वास्तु शास्त्र : जानें घर के फर्नीचर से जुड़े क्या हैं वास्तु शास्त्र के नियम

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है जो हमें यह बताता है कि हमें अपने घर, कार्यस्थल या फिर ऐसी जगह जहां हम अपना ज़्यादातर समय गुजारते हैं में किस दिशा में किस वस्तु को रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र मानता है कि प्रत्येक दिशा पर किसी न किसी देवता का अधिकार है जो हमें उनके स्वामित्व वाली दिशा में रखे जाने वाली वस्तु के अनुसार ही सकारात्मक या फिर नकारात्मक फल देते हैं। 

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आज के जीवन में मनुष्य का लाइफस्टाइल या फिर कहें तो जीवन जीने का ढर्रा काफी बदल गया है और इसका प्रभाव उनके रहन-सहन पर भी पड़ा है। इन्हीं में से एक बदलाव हम फर्नीचर के तौर पर देखते हैं। पहले जहां चौकी, बिछावन और पीढ़े व कुर्सी से ज्यादा कोई फर्नीचर नहीं होता था, वहीं आज सोफा, टेबल, डाइनिंग टेबल, ड्राइंग टेबल, साइड टेबल इत्यादि जैसे फर्नीचर हमारी और आपकी ज़िंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में फर्नीचर से जुड़े कुछ जरुरी वास्तु टिप्स देने वाले हैं जिसे अपनाकर आप अपने जीवन में सुख शांति ला सकते हैं।

फर्नीचर के लिए वास्तु टिप्स:

  • सनातन धर्म में पीपल और बरगद के वृक्ष की पूजा होती है। मान्यता है कि इन दोनों ही वृक्षों में देवताओं का वास है। बरगद और पीपल के वृक्षों को काटना भी पाप माना जाता है। ऐसे में बरगद व पीपल के वृक्ष की लड़ी से बने फर्नीचर को भूल से भी घर में न रखें। इससे देवता रुष्ट होंगे और आपको नकारात्मक फल मिलेगा।
  • फर्नीचर हमेशा लकड़ी का ही रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार लकड़ी का फर्नीचर ही सबसे शुभ माना गया है। प्लास्टिक व लोहे के फर्नीचर न रखे। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। घर के सदस्यों का मानसिक तनाव बढ़ता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में हमेशा शीशम, सागवान, नीम, साल, अशोक और अर्जुन के पेड़ की लकड़ियों से बने फर्नीचर को ही रखना चाहिए। ऐसे फर्नीचर घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करते हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में भारी फर्नीचर को हमेशा दक्षिण और पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और हल्के फर्नीचर जैसे कि कुर्सी वगैरह को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
  • यदि किसी कारणवश वास्तु शास्त्र के मुताबिक फर्नीचर को सही दिशा में रखना संभव न हो सके तो यह जरूर तय करें कि ये फर्नीचर घर में दीवार से लगभग 06 से 08 इंच की दूरी पर जरूर हों।
  • शनिवार, मंगलवार या फिर अमावस्या के दिन फर्नीचर की खरीदारी करना वास्तु शास्त्र में निषेध बताया गया है। ऐसे में फर्नीचर खरीदते वक़्त इस बात का अवश्य ध्यान रखें।
  • घर में जब भी कोई फर्नीचर रखें तो एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि इन फर्नीचर के कोने ज्यादा नुकीले न हों। कोनों में फर्नीचर अगर गोलाई लिए हुए रहे तो जातकों को इससे बेहद शुभ फल मिलता है। 

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