9 दिन में शुक्र होंगे अस्त और गोचर: जानें इसका प्रभाव और रिश्ते सुधारने के उपाय!

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह को सुख, विलासिता, सुंदरता, प्रेम, और रोमांस का ग्रह कहा जाता है। ऐसे में स्वाभाविक सी बात है जब भी शुक्र का कोई भी परिवर्तन होता है फिर वह चाहे शुक्र का गोचर हो या स्थिति परिवर्तन इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं, विशेष तौर पर रिश्तो के संबंध में।

ऐसे में सितंबर के महीने में जब शुक्र ग्रह गोचर और स्थिति परिवर्तन करने जा रहा है तो स्वाभाविक सी बात है इसका सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा। तो इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि सितंबर के महीने में शुक्र के यह अहम परिवर्तन कब कब होने वाले हैं, इसके प्रभाव से किन राशि के जातकों के रिश्ते में सुधार आएगा, वहीं किन्हें अपने रिश्ते के प्रति ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता पड़ेगी। 

साथ ही जानते हैं कि किन लोगों के जीवन में शुक्र के यह परिवर्तन शुभ परिणाम लेकर आएंगे और किन्हें इस दौरान सावधानी पूर्वक चलने की आवश्यकता पड़ेगी।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

कब-कब होंगे शुक्र के यह परिवर्तन?

शुक्र का पहला परिवर्तन होगा शुक्र का सिंह राशि में स्थिति परिवर्तन। इस दौरान 15 सितंबर, 2022 को शुक्र सिंह राशि में स्थित हो जाएगा। बात करें समय की तो, 15 सितंबर 2022 को सुबह 02 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और फिर 2 दिसंबर को सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर सिंह राशि में शुक्र अस्त की अवस्था समाप्त हो जाएगी। 

इसके बाद शुक्र का दूसरा परिवर्तन होगा शुक्र का राशि परिवर्तन। जब वह 24 सितंबर को कन्या राशि में गोचर कर जाएंगे। बात करें गोचर के समय अवधि की तो, 24 सितंबर 2022, शनिवार को रात 8 बजकर 51 मिनट पर होगा जब वो सिंह राशि से निकलकर बुध की कन्या राशि में गोचर करेंगे। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

शुक्र का गोचर और अस्त होना 

खगोल विज्ञान के अनुसार शुक्र को एक चमकीला ग्रह माना गया है। अंग्रेजी में इसे विनस कहते हैं और यह एक बेहद ही शुभ ग्रह है। बहुत से लोग शुक्र को पृथ्वी की बहन भी कहते हैं। शुक्र ग्रह सूर्य उदय और सूर्य उदय से पहले और सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लिए सबसे तेज चमकता है और यही वजह है कि इसे भोर का तारा या सांझ का तारा भी कहा जाता है। इसके अलावा पौराणिक मान्यता के अनुसार शुक्र ग्रह असुरों के गुरु हैं इसलिए उन्हें शुक्राचार्य भी कहा जाता है।

शुक्र ग्रह का संबंध धन की देवी महालक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है और यही वजह है कि हिंदू धर्म के लोग धन, वैभव और ऐश्वर्य की कामना के लिए शुक्रवार के दिन व्रत करते हैं। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में होता है उन्हें भी शुक्रवार का व्रत करने की सलाह दी जाती है।

बात करें इस शुभ ग्रह शुक्र के गोचर की तो यह तकरीबन 23 दिनों तक एक राशि में रहता है और फिर अपना राशि परिवर्तन अर्थात गोचर कर लेता है। ठीक इसी तरह जब कोई भी ग्रह सूर्य के एक निश्चित दायरे में आ जाता है तो उसे अस्त होना कहते हैं और यह दोनों ही घटनाएं सितंबर के महीने में होने वाली है। यानी सितंबर के महीने में जहां एक तरफ शुक्र गोचर करेगा वहीं दूसरी तरफ अस्त भी हो जाएगा।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

अस्त शुक्र का अर्थ होता है कि, जब सूर्य के सूर्य की निकटता के चलते सूर्य ग्रह शुक्र ग्रह की ऊर्जा को अपने अंदर समाहित कर लेता है। शुक्र अस्त की इस अवधि के दौरान जीवन में जातकों को एक अजीब सा खालीपन महसूस हो सकता है। इस दौरान आप अपने व्यक्तिगत संबंधों से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा शुक्र ग्रह द्वारा इंगित सभी चीजें आपके अधिकार में या आप पर हावी हो सकती हैं। 

यहां ध्यान देने वाली बात है कि शुक्र के अस्त का प्रभाव आपकी व्यक्तिगत जन्म कुंडली में सूर्य के बल और शुक्र की स्थिति पर निर्भर करता है। साथ ही आपकी जन्म कुंडली में सूर्य और शुक्र का क्या संबंध है इस पर भी अस्त शुक्र का प्रभाव निर्भर करता है।

उदाहरण के तौर पर समझाएं तो अगर आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में है तो इस दौरान आपके अंदर उच्च स्तर का आत्मविश्वास देखने को मिल सकता है। साथ ही शुक्र से संबंधित मामलों में आप आसानी से अति आत्मविश्वास ही बन सकते हैं। साथ ही इसके विपरीत यदि शुक्र और सूर्य कुंडली में मजबूत स्थिति में नहीं है तो आप इस दौरान हीन भावना से ग्रस्त महसूस कर सकते हैं और इस अवधि में लोग आपका फायदा भी उठा सकते हैं।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

अस्त शुक्र और शुक्र गोचर सितंबर 2022: सभी 12 राशियों के लिए रिश्तो के संदर्भ में महत्वपूर्ण उपाय

मेष राशि: इस अवधि के दौरान आपकी पहली प्राथमिकता आपका परिवार और आपकी घरेलू जिम्मेदारियां रहने वाली हैं। इसके साथ ही यह समय अपने घर को और भी खूबसूरत बनाने के लिए उपयुक्त समय साबित होगा और आप इस संदर्भ में अच्छा खासा खर्च भी करते नज़र आएंगे।

वृषभ राशि: इस अवधि में आप अपनी व्यस्त और रोजमर्रा की जिंदगी से बाहर आने के लिए तत्पर नजर आएंगे। ऐसे में आप अपने पार्टनर के साथ कोई छोटी यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं। इस यात्रा से आपका रिश्ता भी मजबूत होगा और आप के रिश्ते में ताज़गी भी आएगी।

मिथुन राशि: इस अवधि में आप शो-शा वाली जिंदगी की चाह में फिजूलखर्ची कर सकते हैं। आप अपने घर के लिए कुछ महंगे फर्नीचर या वस्तुओं पर भी खर्च करते नजर आएंगे। हालांकि यह सारी बातें आपके पार्टनर को अच्छी लगेगी। इसके अलावा अपने साथी के साथ में मिलकर धन संचित करने की योजना भी बना सकते हैं।

कर्क राशि: कर्क राशि के जातक इस समय अवधि में खुद इश्किया बने नजर आएंगे। आप अपने व्यक्तित्व और रूपरेखा पर धन खर्च कर सकते हैं। यह समय अपने रिश्ते रोमांस और खुशहाली पर समय और पैसे लगाने के लिए उचित समय साबित होगा।

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए यह समय आत्म सुधार का समय साबित हो सकता है। इस दौरान आप मोह माया की दुनिया त्याग कर खुद अपने बारे में विचार करते नजर आएंगे। मुमकिन है कि इस दौरान आप एकांत ज्यादा पसंद करें। इसके अलावा आप अपने रोमांटिक रिश्ते पर भी गहन सोच करेंगे नजर आएंगे और उसको और अच्छा मजबूत और यादगार बनाने में कार्यरत भी रहेंगे।

कन्या राशि: इस दौरान आपको नए लोगों का आकर्षण और ध्यान प्राप्त होगा। इसके अलावा आपका सामाजिक पहलू भी इस दौरान निखर कर आने वाला है। आप अपने दोस्तों या पार्टनर के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बना सकते हैं। इस राशि के जो जातक सिंगल हैं वह किसी खास व्यक्ति की तलाश कर सकते हैं या उन्हें कोई खास व्यक्ति मिल सकता है।

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों ही जीवन के लिए यह समय शानदार साबित होगा। इस दौरान लोग आप की वाहवाही करते नहीं थकेंगे। ऐसे में जो कोई भी कदम आप लंबे समय से उठाना चाहते थे आप उसे उठा सकते हैं। इससे आपके व्यक्तिगत रिश्ते में भी सुधार देखने को मिलेगा और पेशेवर रूप से भी आप उन्नति करेंगे।

वृश्चिक राशि: इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं और उनके साथ कुछ ऐसी जगहों की खोज कर सकते हैं जो आप हमेशा से करना चाहते थे। इसके अलावा मुमकिन है कि इस राशि के सिंगल जातकों के जीवन में भी इस समय अवधि में प्रेम की दस्तक हो। सलाह दी जाती है कि इस संदर्भ में कोई भी कदम सोच-समझकर ही उठाएं, जल्दबाजी में फैसला ना लें।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों को अपने रिश्ते के और अपने जीवन के प्रति सावधान और सजग रहने की सलाह दी जाती है। यदि आपके दिल या दिमाग में कोई बात है तो उससे बाहर निकालने की सलाह दी जाती है। वैसे भी इस अवधि में आपका झुकाव ज्यादातर आध्यात्मिकता और पूजा पाठ की तरफ रहने वाला है। ऐसे भी मन की बात बाहर निकालने से आपको मानसिक शांति मिलेगी।

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए यह समय अवधि अनुकूल रहेगी। इस दौरान जो रिश्ते आपके जीवन में वाकई में मायने रखते हैं वह मजबूत होते हुए नजर आएंगे। आपके और आपके पार्टनर का रिश्ता पहले से ज्यादा अधिक रोमांटिक और स्थिर साबित होगा। अगर आपको अपने रिश्ते या जीवन में कोई बदलाव करना है तो उसके लिए यह समय बेहद ही अनुकूल है। इसके अलावा इस राशि के जो जातक सिंगल हैं उन्हें कोई खास व्यक्ति इस वक्त मिल सकता है।

कुंभ राशि: इस समय अवधि में आपके जीवन में कोई नया इंसान दस्तक दे सकता है और उसकी मौजूदगी आपको खुश रखेगी। आपको सलाह दी जाती है कि प्यार के चक्कर में अपने काम को नकारात्मक रूप से प्रभावित ना होने दें और ना ही काम की वजह से रिश्ते को प्रभावित होने दें। कुल मिलाकर सलाह दी जाती है कि अपने प्रेम और पेशेवर जीवन में उचित तालमेल बिठाकर रखें। इसके अलावा इस अवधि में आपके सह-कर्मी आपसे प्रभावित नजर आएंगे।

मीन राशि: मीन राशि के प्रेम जीवन में इस वक्त कोई बड़ा खुलासा होने की संभावना है। यदि आप सिंगल हैं तो आपके जीवन में कोई खास व्यक्ति दस्तक दे सकता है। इसके अलावा पहले से प्रेम में पड़े जातक अपने पार्टनर के और करीब आएंगे। आपका कलात्मक व्यक्तित्व निखरेगा। विवाहित जातक अपने परिवार विस्तार की योजना बना सकते हैं।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के  लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *