कोरोना काल में ये वास्तु टिप्स ला सकते हैं जीवन में सकारात्मकता

पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से त्रस्त है। भारत के लिए भी पिछले कुछ महीने बेहतर नहीं रहे हैं। हममें से कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों को खोया और कई अभी भी इस महामारी की चपेट में ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

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 हालांकि पिछले कुछ दिनों में भारत में कोरोना की प्रतिदिन दर्ज होने वाली आधिकारिक संख्या में गिरावट दर्ज जरूर हुई है लेकिन यह संख्या अभी भी हजारों में है जो कि एक चिंता का विषय है। जाहिर है कि कोरोना महामारी की इस आपदा से पूरे देश में नकारात्मकता अपने चरम पर है।

ऐसे में आज हम आपको इस लेख में वास्तु शास्त्र के 20 आसान उपाय बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप अपने घर से नकारात्मकता दूर कर सकते हैं लेकिन उससे पहले आपके साथ वास्तु शास्त्र से जुड़ी कुछ जानकारी साझा कर देना ज्यादा जरूरी हो जाता है।

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वास्तु शास्त्र और नकारात्मक व सकारात्मक ऊर्जा

वास्तु शास्त्र एक बहुत ही प्राचीन विज्ञान है जिसका मानना है कि आप जहां रहते हैं, काम करते हैं या फिर जहां अपना अधिकतर वक़्त गुजारते हैं, इन सभी जगहों पर प्रवाहित होने वाली ऊर्जा हमारे जीवन पर प्रभाव डालती है। मान्यता है कि उत्तर भारत में वास्तु शास्त्र की नींव स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने रखी थी और वहीं दक्षिण भारत में ऋषि मायन को वास्तु शास्त्र की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। सनातन धर्म में सदियों से घर, मंदिर व कार्यस्थल इत्यादि को वास्तु शास्त्र के मुताबिक बनाए जाने की परंपरा रही है।

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वास्तु शास्त्र का मानना है कि प्रत्येक दिशा पर किसी न किसी देवता का आधिपत्य है और इन दिशाओं में रखी गयी प्रत्येक वस्तु से ऊर्जा प्रवाहित होती है। यह ऊर्जा दो प्रकार की हो सकती है या तो सकारात्मक या फिर नकारात्मक। ये दोनों ही ऊर्जा अपने स्वभाव के अनुरूप हम पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती है।

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मसलन सकारात्मक ऊर्जा से हमारे और आपके जीवन में अच्छे व शुभ बदलाव आते हैं जो हमें तरक्की की ओर अग्रसर होते हैं। वहीं नकारात्मक ऊर्जा हमारे बने बनाए काम को भी बिगाड़ देती है और घर-परिवार में इसकी वजह से सुख-शांति, धन, यश व आरोग्यता का पतन होता है।

ऐसे में कोरोना महामारी के इस नकारात्मक माहौल में वास्तु शास्त्र के यहाँ बताए गए कुछ नियमों का पालन कर आप अपनी ज़िंदगी में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। आइये अब आपको उन नियमों की जानकारी दे देते हैं।

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वास्तु शास्त्र के नियम जो आपके जीवन में सकारात्मकता लाएंगे

  • किसी भी घर की पूर्व दिशा पर भगवान इन्द्र का स्वामित्व है। इस दिशा को भगवान सूर्य का दिशा भी माना जाता है। ऐसे में घर के पूर्व दिशा को हमेशा साफ रखें। इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
  • सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। मान्यता है कि गाय में 36 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में यदि आपके घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष हो तो प्रत्येक दिन घर की रसोई में बनी पहली रोटी गौ माता को अर्पित करें। इससे आपका जीवन सुखद होगा।
  • घर में कभी भी देवी-देवताओं की ऐसी तस्वीर न लगाएं जिसमें वे हिंसक मुद्रा या फिर कहें तो युद्ध की मुद्रा में नजर आ रहे हों। खास कर के नटराज की तस्वीर घर में लगाना वास्तु शास्त्र में निषेध माना गया है। इसके साथ ही महाभारत के युद्ध से जुड़ी कोई तस्वीर भी घर में न लगाएं।
  • घर में तुलसी का पौधा रखना बेहद शुभ माना गया है। ध्यान रहे कि घर में जब भी तुलसी का पौधा लगाएं तो वह घर की पूर्व दिशा में मौजूद हो। कुछ जातक घर में कम जगह होने की वजह से तुलसी का पौधा छत पर लगाते हैं जो कि वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक गलत माना गया है लेकिन यदि कम जगह होने की वजह से ऐसा करना आपकी मजबूरी है तो तुलसी के पेड़ के साथ एक केले का वृक्ष लगा दें और उसे रोली से आपस में बांध दें। इससे आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी।

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  • उत्तर दिशा पर धन के देवता कुबेर का आधिपत्य है। ऐसे में घर में कोई भी तिजोरी या फिर ऐसा स्थान जहां आप धन रखते हों उसे उत्तर दिशा में लगाएं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी।
  • घर में यदि कोई ऐसा नल हो जिससे पानी टपकता हो तो उसे जितनी जल्दी हो सके या तो ठीक करवाएं या फिर बदल दें। ऐसा इसलिए क्योंकि टपकते नल से आर्थिक हानि होने की आशंका बढ़ जाती है जो कि किसी भी सांसारिक जीवन के लिए अच्छी बात नहीं है।
  • रसोई में तवे पर रोटी सेकने से पहले गाय के दूध के छींटे मारें। ऐसा करना वास्तु शास्त्र में शुभ माना गया है। इससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • किसी भी घर की पश्चिम दिशा पर वरुण देवता का आधिपत्य होता है। इसके साथ-साथ इस दिशा पर शनि का भी प्रभाव होता है क्योंकि इस दिशा में ही सूर्यदेव अस्त होते हैं। ऐसे में वे जातक जो शनि की ढैया अथवा साढ़े साती से परेशान हैं, उन्हें इस दिशा में शनि यंत्र लगाना चाहिए। शुभ फल प्राप्त होगा।
  • घर के मुख्य द्वार पर घोड़े का नाल लगाएँ। ध्यान रहे कि इसके अंतिम सिरे नीचे की ओर हों। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
  • घर का मध्य भाग ब्रह्म भाग कहलाता है। इस हिस्से पर भगवान ब्रह्मा और भगवान बृहस्पति का आधिपत्य होता है। पूरे घर में इसी हिस्से से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में कोशिश हो कि घर के मध्य भाग में किसी भी प्रकार की भारी वस्तु न रखें।
  • घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है। इस दिशा में घर का मुख्य द्वार या फिर खिड़की नहीं होना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती और परिवार के सदस्यों के बीच कलह होना शुरू हो जाता है।
  • पूरे घर में एक मुख्य दर्पण अवश्य होना चाहिए। जब भी मुख्य दर्पण लगाएं तो इसे घर की पूर्व या फिर उत्तर दिशा में लगाएं। ऐसा करना शुभ माना गया है।
  • घर का दर्पण टूटा या धुंधला नहीं होना चाहिए। कभी भी किसी दर्पण के ठीक सामने कोई और दर्पण नहीं लगाना चाहिए। इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
  • यदि घर में माता लक्ष्मी की कोई तस्वीर हो तो उसे घर की उत्तर दिशा में लगाएं। यह दिशा धन के देवता कुबेर का माना जाता है। ध्यान रहे कि इस दिशा में माता लक्ष्मी की वही तस्वीर लगी होनी चाहिए जिसमें वे कमलासन पर बैठी हों और उनके हाथ से स्वर्ण मुद्राएँ गिर रही हों।

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  • घर में कभी भी तरीकों आकार की घड़ी न लगाएं। इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है।
  • रात में रसोई घर में जूठे बर्तन न रखें। यदि किसी कारणवश ऐसा करना भी पड़ रहा है तो जूठे बर्तनों को ऐसे स्थान पर रखें कि सुबह-सुबह आपकी नजर जूठे बर्तनों पर न पड़े। 
  • घर में फर्नीचर हमेशा लकड़ी का ही रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशम, अशोक, सांगवान, साल, अर्जुन या नीम का फर्नीचर घर में रखना शुभ माना गया है। वहीं भूल से भी घर में पीपल या बरगद का फर्नीचर नहीं रखना चाहिए।
  • गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु के रूप माने जाने वाले भगवान बृहस्पति को समर्पित होता है। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। ऐसे में गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करें। इससे घर में सौभाग्य और समृद्धि आएगी।
  • सपरिवार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आप अकेले भी घर के पूजा स्थल पर बैठ कर प्रभु का ध्यान व गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। इससे भी घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • रोजाना घर में सरसों के तेल में लौंग डालकर दीपक जलाएं। इससे घर में सुख शांति आती है। 

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One comment

  1. बहुत ही जीवनोपयोगी जानकारी आप के द्वारा दी गई है इसके लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद आगे भी आप इसी तरह से मार्ग दर्शन करने की कृपा करें जय मां गुरु

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