वास्तु शास्त्र का मानना है कि हमारे आसपास मौजूद हर वस्तु हमारे जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालती है। इन वस्तुओं का हमारे जीवन पर कैसा प्रभाव रहेगा, ये तय होता है कि उक्त वस्तु को आखिर किस दिशा में रखा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा पर किसी न किसी देवता का आधिपत्य है।
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ऐसे में आज इस लेख में आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा का किसी घर और उसमें रहने वाले सदस्यों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसकी जानकारी देने वाले हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक किसी भी स्थान के पश्चिम दिशा पर वरुण देवता का आधिपत्य होता है। इसके अलावा इस दिशा के ऋषि अगस्त्य हैं और इस दिशा पर शनि देवता का भी प्रभाव होता है। यही वजह है कि पश्चिम दिशा में उत्पन्न वास्तु दोष जातकों के जीवन में कष्ट लेकर आते हैं।
- चूंकि यह दिशा शनि की होती है इसलिए वास्तु शास्त्र में इस दिशा में बैठ कर कार्य करना निषेध माना गया है। इसके अलावा इस दिशा मुख कर बैठना और सोना भी वास्तु शास्त्र में निषेध है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में मुख कर कार्य करने, सोने या बैठने से मानसिक तनाव बढ़ता है।
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर की पश्चिम दिशा की ऊंचाई घर के अन्य हिस्सों से कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। ऐसा होने से उस घर में रहने वाले सदस्यों को सांस संबंधी बीमारी परेशान करती है। इसके अलावा फेफड़े, मुंह, छाती और चमड़े से जुड़े रोग भी घर के सदस्यों का जीवन नर्क बना देते हैं। घर के मुखिया का धन बीमारियों पर अधिक खर्च होता है।
- वास्तु शास्त्र के मुताबिक जिस भी घर का पानी या वर्षा का पानी पश्चिम दिशा से होते हुए घर से बाहर निकले, उस घर के पुरुषों को किसी लंबी बीमारी का सामना करना पड़ता है।
- घर के पश्चिम दिशा में वास्तु दोष होने की स्थिति में घर के सदस्यों में निर्धनता और बेरोजगारी तो बढ़ती ही है, इसके साथ-साथ भयंकर रोग जैसे कि कैंसर, चेचक, नपुंसकता आदि भी जीवन का हिस्सा बन सकते हैं।
- जिस घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में हो उस घर में धन नहीं टिकता। ऐसे घर के सदस्य दरिद्रता को अपने जीवन से दूर नहीं कर पाते हैं। कर्ज़ का बोझ बढ़ता चला जाता है और चाह कर भी धन संचय नहीं हो पाता है।
- घर के पश्चिम दिशा में भूलकर भी रसोईघर नहीं रखना चाहिए। इससे घर के सदस्यों को पित्त, फोड़े-फुंसी आदि की समस्या तकलीफ देती है।
पश्चिम दिशा का वास्तु दोष कैसे दूर करें?
पश्चिम दिशा के वास्तु दोष को दूर करने के लिए आप घर के पश्चिम दिशा में अशोक का पेड़ लगा सकते हैं। इसके अलावा यदि घर का मुखिया 11 शनिवार भगवान शनि के नाम से व्रत रखता है तो घर के पश्चिम दिशा के दोष खत्म हो जाते हैं। वहीं पश्चिम दिशा के दोष को दूर करने में वास्तु यंत्र भी बेहद सहायक माना गया है। घर की पश्चिम दिशा पर यदि वरुण यंत्र लगाया जाये तो पश्चिम दिशा में मौजूद वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।
आखिर में आपको यहाँ एक बात और बताना बेहद जरूरी है कि हर पश्चिम मुखी घर नुकसानदायक नहीं होता है। वे जातक जो किसी तरह का कॉरपोरेट बिजनेस करते हैं या फिर नेता हैं या फिर धार्मिक कार्य अथवा शिक्षा से जुड़े कार्य करते हैं, उनके लिए पश्चिम मुखी घर अत्यंत लाभदायक होता है। हालांकि पश्चिम मुखी घर में भी घर का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा में हो तो जातकों को शुभ फल देता है।
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