शुक्र का राशि परिवर्तन और उससे आपके राशिफल पर पड़ने वाला प्रभाव
29 फ़रवरी 2020 को 01 बजकर 31 मिनट पर शुक्र अपनी उच्च मानी जाने वाली राशि मीन से राशि परिवर्तन कर के मेष राशि में परिवर्तन करने वाला है। इस गोचर में शुक्र अपनी उच्च राशि को त्यागकर आगे बढ़ रहा है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का बहुत महत्व बताया गया है।
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शुक्र ग्रह को भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि जिस भी इंसान की कुंडली में शुक्र अच्छी स्थिति में होता उन्हें घर, गाड़ी, महँगे कपड़े इत्यादि जैसे सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति अवश्य होती है। लेकिन अगर किसी इंसान की कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है तो इससे उनको जीवन में सुख की कमी के साथ-साथ शादीशुदा जीवन में भी दुख उठाना पड़ता है। साथ ही ऐसे लोगों को गंभीर रोग होने की भी संभावना बढ़ जाती है। आईये अब जानते हैं कि शुक्र के मेष राशि में गोचर का सभी राशियों के लोगों पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है।
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मेष राशि : आपके लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर की अवधि में वे आपके प्रथम भाव में विराजमान होंगे। शुक्र की उपस्थिति इस भाव में होने से आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा, जिसकी वजह से आप काफी प्रसन्न भी रहेंगे और……..आगे पढ़ें
वृषभ राशि : शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपकी राशि अर्थात आप के प्रथम भाव के स्वामी भी हैं। राशि स्वामी का गोचर विशेष रूप से फल देने में सक्षम होता है, इसलिए आपके लिए गोचर काफी……..आगे पढ़ें
मिथुन राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र देव पाँचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं तथा गोचर की इस समय अवधि में वे आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। शुक्र देव की कृपा से आपको धन की प्राप्ति होगी और सहज रूप से धन आपके लिए उपलब्ध होगा……..आगे पढ़ें
कर्क राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र देव चौथे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी होकर गोचर काल में वे आपके दशम भाव में अपना प्रभाव दिखाएँगे। दशम भाव से प्रोफेशन का पता लगाया जाता है। शुक्र की उपस्थिति इस भाव में होने से आपको कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है……..आगे पढ़ें
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सिंह राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र देव तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और मीन राशि में गोचर करते हुए आपके नवें भाव में गोचर करेंगे। नवम भाव भाग्य का स्थान भी होता है और कर्म भाव यानी शुक्र के अपने भाव से द्वादश स्थान होने के कारण शुक्र के इस गोचर काल में……..आगे पढ़ें
कन्या राशि : कन्या राशि के लोगों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर की अवधि में वे आप के आठवें भाव में गोचर करेंगे। अष्टम भाव को अनिश्चितता और अचानक से होने वाले घटनाक्रम से संबंधित माना जाता है……..आगे पढ़ें
तुला राशि : आपके लिए शुक्र देव की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वह आपके अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ ही आपकी राशि के स्वामी भी हैं। अर्थात आप के प्रथम भाव के स्वामी भी हैं, इसलिए गोचर का यह समय आपके लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा……..आगे पढ़ें
वृश्चिक राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र देव सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं तथा गोचर की इस अवधि में आप के छठे भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र का गोचर छठे भाव में आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं होगा, इसलिए आपको इस दौरान थोड़ा सावधानी बरतनी होगी……..आगे पढ़ें
धनु राशि : धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह छठे भाव के साथ ही ग्यारहवें भाव के स्वामी भी हैं। गोचर की इस अवधि में वे आपके पांचवें भाव में विराजमान होंगे। पाँचवाँ भाव बुद्धि, प्रेम और संतान का भाव भी कहा जाता है, इसलिए शुक्र के इस भाव में गोचर……..आगे पढ़ें
मकर राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र देव पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और गोचर की इस अवधि में वे आपके चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र आप आपके लिए एक योगकारक ग्रह की भूमिका भी निभाते हैं, इसलिए शुक्र का गोचर आपके लिए काफी……..आगे पढ़ें
कुम्भ राशि : कुंभ राशि के लोगों के लिए शुक्र ग्रह एक योगकारक ग्रह है क्योंकि वह आपके केंद्र भाव (चौथे) और त्रिकोण भाव (नवें) के स्वामी हैं, इसलिए आपके लिए भी यह गोचर काफी महत्वपूर्ण रहेगा। अपने इस गोचर काल में शुक्र देव आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे, जिसकी वजह से आपका……..आगे पढ़ें
मीन राशि : आपकी राशि के लिए शुक्र ग्रह तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। अपने इस गोचर की अवधि में वे आप के दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। दूसरा भाव धन भाव भी कहलाता है, इसलिए शुक्र के इस भाव में गोचर का प्रभाव आपको……..आगे पढ़ें
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