ज़ायरा वसीम ने अचनाक ही अपने फैंस सहित सभी को चौंका कर रख दिया है। इसके पीछे वजह है उनका बॉलीवुड को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कहना। उनके इस फैसले ने ना केवल फ़िल्मी गलियारों में हलचल मचा दी है बल्कि इसे कुछ लोग राजनीतिक मोड़ देने का भी प्रयास कर रहे हैं।
ज़ायरा ने बॉलीवुड को करियर के रूप में चुनना ईमान से भटकना बताया
अभिनेत्री ज़ायरा वसीम का फ़िल्मी करियर से संन्यास लेने का फैसला निजी हो सकता है लेकिन ये चर्चा का विषय इसलिए बनता जा रहा है क्योंकि उनका ये फैसला धर्म से जुड़ा है। जी हाँ, बता दें कि उन्होनें इंस्टाग्राम और ट्विटर पर लिखी अपनी चिट्टी के ज़रिये ये बताया है कि एक अभिनेत्री के तौर पर काम करना उन्हें अपने धर्म के खिलाफ जाना लग रहा था और वो कभी भी अपने इस फैसले से खुश नहीं थीं। उन्होनें साफ़ तौर पर ये कहा है बॉलीवुड का रास्ता उन्हें अल्लाह से दूर और इमान के रास्ते से भटकाता है।
बॉलीवुड छोड़ने की पहले से बना रही थीं योजना
अपने लिखे सोशल मीडिया पोस्ट में ज़ायरा ने ये बात साफ़ की है वो पिछले पाँच सालों से अपनी अंतरात्मा से लड़ती आ रही हैं। उन्होनें एक अभिनेत्री बनने का फैसला खुद लिया था लेकिन अपने इस फैसले से वो कभी भी पूरी तरह से खुश नहीं थीं। उन्होनें ये बात भी कही है की फ़िल्मी दुनिया से जुड़े रहना उन्हें नाम और फेम तो दिलाती है लेकिन साथ उनके धर्म इस्लाम से उन्हें दूर भी ले जाती है। हालाँकि इसके वाबजूद भी वो बीते काफी समय से खुद को ये बात समझाती आयी हैं कि वो जो कर रही हैं वो सही है लेकिन अंत में वो अपने धर्म के हाथों हार गयी। उनका करियर उन्हें अपने धर्म के बताये रास्ते पर नहीं ले जाता है और इसलिए उन्होनें फ़िल्मी दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कहने का फैसला लिया है।
नेशनल अवार्ड विनर रह चुकी हैं ज़ायरा
ज़ायरा वसीम ने फिल्म “दंगल” में गीता फोगाट के बचपन का रोल निभाकर लाखों लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। फिल्म में उनकी एक्टिंग इतनी जबरदस्त थी कि लोग ये मानने लगे थे कि ज़ायरा भविष्य में और भी बेहतरीन अदाकारा के रूप में सामने आएंगी। इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इतना नाम और शोहरत हासिल करने के बाद भी ज़ायरा ने जब ये कदम उठाया तो यक़ीनन उनके चाहने वालों को एक झटका जरूर लगा है।
ज़ायरा के इस फैसले पर ओमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट कर कहा है की “हममें से किसी को भी ज़ायरा के इस फैसले पर सवाल उठाने का कोई हक़ नहीं है। ये उनकी जिंदगी है उन्हें जैसा अच्छा लगे कर सकती हैं। हम सिर्फ उन्हें शुभकामनाएं दे सकते हैं और इस बात की उम्मीद कर सकते हैं वो जीवन में जो भी करें उसमें उन्हें ख़ुशी मिले।