जनवरी 2023 में बनेगा विपरीत राजयोग, जानें इसका महत्व!

किसी भी जातक के जन्म के वक्त ग्रहों की दशा की गणना के बाद उसकी कुंडली में बनने वाले योग की जानकारी मिलती है। सभी योगों में से राजयोग को सबसे ख़ास और बेहद ही शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से जातक को सुख, समृद्धि, धन और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। जैसा कि हम सभी जानते हैं वैदिक ज्योतिष में कुल 30 से ज्यादा योग होते हैं।

एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको उन्हीं योगों में से एक विपरीत राजयोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, हम विपरीत राजयोग का महत्व, इसके प्रकार और जातकों पर राशि अनुसार इसके प्रभाव के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो आइए बिना देर किए इसकी शुरुआत करते हैं।

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विपरीत राजयोग कैसे बनता है और इसका महत्व क्या है?

ज्योतिष शास्त्र का सबसे शुभ योग है विपरीत राजयोग, जैसा कि इसके नाम से ही समझ आता है ‘विपरीत’ यानी उल्ट अर्थात नकारात्मक भाव के स्वामी की इस योग के निर्माण में अहम भूमिका होती है। कुंडली में जब छठे, आठवें या बारहवें भाव के स्वामी युति में आते हैं, उस समय विपरीत राजयोग का निर्माण होता है।

अगर इसे आसान भाषा में कहें तो, छठे, आठवें या बारहवें भाव के स्वामी कुंडली में इन दो अन्य भावों में से एक में स्थित हो या फिर आठवें भाव के स्वामी छठे या बारहवें भाव में मौजूद हो। तीसरी स्थिति होगी जब बारहवें भाव के स्वामी कुंडली में छठे या आठवें भाव में मौजूद हों। इन तीन परिस्थितियों में विपरीत राजयोग का निर्माण होता है।

विपरीत राजयोग के अनुकूल प्रभाव से निश्चित ही आपको कामयाबी मिलती है। लेकिन आपको ये कामयाबी तभी मिलेगी जब आप मुश्किलों को पार करेंगे। सरल शब्दों में, जिन जातकों की कुंडली में विपरीत राजयोग होता है, उन्हें जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अनेक कठिनाइयों, परेशानियों और नुकसान का सामना करना पड़ता है।

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कितने प्रकार के होते हैं विपरीत राजयोग? 

विपरीत राजयोग तीन प्रकार के होते हैं। अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ये तीन राजयोग कौनसे हैं और कैसे बनते हैं?

हर्ष योग

जातकों की कुंडली में हर्ष राजयोग तब बनता है जब कुंडली में छठे भाव के स्वामी आठवें या बारहवें भाव में मौजूद हो। हर्ष राजयोग के प्रभाव से जातकों को स्वस्थ जीवन, धन-संपत्ति, सुखी पारिवारिक जीवन, समाज में सम्मान और विलासिता से पूर्ण जीवन मिलता है। वहीं अगर छठे भाव के स्वामी छठे भाव में ही मौजूद होंगे, तो हर्ष राजयोग मान्य नहीं होता है।

सरला योग

जब कुंडली में आठवें भाव के स्वामी छठे या बारहवें भाव में मौजूद होते हैं, तब सरला राजयोग बनता है। सरला राजयोग से जातकों को बेहतर चरित्र, धन-संपत्ति, ताकत, शत्रुओं पर विजय आदि प्राप्त होती है। वहीं, हर्ष योग की तरह ही इसमें भी एक स्थिति मौजूद है कि अगर आठवें भाव के स्वामी आठवें भाव में मौजूद हैं, तो सरला राजयोग मान्य नहीं होगा।

विमल योग

बारहवें भाव के स्वामी जब आठवें या छठे भाव में मौजूद होते हैं तो विमल राजयोग का निर्माण होता है। इसके शुभ प्रभाव से जातकों को धन-संपत्ति, अच्छा चरित्र, ताकत, आध्यात्मिक शक्ति जैसे शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं। वहीं अगर बारहवें भाव के स्वामी बारहवें भाव में मौजूद हैं, तो विमल राजयोग नहीं माना जाएगा।

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साल 2023 में कब बनेगा विपरीत राजयोग?

नए साल को लेकर हम सभी काफी उत्सुक हैं और नए साल के पहले महीने यानी जनवरी में कई सारे ग्रहों की दशा में बदलाव होने जा रहे हैं। इन ग्रहों के गोचर में से एक है 17 जनवरी 2023 को होने वाला शनि का अपनी ही राशि कुंभ में गोचर। इस गोचर के साथ अत्यंत शुभ विपरीत राजयोग भी बनेगा जिसका प्रभाव राशिचक्र की हर एक राशि पर पड़ना निश्चित है। लेकिन तीन राशियां ऐसी हैं जिन्हें विपरीत राजयोग का विशेष लाभ प्राप्त होगा। साथ ही, इसके शुभ प्रभाव से जातकों को सम्मान, तरक्की और वृद्धि के नए अवसर भी मिलेंगे। 

तो आइए अब उन राशियों के बारे में जान लेते हैं जिन्हें विपरीत राजयोग का विशेष फायदा मिलने वाला है।

वृषभ
वृषभ राशि के स्वामी हैं शुक्र जो हर तरह के भौतिक सुख और लग्जरी देने के लिए जाने जाते हैं। 17 जनवरी 2023 को जब शनि अपनी राशि परिवर्तन करेंगे, तब इनके गोचर से बनने वाले विपरीत राजयोग का फायदा वृषभ राशि के जातकों को मिलेगा। शनि आपकी राशि में दसवें भाव में गोचर करेंगे और ये भाव नौकरी पेशे और कार्यस्थल को दर्शाता है। 

वृषभ राशि के जातकों को नए साल में हर क्षेत्र में कामयाबी मिलेगी। वहीं आपको आर्थिक रूप से भी कई फायदे प्राप्त होंगे। इसके अलावा, विदेश यात्रा की भी संभावना है और इससे आपको आर्थिक लाभ होगा।

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए विपरीत राजयोग पांचवें भाव में बनेगा और पांचवां भाव बच्चों और प्रेम को दर्शाता है। नए साल में आपको करियर और बिजनेस दोनों में ही कामयाबी मिलेगी। इसके साथ ही आपको अपने बच्चों से कोई ऐसी खबर मिल सकती है जिससे आपके भौतिक सुख में बढ़ोतरी होगी।

धनु

साल 2023 में धनु राशिवालों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती का अंत हो जाएगा जिससे आपको इस साल विपरीत राजयोग के फायदे मिलेंगे। साल 2023 में शनि आपकी कुंडली में तीसरे भाव में गोचर करेंगे और ये भाव शक्ति, बहादुरी और हिम्मत को दर्शाता है। इस साल आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे। आपका काम बहुत अच्छे और सुचारू रूप से चलेगा और ऐसे में करियर में ग्रोथ देखने को मिलेगी, साथ ही आपके वेतन में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

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