शुक्र सिंह में वक्री: वक्री चाल में शुक्र इन 4 राशियों की बढ़ाएँगे मुश्किलें-अभी नोट कर लें उपाय!

एस्ट्रोसेज हर नए ब्लॉग के साथ अपने रीडर्स को हर एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना के बारे में समय से पूर्व जानकारी प्रदान करते आया है ताकि हमारे रीडर्स को ज्योतिष की रहस्यमई दुनिया की नवीनतम घटनाओं के बारे में अपडेट रखा जा सके। इसी कड़ी में 23 जुलाई 2023 को प्रेम का कारक ग्रह शुक्र सिंह राशि में वक्री होने जा रहा है। तो आइए अपने इस ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं कि शुक्र के सिंह राशि में वक्री होने से किन राशियों के जीवन में ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना है। यहां इस बात की जानकारी हम आपको पहले ही दे दें कि यह भविष्यवाणियां आपकी चन्द्र राशि पर आधारित हैं। 

Varta Astrologers

अपनी लग्न या उदित राशि जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, विलासिता, रोमांस, विवाह, रिश्ते, ग्लैमर, प्रसिद्धि का कारक ग्रह माना जाता है। 23 जुलाई को यह महत्वपूर्ण ग्रह वक्री होने जा रहा है। ग्रहों की ज्योतिषीय चाल मानव जीवन को अवश्य प्रभावित करती है। ब्रह्मांड, इसकी ऊर्जाएं, ग्रह, उनकी चाल और 12 राशियों का खगोलीय क्षेत्र सभी मनुष्यों, हमारे जीवन की घटनाओं और विश्वव्यापी घटनाओं को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं। ऐसे में अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि शुक्र के सिंह राशि में वक्री होने का किन राशियों के जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा और साथ ही इससे बचने के लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इसकी जानकारी हम आपको इस ब्लॉग में प्रदान कर रहे हैं।

सिंह राशि में वक्री शुक्र इन राशियों को नकारात्मक रूप से करेगा प्रभावित

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और चंद्र राशि के संबंध में अपनी वक्री गति के दौरान आपके पांचवें भाव में स्थित होगा। सिंह राशि में शुक्र के वक्री होने के परिणाम स्वरूप मेष राशि के जातकों के लिए ये पांचवें भाव में स्थित होगा। सप्तम भाव के स्वामी पंचम भाव में वक्री होने की स्थिति में आपके रिश्तों में परेशानियों की वजह बन सकते हैं। इस राशि के जो जातक अपने रिश्ते को विवाह में तब्दील करने की योजना बना रहे थे उनकी योजनाओं में अचानक से रुकावट या देरी होने की आशंका है। इस अवधि में आपके और आपके पार्टनर के बीच तनाव बढ़ सकता है। 

इसके अलावा इस राशि के जातकों को आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। मुमकिन है कि इस अवधि में आपके खर्च बढ़ने वाले हैं और आप अपने वित्त का सही ढंग से प्रबंधन करने में भी नाकामयाब रहेंगे। इसके अलावा इस राशि के जिन जातकों ने पहले से कोई ऋण लिया हुआ है वह शुक्र के वक्री होने की अवधि में उस ऋण को चुकाने में असफल हो सकते हैं। व्यापारी जातकों के व्यवसायिक सौदे अटक या फिर रुक सकते हैं और आप अपनी इच्छा अनुसार अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पहले और छठे घर का स्वामी है और अब आप के चौथे घर में वक्री होकर स्थित होने जा रहा है। ऐसे में इस अवधि में वृश्चिक राशि के जातकों को अपनी विलासिता और आराम में कुछ कमी या नुकसान देखने को मिल सकता है क्योंकि इस दौरान आप अपने घर पर उतना वक्त व्यतीत नहीं कर पाएंगे जितना आप चाहते हैं। 

वृषभ राशि के कुछ जातक इस अवधि में संपत्ति खरीदने या संपत्ति के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए निवेश करने की योजना भी बना सकते हैं। हालांकि आपको इसमें अभी सफलता नहीं मिलेगी। आपको धन संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आपको अपने परिवार के लिए ज्यादा धन खर्च करने की आवश्यकता पड़ेगी। शुक्र वक्री होने की अवधि में आपके खर्च बढ़ने वाले हैं और आपको अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कहीं से ऋण भी लेना पड़ सकता है। अन्यथा आपका मासिक बचत पूरा नहीं हो पाएगा। ऐसे में आपको अपने घरेलू माहौल में बेचैनी महसूस हो सकती है और जीवनसाथी या पार्टनर के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातक इस अवधि में अपने करियर के प्रति ज्यादा सचेत रहने वाले हैं और इसी में आपका अधिकांश समय व्यतीत होगा। इस राशि के जातकों की रूचि व्यापार में भी देखने को मिल सकती है। 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है चंद्र राशि के संबंध में आपके बारहवें भाव में वक्री होने जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप आपको जीवन में आर्थिक हानि और परिवार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपका घर परिवार के लोगों के साथ तर्क वितर्क होने की प्रबल आशंका है जिससे आपका पारिवारिक माहौल बिगड़ सकता है। सलाह दी जाती है कि इस दौरान किसी भी बड़ी परियोजना में निवेश जैसे बड़े फैसले लेने से बचें।

वृश्चिक राशि 

शुक्र आपके सप्तम भाव और बारहवें भाव का स्वामी है और आपके दसवें भाव में वक्री होने जा रहा है। करियर के संदर्भ में आपको नौकरी में किसी अप्रत्याशित स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है या फिर आपको अपने कार्यक्षेत्र में अपने वरिष्ठ लोगों के साथ कुछ परेशानियों का सामना करने की आशंका है। यह आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। इसके अलावा इस राशि कुछ जातकों को  वर्तमान नौकरी छोड़कर किसी नई नौकरी शिफ्ट होने की नौबत आ सकती है। हालांकि यह नई नौकरी आपके लिए शुभ साबित होगी और आपको शांति प्रदान करेगी। 

इस राशि के जातक व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें तालमेल बिठाने की आवश्यकता पड़ेगी जिसके दम पर आप ज्यादा मुनाफा कमाकर सफलतापूर्वक उबरने में कामयाब रहेंगे। अगर आप विदेश में व्यवसाय कर रहे हैं या आप आउटसोर्सिंग व्यवसाय कर रहे हैं तो आप व्यवसाय में सफल हो सकते हैं। सिंह राशि में शुक्र के वक्री होने के दौरान आपके व्यवसाय में लाभ देखने को मिलेगा। इस दौरान आपके रिश्तो में अहंकार देखने को मिल सकता है जिसके चलते आपके रिश्ते टूट भी सकते हैं। जीवनसाथी के साथ भी आप वाद विवाद और लड़ाई झगड़े में उलझते नज़र आ सकते हैं। ऐसे में किसी भी तरह के तर्क वितर्क से बचने के लिए आपको सही ढंग से तालमेल बिठाने की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसा करके आप अपने जीवन साथी के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर पाएंगे।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

सिंह राशि में शुक्र का वक्री गोचर: प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय

  • हर शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और छोटी कन्याओं को भी बांटें।
  • प्रतिदिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • प्रत्येक शुक्रवार देवी लक्ष्मी को 5 लाल फूल चढ़ाएं।
  • प्रत्येक शुक्रवार शुक्र बीज मंत्र का जाप करें।
  • अपने जीवन में ज़्यादा से ज़्यादा सफेद और गुलाबी रंग शामिल करें।
  • मुमकिन हो तो शुक्रवार के दिन व्रत रखें। 
  • अपने घर और कार्यस्थल पर शुक्र यंत्र स्थापित करें और उसकी नियमित रूप से पूजा करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.