बुधवार व्रत से करें भगवान बुध को खुश, जानें नियम और पूजा विधि

हिन्दू ज्योतिषशास्त्र के अनुसार बुधवार को अगर कोई व्यक्ति व्रत रखता है तो उसके ज्ञान में वृद्धि होती है। जो लोग व्यापार से जुड़े हैं और इस क्षेत्र में आने वाली बाधाओं से बचना चाहते हैं तो ऐसे लोगों के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है और इसके अच्छे परिणाम उनको नहीं मिलते तो ऐसे लोगों के लिए भी बुधवार का व्रत करना बहुत फलदायी माना जाता है। अगर कुंडली में बुध अशुभ भाव का स्वामी है तो ऐसे जातकों को भी बुधवार का व्रत रखना चाहिए। आज हम आपको बताते हैं कि, बुधवार व्रत का क्या महत्व है, इस व्रत में पूजा की क्या विधि है, इसका उद्यापन कैसे किया जाता है? तो आइए जानते हैं विस्तार से बुधवार व्रत के बारे में।    

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बुधवार व्रत का महत्व

जो लोग बुधवार को सच्चे मन से व्रत लेते हैं उनको इसके कई अच्छे फल मिलते हैं। बुधवार को व्रत रखने से मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है और साथ ही उन्हें सोचने-समझने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। बुधवार का व्रत बुध ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए भी रखा जाता है। इसके अलावा इस व्रत को रखने से घर में धन और सुख समृद्धि आती है। बुध एक सौम्य ग्रह है जिसके अच्छे प्रभाव इंसान को कई उपलब्धियाँ दिलाते हैं इसलिए कई लोग इस व्रत का पालन करते हैं। 

बुध को मजबूत करने के लिए बुध यंत्र को बुध की होरा और बुध के नक्षत्र के समय करें स्थापित। 

बुधवार व्रत की संपूर्ण विधि 

बुधवार के दिन व्रत रखें और भगवान बुध की पूजा करें। इस दिन पूजा के वक्त बुधवार व्रत कथा का पाठ करें और उसके बाद आरती करें। उपवास में दिन के वक्त न सोए व किसी से वाद-विवाद करने से बचें। सूर्यास्त के बाद पूजा करें और भगवान बुध को दीप, धूप, गुड़ और दही चढ़ाएं। पूजा समाप्ति के बाद सबको प्रसाद बांटें और अंत में खुद प्रसाद का सेवन करें। 

बुधवार व्रत की पूजा सामग्री

बुधवार व्रत की पूजा को करने के लिए कुछ चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। जिनके बिना पूजा अधूरी रहती है। ये चीजें हैं:-

  1. भगवान बुध की मूर्ति
  2. कांस्य का एक पात्र
  3. हरा वस्त्र 
  4. पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही, घी, शहद एवं शर्करा मिला हुआ)
  5. पान, सुपारी, लौंग, इलाइची
  6. कपूर और पूजा के पात्र 

बुधवार व्रत का उद्यापन

व्रत रखने से पहले संकल्प करना चाहिए कि कितने व्रत लिए जाने हैं और व्रत पूरे होने पर उद्यापन ज़रूर किया जाना चाहिए।

बुधवार व्रत का उद्यापन करते वक़्त इन बातों का रखें विशेष ध्यान:-

  • बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म करने के बाद स्नान कर लें।
  •  इसके बाद अपने पूजा घर को स्वच्छ करें और पूजा की सारी सामग्री एकत्रित कर लें। 
  • एक लकड़ी की चौकी लें और उसपर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं। कांस्य पात्र को उसपर रखें और पात्र के ऊपर बुध देव की तस्वीर या प्रतिमा रखें और आसन लगाकर पूजा घर के सामने बैठ जाएं। 
  • दिया जलाकर बुध देव की पूजा करनी चाहिए और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए। 

             “बुध त्वं बुद्धिजनको बोधद: सर्वदा नणाम 

तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः!”   

  • आप बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए बुध के बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!”

  • पुष्प, गंध, धूप, नैवेद्य, फल, फूल, दक्षिणा, पान, आदि बुधदेव को अर्पित करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन करवाए और उनका आशीर्वाद लें।  
  • हवन के समापन पर जितना हो सके दान करें।

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