वृषभ में वक्री बुध-सूर्य की युति से किसे मिलेगा लाभ-किसे रहना होगा सावधान?

मई का महीना भी तमाम महत्वपूर्ण ग्रहों के गोचर, साल के पहले चंद्रग्रहण, और अलग-अलग ग्रहों के संयोजन का गवाह बनेगा। एक ऐसी ही युति मई के महीने में होने जा रही है जिसे ज्योतिष दुनिया में बेहद ही महत्वपूर्ण कहा जाता है। यह युति है वृषभ राशि में सूर्य और बुध (वक्री) की युति। अपने इस विशेष ब्लॉग में आज हम आपको बताएंगे सूर्य और बुध की युति का जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह युति किन राशि के लोगों के लिए शुभ रहने वाली है और इससे किन राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता पड़ेगी।

साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएँगे कुंडली में सूर्य और बुध को मजबूत बनाने के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं। सबसे पहले आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मई के महीने में सूर्य और बुध की युति कब होने जा रही है।

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वृषभ में सूर्य-बुध (वक्री) की युति: समय

बुध और सूर्य की युति का समय जानने से पहले हम आपको बता दें कि 25 अप्रैल को बुध का गोचर हुआ था जिसमें बुध ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश कर गया था। इसके बाद 10 मई को बुध ग्रह वृषभ राशि में वक्री हो जाएगा, फिर 13 मई को वृषभ राशि में बुध अस्त हो जाएगा। इसके बाद 3 जून को वृषभ राशि में बुध मार्गी होगा और अंत में 2 जुलाई को बुध ग्रह मिथुन राशि में गोचर करेगा। ऐसे में 68 दिनों की अवधि के लिए बुध ग्रह वृषभ राशि में ही रहेगा। 

इसी दौरान 15 मई को सूर्य ग्रह वृषभ राशि में गोचर कर जाएगा। ऐसे में बुध और सूर्य की युति 15 मई से प्रारंभ होगी और इसके बाद 15 जून को जब सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर जाएगा तब यह युति समाप्त हो जाएगी। यहां यह जानना बेहद आवश्यक है कि बुध-सूर्य की इस युति के समय बुध ग्रह अपनी वक्री अवस्था में रहने वाला है।

सूर्य-बुध की युति से बनता है ‘बुधादित्य’ राजयोग 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य और बुध दोनों ही ग्रहों को बेहद ही महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है। जहां एक तरफ सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता, सम्मान, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, सरकारी नौकरी, आदि का कारक माना जाता है वहीं बुध ग्रह को ज्ञान, बुद्धि, संयम, व्यापार, व्यवसाय का कारक माना गया है। 

कहा जाता है कि यदि कुंडली में सभी ग्रह कमजोर हों और अकेला सूर्य ग्रह मजबूत हो तो भी ऐसे जातक भाग्यशाली होते हैं लेकिन इसके विपरीत यदि सारे ग्रह शुभ और मजबूत स्थिति में हों और सूर्य ग्रह खराब हो तो व्यक्ति को अपने जीवन में वह मान सम्मान और सुख नहीं प्राप्त होता जिसका वह हकदार होता है।

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अब जान लेते हैं कुंडली में सूर्य और बुध की युति से बनने वाले बुधादित्य योग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। 

  • जब किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य और बुध एक साथ किसी भाव में स्थित होते हैं तो इससे बुधादित्य योग का निर्माण होता है। 
  • बुधादित्य योग को ज्योतिष के दुनिया में राजयोग की श्रेणी में रखा गया है। 
  • हालांकि यहां यह जानना बेहद आवश्यक है कि जरूरी नहीं है कि बुधादित्य योग सभी लोगों के लिए हमेशा शुभ फल ही लेकर आए। 
  • यह योग कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति, उनके प्रभाव, अन्य ग्रहों की दृष्टि के अनुसार भी फल देने के लिए जाना जाता है। 
  • इसके अलावा यहां यह बात जाना बेहद आवश्यक है कि यह योग तभी शुभ फल देता है जब सूर्य और बुध जातक की कुंडली में मजबूत अवस्था में मौजूद हों।

बुधादित्य योग से मिलने वाले फल

जिन जातकों की कुंडली में यह योग बनता है वह प्रखर बुद्धि के होते हैं। ऐसे जातक अपने ज्ञान और वाणी के दम पर दुनिया पर राज करते हैं। इसके अलावा ऐसे जातकों की वाक क्षमता काफी शानदार होती है। यह नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा समाज में इन्हें उचित मान-सम्मान, प्रतिष्ठा हासिल होती है।

वक्री बुध का प्रभाव और उपाय 

चूंकि यहां हम जिस युति की बात कर रहे हैं उसमें बुध अपनी वक्री अवस्था में रहने वाला है ऐसे में, यह जानना भी बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर वक्री बुध का क्या प्रभाव होता है और क्या इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं।

आमतौर पर वक्री बुध जातक के जीवन में कई अप्रत्याशित परिवर्तन लेकर आता है। इसके अलावा वक्री बुध के चलते जातक के आचरण में बदलाव भी देखा जा सकता है। वक्री बुध के प्रभाव से लोगों के सोचने समझने की क्षमता और भावना भी प्रभावित होती है। आमतौर पर देखा गया है कि बुध का वक्री रूप जातकों की बुद्धि, वाणी, अभिव्यक्ति, शिक्षा और साहित्य को प्रभावित करता है। इसके अलावा वक्री बुध के चलते जातकों के अंदर झुंझलाहट और बेवजह का गुस्सा भी उत्पन्न होने लगता है। ऐसी स्थिति में लोग फैसले लेने में असमर्थ महसूस करते हैं या गलत फैसले ले लेते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारी:: क्योंकि सूर्य के नजदीक होने पर बुध ग्रह सूर्य के साथ मिलकर बुधादित्य योग का निर्माण करता है ऐसे में इसके फलस्वरूप जातक बुद्धिमान होते हैं। वहीं जब बुध सूर्य से दूर जाता है तो ऐसी अवस्था में बुध वक्री हो जाता है जिसका आमतौर पर जातकों के जीवन पर नकारात्मक या मिश्रित परिणाम देखने को मिलता है।

ऐसे में बुध के वक्री प्रभाव से बचने के क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं आइए जानते हैं इसके बारे में:

वक्री बुध से बचाएंगे ये उपाय

  • बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए बुधवार के दिन व्रत अवश्य रखें। 
  • इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना भी बेहद शुभ माना गया है। 
  • अनाथ बच्चों और गरीब बच्चों की यथाशक्ति अनुसार सहायता करें। 
  • बुधवार के दिन गणेश मंदिर में जाकर लड्डू का भोग लगाएं और फिर इन लड्डू को प्रसाद रूप में स्वयं भी ग्रहण करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को भी खिलाएं। 
  • रात को अपने सिरहाने पानी रखकर सोएँ और सुबह उठकर इस पानी को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें। 
  • छोटी कन्याओं की सेवा करें। 
  • किसी मंदिर में जाकर या फिर किसी योग्य ब्राह्मण को चने की दाल और पीला वस्त्र दान करें।

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इन राशियों को है सावधान रहने की आवश्यकता 

मेष राशि

  • भाई बहनों के साथ वाद-विवाद और गलतफ़हमी की स्थिति बनेगी। 
  • आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। 
  • नौकरीपेशा जातकों को भी इस समय अवधि में ज्यादा तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 
  • आपकी वाणी कठोर हो सकती है जिससे पारिवारिक रिश्तो में दूरियां आने की आशंका है।

वृषभ राशि 

  • जीवन में मानसिक समस्याएं होने की आशंका है। 
  • आपका स्वास्थ भी आपको परेशान कर सकता है। 
  • जीवन साथी के साथ वाद विवाद होने की प्रबल आशंका है। 
  • पेशेवर जातकों को अपने वरिष्ठों और बॉस के साथ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि

  • जीवन साथी के साथ रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। 
  • व्यापारी जातकों के लिए भी समय अनुकूल नहीं रहेगा। इस दौरान आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। 
  • पैसों की लेनदेन करते समय ज्यादा सावधानी बरतें। 
  • इसके अलावा निवेश के लिए भी यह समय कुछ खास अनुकूल नहीं रहेगा। कोई भी फैसला सोच समझ कर लें।

मीन राशि

  • प्रेमी प्रेमिका या जीवनसाथी के साथ रिश्ते में कुछ समस्याएं आने की आशंका है। 
  • भाई बहनों के साथ भी विवाद की स्थिति निरंतर बनी रहेगी। 
  • नौकरीपेशा जातकों को कार्यक्षेत्र में कुछ अहम बदलावों का सामना करना पड़ सकता है। 
  • नया व्यवसाय शुरू करने के लिए यह समय शुभ नहीं रहेगा। ऐसे में ऐसा करने से बचें।

इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम 

कर्क राशि 

  • आर्थिक लाभ के लिहाज से समय बेहद ही अनुकूल रहने वाला है। 
  • पुराने रुके हुए कार्य पूरे और सफल होंगे। 
  • व्यापार में लाभ होगा। नए ग्राहक बनेंगे। 
  • भाई-बहनों और परिवार के लोगों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। 

सिंह राशि 

  • निवेश करने के लिए यह समय बेहद ही शानदार रहेगा।
  •  करियर में शुभ परिणाम हासिल होंगे। 
  • नौकरी पेशा जातकों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि का सुख नसीब होगा। 
  • व्यवसाय के लिहाज से भी समय बेहद अनुकूल रहेगा। इस दौरान आप शक्तिशाली लोगों के साथ संबंध स्थापित करेंगे।

मकर राशि 

  • छात्र जातकों के लिए समय अवधि बेहद ही अनुकूल साबित होगी। पढ़ाई पर ध्यान एकाग्र रहेगा।
  • अपनी रुचि या शौक को पेशे में तब्दील करने के लिए यह समय बेहद ही अनुकूल रहेगा।
  • इसके अलावा नौकरी में कोई परिवर्तन करना चाहते हैं तो उसके लिए भी समय शानदार है। 

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