शुक्र, जिसे अंग्रेजी में वीनस कहते हैं जिसका अर्थ होता है, सुंदरता का ग्रह वो 17 नवंबर को कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। वैसे तो किसी भी ग्रह का राशि-परिवर्तन इंसान के जीवन पर काफी प्रभाव डालता है, लेकिन शुक्र का यह गोचर ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस गोचर के दौरान शुक्र देव अपनी ही राशि यानी तुला में विराजमान होंगे। ग्रहों के इस राशि परिवर्तन का अपने जीवन पर सटीक और व्यक्तिगत असर जानना चाहते हैं तो अभी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।
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ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप भी इन ज्योतिषीय घटनाओं का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत और विस्तृत बृहत् कुंडली रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है।
शुक्र ग्रह 17 नवंबर 2020, मंगलवार को दोपहर 12 बज-कर 50 मिनट पर, तुला राशि में गोचर करेगा और 11 दिसंबर 2020, शुक्रवार सुबह 05 बजकर 04 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेगा। शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है। इंसान की कुंडली में विवाह से लेकर संतान योग बनाने में शुक्र ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में कुंडली में शुक्र की स्थिति काफी मायने रखती है। जहाँ मीन राशि में शुक्र को उच्च का माना गया है, वहीं शुक्र को कन्या राशि में नीच का कहा जाता है। कुंडली में शुक्र यदि अच्छी अवस्था में मौजूद हो तो इससे इंसान को समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, और दुर्बल या पीड़ित शुक्र सांसारिक सुखों में कमी, आर्थिक हालात में गिरावट और किडनी की समस्या का कारक बनता है।
शुक्र का यह राशि परिवर्तन आपके जीवन पर क्या और कितना असर डालेगा, आइये यह जानने के लिए पढ़ते हैं राशिनुसार भविष्यफल।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
गोचर – मेष राशि फलादेश
आपके लिए शुक्र, दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान शुक्र आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में कुंडली के सातवें भाव से, व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी एवं …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – वृषभ राशि फलादेश
शुक्र आपकी कुंडली में, छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपकी राशि अर्थात, आपके प्रथम भाव के स्वामी भी हैं। इस गोचर के दौरान शुक्र ग्रह आपकी राशि से षष्ठम भाव में संचरण करेगा। ज्योतिष में इस भाव को…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मिथुन राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए, शुक्र देव पाँचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं, तथा गोचर की इस समय अवधि में वे आपकी राशि से पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली में इस भाव को, संतान भाव के नाम से भी जाना जाता है। इस भाव…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – कर्क राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए, शुक्र देव चौथे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी होकर, गोचर काल में वे आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करने वाले हैं। कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से माता,…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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गोचर – सिंह राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए शुक्र देव, तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और मीन राशि में गोचर करते हुए, वे आपके तृतीय भाव में संचरण करेंगे। कुंडली में तीसरे घर को सहज भाव कहा जाता है। इस भाव से व्यक्ति के …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – कन्या राशि फलादेश
कन्या राशि के लोगों के लिए, शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर की अवधि में वे आपकी राशि से द्वितीय भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। ज्योतिष में दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी,…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – तुला राशि फलादेश
आपके लिए शुक्र देव की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वह आपके अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ ही, आपकी राशि के स्वामी भी हैं। अर्थात आप के प्रथम भाव के स्वामी भी हैं और साथ ही इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – वृश्चिक राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए, शुक्र देव सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं तथा गोचर की इस अवधि में वे, आपके द्वादश भाव में जाएंगे। ज्योतिष में यह भाव व्यय भाव कहलाता है। इस भाव से ख़र्चे, हानि, मोक्ष, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो
गोचर – धनु राशि फलादेश
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह, छठे भाव के साथ ही ग्यारहवें भाव के स्वामी भी हैं। गोचर की इस अवधि में वे आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करेगा। कुंडली में एकादश भाव को…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मकर राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए ,शुक्र देव पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और गोचर की इस अवधि में, वे आपके दशम भाव में संचरण करेंगे। ज्योतिष में दशम भाव करियर एवं प्रोफेशन, पिता की स्थिति, रुतबा, …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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गोचर – कुंभ राशि फलादेश
कुंभ राशि के लोगों के लिए शुक्र ग्रह, एक योगकारक ग्रह है, क्योंकि वह आपके केंद्र भाव (चौथे) और त्रिकोण भाव (नवें) के स्वामी हैं, इसलिए आपके लिए भी यह गोचर काफी महत्वपूर्ण रहेगा। अपने इस गोचर काल में, शुक्र देव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर – मीन राशि फलादेश
आपकी राशि के लिए, शुक्र ग्रह तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। अपने इस गोचर की अवधि में वे आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेगा। ज्योतिष में कुंडली के अष्टम भाव को, आयुर्भाव कहा जाता है। इस भाव से …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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