जानें सावन के माह में बेटियों का मायके जाना क्यों माना जाता है शुभ !

जैसा की आप सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में सावन माह को विशेष महत्व दिया जाता है। शिव जी के पवित्र माह में यूँ तो बहुत सी ऐसी मान्यताएं हैं जिनका पालन लोग करते हैं। इन्हीं में से एक है विवाहित बेटियों का उनके मायके जाना। आज हम आपको बताने जा रहे हैं की आखिर सावन के माह में बेटियों का उनके मायके जाने के पीछे क्या मान्यता है और इसे क्यों बेहद शुभ माना जाता है। हिन्दू धर्म में सावन के माह में बेटियों का उनके मायके जाने की एक ख़ास परंपरा है। आइये जानते हैं इससे जुड़ी कुछ अहम बातों के बारे में।

सावन माह में विवाहित बेटियों के मायके जाने का महत्व

आपको बता दें कि हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विवाह के बाद खासतौर से पहले सावन में विवाहित बेटियों का उनके मायके जाना खासतौर से काफी मायने रखता है। ऐसा माना जाता है इस माह में बेटियों का उनके मायके जाने से उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। हिन्दू धर्म के इस परंपरा को खासतौर से विवाहित महिलाओं की स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इस परंपरा के पीछे ऐसी मान्यता है कि, किसी भी परिवार में बेटियों का रहना सौभाग्य और लक्ष्मी के आने का प्रतीक होता है। विवाह के बाद बेटियां जब ससुराल जाती हैं तो अपना सौभाग्य भी साथ ले जाती है, जिसका विपरीत प्रभाव उसके मायके पर पड़ सकता है। इसलिए शादी के बाद पहले सावन माह में बेटियों का मायके आना बेहद ख़ास माना जाता है। इस दौरान कुछ विशेष उपाय करने से मायके के हालात में काफी सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

सावन माह में बेटियों के घर आने पर जरूर करें ये उपाय

  • सावन के माह में विवाहित बेटियों के मायके आने पर एक तुलसी का पौधा जरूर लगवाएं। ऐसा करना आपके लिए विशेष लाभदायी साबित हो सकता है।
  • इस दौरान जब तक बेटी घर में रहे नियमित रूप से उस तुलसी के पौधे के आगे सुबह शाम एक दीया अवश्य जलाएं।
  • माँ-बाप बेटी की अच्छी सेहत और सुखी जीवन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।
  • बेटी के घर आने के बाद किसी भी मंगलवार को उसके हाथ से गुड़ लेकर, उसे किसी मिटटी के बर्तन में रखकर जमीन के अंदर दबा दें। ऐसा करने से घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती।
  • उपरोक्त उपाय को करने से आपके मकान बनाने की इच्छा भी जल्द पूरी हो जाती है।
  • कर्जों से मुक्ति पाने के लिए बेटी के मायके आने के बाद किसी बुधवार को एक सुपारी में रखा धागा बांधकर उसे पीले कपड़े में लपेट कर पूजा घर में रख दें।

बहरहाल हम कह सकते हैं कि सावन के माह में बेटियों का उनके मायके आने के पीछे ये सभी प्रमुख वजह है। इसलिए हिन्दू धर्म में इस माह में विशेष रूप से विवाहित बेटियों का उनके मायके जाना अनिवार्य माना गया है।

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