विपरीत राजयोग: 12 वर्षों बाद बना यह दुर्लभ ‘महा-योग’- 5 राशियों के लिए वरदान!

22 अप्रैल देव गुरु बृहस्पति 12 वर्षों बाद मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं और उनके मेष राशि में प्रवेश करते ही विपरीत राजयोग का निर्माण हो चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विपरीत राजयोग क्या होता है? इससे किन लोगों को लाभ मिलने वाला है? साथ ही वैदिक ज्योतिष में विपरीत राजयोग का क्या महत्व बताया गया है? आपके मन में उठे इन सभी सवालों का जवाब आपको इस ब्लॉग में हम प्रदान करने जा रहे हैं। 

इन सारी बातों की जानकारी के लिए यह ब्लॉग अंत तक अवश्य पढ़ें। 

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विपरीत राजयोग: क्या, क्यों, और कैसे? 

बात करें विपरीत राजयोग क्या होता है तो ज्योतिष में कई शुभ योग बताए गए हैं और इन्हीं में से एक है विपरीत राजयोग, जिसे काफी ज्यादा शुभ माना गया है। 22 अप्रैल को देवगुरु बृहस्पति का मेष राशि में गोचर हुआ तभी से विपरीत राजयोग का निर्माण हुआ है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना गया है कि, कुंडली में जब इस खास राजयोग का निर्माण होता है तो ऐसे जातकों को विशेष शक्ति मिलती है।  

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कब बनता है कुंडली में विपरीत राजयोग? 

ज्योतिष के अनुसार जब कुंडली के छठे, आठवें, बारहवें, भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। यानी कि जब छठे भाव के स्वामी आठवें भाव में या बारहवें भाव में स्थित हो, बारहवें भाव के स्वामी छठे या आठवें भाव में हों तब इस योग का निर्माण होता है।  

विपरीत राजयोग से मिलने वाला फल 

जिन व्यक्तियों की कुंडली में इस बेहद ही शुभ योग का निर्माण होता है उन्हें भूमि, भवन, और वाहन सुख प्राप्त होता है। 

क्या आपकी कुंडली में भी विपरीत राजयोग या ऐसा कोई शुभ राजयोग छुपा हुआ है? तो इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए अभी विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श करें। 

विपरीत राजयोग से इन राशियों की चमकेगी किस्मत 

जैसा कि हमने बताया कि विपरीत राजयोग बेहद ही शुभ होता है। ऐसे में 22 अप्रैल से बना यह विपरीत राजयोग विशेष तौर पर 5 राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा। कौन-कौन सी हैं यह राशियाँ?: मिथुन राशि, तुला राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, और मीन राशि।  

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  • मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों को इस विशेष राजयोग का अपार लाभ मिलेगा, किस्मत आपके पक्ष में रहेगी, आय में वृद्धि होगी, कारोबार में तरक्की मिलेगी और नौकरी पेशा हैं तो नौकरी में भी प्रमोशन के योग बनेंगे। 
  • तुला राशि: तुला राशि के जातकों को इस विपरीत राजयोग का बेहद शुभ परिणाम मिलने वाला है। नौकरी में प्रमोशन मिलेगा, व्यापार करते हैं तो लाभ होगा, अगर लंबे समय से कोई काम रुका हुआ था तो वह पूरा होगा, आय के नए स्त्रोत प्राप्त होंगे और कुल मिलाकर आपकी आर्थिक स्थिति शानदार रहने वाली है। 
  • कर्क राशि: इस विपरीत राजयोग से कर्क राशि के जातकों को ढेरों शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आपको भाग्य का साथ मिलेगा, करियर में तरक्की होगी, आय के नए स्रोत बनेंगे, और सामाजिक मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आएगी। 
  • कन्या राशि: विपरीत राजयोग से कन्या जातकों को भी लाभ मिलेगा, इस दौरान आप जो भी नया काम करना चाहेंगे उसमें आपको सफलता अवश्य मिलेगी, दांपत्य जीवन में पति पत्नी के रिश्ते में सुधार होगा, सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी।  

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  • मीन राशि: मीन राशि के जातकों को भी इस राजयोग का लाभ मिलेगा। आर्थिक लाभ होगा, व्यापारी हैं तो आपको कोई बड़ी डील मिल सकती है, और नौकरी पेशा हैं तो प्रमोशन की उम्मीद की जा सकती है। कुल मिलाकर इस समय अवधि में आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न: वर्ष 2023 में गुरु का गोचर कब होगा? 

उत्तर: 22 अप्रैल, 2023 को बृहस्पति ग्रह मीन से निकलकर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। 

प्रश्न: गुरु ग्रह को किसका कारक माना गया है? 

उत्तर: ज्योतिष में गुरु को आध्यात्मिकता, गुरुओं, ज्योतिषियों, लेखकों, इत्यादि क्षेत्रों में कार्य करने का कारक माना जाता है। 

प्रश्न: गुरु की मित्र राशि कौन सी है? 

उत्तर: मेष राशि, सिंह राशि, कर्क राशि, और वृश्चिक राशि, गुरु की मित्र राशियां हैं।  

प्रश्न: विपरीत राजयोग कितने प्रकार के होते हैं? 

उत्तर: विपरीत राजयोग तीन प्रकार के होते हैं: हर्ष, सरल, और विमल।  

प्रश्न: विपरीत राजयोग क्या होता है? 

उत्तर: जब कुंडली के छठे, आठवें, और बारहवें भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं तो इस विपरीत राजयोग का निर्माण होता है।

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