वक्री गुरु का कुंभ राशि में गोचर (20 जून, 2021): जानिए सभी 12 राशियों पर कैसा होगा प्रभाव

प्रतिगामी गति दिन-प्रतिदिन के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह किसी व्यक्ति की सामान्य गतिविधियों को धीमा कर देती है और उसे चीजों को करने के विभिन्न तरीकों के बारे में सोचने के लिए मजबूर करती है। यदि बृहस्पति कुम्भ राशि में वक्री गति में है, तो व्यक्ति किसी समस्या के अलग-अलग समाधान खोजने के बारे में बहुत सोचता है,  जो जातक को बेहतर तरीके से सफलता प्राप्त करने में मदद करता है, जबकि यदि यह सीधी गति में है, तो यह आसानी से चुनौतियों पर काबू पाने में सहायक होता है। बृहस्पति हर 13 महीने के बाद 4 महीने वक्री गति में रहता है।

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वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में, भगवान विष्णु बृहस्पति के स्वामी हैं और इसलिए, ग्रह व्यक्ति को सौभाग्य, स्वास्थ्य और भरपूर धन प्रदान करता है। यह पांचवां ग्रह है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। यदि इसे किसी की कुंडली में उच्च स्थान पर रखा जाता है, तो वह माता-पिता से सम्मान अर्जित करने में सक्षम होता है, शैक्षणिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है और साहसपूर्वक निर्णय लेता है। यदि वही ग्रह नीच की स्थिति में हो तो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करते हुए थक जाता है, अवसाद की स्थिति से गुजरता है और निराशावादी हो जाता है।

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20 जून, 2021 को गुरु ग्रह कुंभ राशि में वक्री हो जाएगा और 14 सितंबर, 2021 को यह मार्गी गति शुरु करेगा। इसके बाद यह मकर राशि में प्रवेश करेगा।

यह बात तो स्वाभाविक है कि वक्री गुरु का कुंभ राशि में  गोचर आपके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते है सभी 12 राशियों का राशि अनुसार क्या होगा गोचर-फल।

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 गुरु गोचर: मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए, गुरु नौवें और बारहवें घर का स्वामी है और आय, लाभ और इच्छा के आपके ग्यारहवें घर में यह वक्री गोचर करेगा। ग्यारहवें घर में ….विस्तार से पढ़ें

 गुरु गोचर: वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए, बृहस्पति इनके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें घर में यह स्थानांतरित….विस्तार से पढ़ें

 गुरु गोचर: मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए, गुरु सातवें और दसवें घर का स्वामी है और धर्म, अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं और भाग्य के नौवें घर में यह गोचर कर रहा है। वक्री गुरु….विस्तार से पढ़ें

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 गुरु गोचर: कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु छठे और दसवें घर का स्वामी है और यह संयुक्त उद्यम, कर, बीमा, ऋण और मृत्यु के आठवें घर में गोचर कर रहा है। अष्टम भाव…विस्तार से पढ़ें

 गुरु गोचर: सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए, गुरु पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और शादी और साझेदारी के सातवें घर में इसका वक्री गोचर हो रहा है। वक्री गुरु ….विस्तार से पढ़ें

 गुरु गोचर: कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए, गुरु चौथे और सातवें घर का स्वामी है और यह आपके छठे भाव में वक्री गोचर कर रहा है। छठा भाव संघर्ष, अप्रिय काम, तलाक, शत्रुओं…..विस्तार से पढ़ें

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गुरु गोचर: तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए गुरु उनके तीसरी और छठे भाव का स्वामी है और यह आपके रोमांस, निवेश, संतान, शिक्षा, खेल, शेयर बाजार आदि के पंचम भाव…..विस्तार से पढ़ें

गुरु गोचर: वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु द्वितीय और पंचम भाव का स्वामी है। वर्तमान में यह आपके, सुख माता आराम, वाहन आदि के चतुर्थ भाव में वक्री गोचर……विस्तार से पढ़ें

 गुरु गोचर: धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए गुरु उनके प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी है और यह आपके तृतीय भाव में वक्री गोचर करेगा। तृतीय भाव आपके भाई-बहनों, पड़ोसियों….विस्तार से पढ़ें

जानें, क्या आपकी कुंडली में भी बन रहा है राजयोग?

गुरु गोचर: मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए गुरु उनके द्वादश और तृतीय भाव का स्वामी है। वर्तमान स्थिति में यह आपके परिवार, वाणी, संचार आदि के द्वितीय भाव में वक्री …..विस्तार से पढ़ें

गुरु गोचर: कुम्भ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु उनके एकादश और द्वितीय भाव का स्वामी है। वर्तमान स्थिति में गुरु आपके आत्मा, स्वास्थ्य आदि के प्रथम भाव में…..विस्तार से पढ़ें

गुरु गोचर: मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए गुरु उनके प्रथम और दशम भाव का स्वामी है। वर्तमान में यह आपके विदेश यात्राओं, हानि, अलगाव, अस्पताल के द्वादश भाव ….विस्तार से पढ़ें

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