वक्री बुध गोचर: वृषभ राशि में बुध की उल्टी चाल इन जातकों के लिए बेहद खतरनाक!

ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को विशेष स्थान दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह व्यक्ति के जीवन को विभिन्न मोर्चे पर और जीवन के तमाम पहलुओं को प्रभावित करते हैं। ऐसे में जब किसी ग्रह का वक्री गोचर होता है अर्थात उल्टी गति में गोचर होता है तो उसे और भी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि अक्सर देखा गया है वक्री स्थिति में शुभ ग्रह के शुभ प्रभाव भी कम होने लगते हैं।

ऐसे में आज अपने इस गोचर विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि 10 मई को होने वाले वक्री बुध के गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इस गोचर से किन राशियों को सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी और किन राशियों का भाग्योदय होने की संभावना है। साथ ही जानेंगे इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने के कुछ सरल सटीक ज्योतिषीय उपायों की भी जानकारी।

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ज्योतिष में बुध ग्रह

बुध ग्रह को ज्योतिष में महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में संचार और व्यवसाय का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में होता है ऐसे जातक शानदार वक्ता बनते हैं, इनकी सोचने समझने की शक्ति शानदार होती है। वहीं इसके विपरीत यदि कुंडली में बुध ग्रह दुर्बल अवस्था में मौजूद हो या पीड़ित अवस्था में मौजूद हो तो ऐसे जातकों को जीवन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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बुध ग्रह को जानने के बाद अब समझ लेते हैं बुध गोचर क्या होता है?

सरल शब्दों में समझाएं तो बुध गोचर का अर्थ होता है बुध का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाना। ऐसे में 10 मई को बुध ग्रह वक्री अवस्था अर्थात अपनी उल्टी चाल में वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा।

ज्योतिष के जानकार जानते और मानते हैं कि, वक्री गति अर्थात पृथ्वी से देखने पर जब ऐसा लगे कि कोई ग्रह पीछे की दशा में चल रहा है तो इसे ग्रहों का वक्री हो जाना कहते हैं। हालांकि ऐसा असल में होता नहीं है। यह केवल एक प्रकार का भ्रम होता है। बुध ग्रह एक राशि में तकरीबन 23 दिनों तक रहता है और उसके बाद दूसरी राशि में प्रवेश कर जाता है।

वक्री गोचर की बात करें तो जब कोई ग्रह वक्री होता है तो उसकी गति के चलते होता है। ऐसे में उस ग्रह की तीव्रता और चाल अधिक हो जाती है। ऐसे में आम तौर पर देखा गया है कि किसी ग्रह के वक्री  होने पर उसके प्रभाव और परिणामों में तीव्रता आने लगती है।

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वृषभ राशि में वक्री बुध की समयावधि

बुध 10 मई, 2022 को शाम 5:16 बजे वृषभ राशि में वक्री होगा और फिर 3 जून, 2022 को मार्गी हो जाएगा। 

वृषभ राशि में बुध के प्रभावस्वरुप राहु के दोषों में कमी आने की प्रबल संभावना बनती नज़र आ रही है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध ग्रह के वक्री होने का सभी राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा।

वक्री बुध से बचने के उपाय

  • बुद्ध मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय् नम: का 14 बार जप करें।
  • बुध ग्रह के नकारात्मक और अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सुबह और रात में ध्यान अवश्य करें।
  • इसके अलावा वक्री बुध के दुष्परिणाम दूर करने के लिए पन्ना या हरा गोमेद पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी या पंडित से परामर्श अवश्य ले लें।
  • किन्नरों से आशीर्वाद लें, कभी भी उन्हें बुरा भला ना कहें, और उन्हें धन का दान जरूर करें।
  • इसके अलावा हरे रंग के वस्त्रों, मूंग की दाल, और हरी वस्तुओं का ज़्यादा से ज़्यादा दान करें। साथ ही गाय को हरा चारा खिलाएं। इन उपायों को करने से आपको बुध ग्रह से संबंधित शुभ परिणाम शीघ्र ही प्राप्त होने लगेंगे।

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वृषभ में वक्री बुध गोचर का राशि अनुसार प्रभाव

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध उनके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और संवाद के भाव में वक्री होगा। इस दौरान आपकी ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके लग्न भाव में वक्री होगा। इस दौरान आपके अंदर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध उनके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और यात्रा के भाव में वक्री होगा। लग्न भाव के स्वामी का आपके बारहवें भाव में वक्री होना, स्वास्थ्य के लिहाज से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध उनके ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव में वक्री होगा। यह अवधि आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध उनके दसवें भाव यानी कि व्यवसाय और करियर के भाव में वक्री होगा। यह अवधि निवेश करने के मामले में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध उनके नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव में वक्री होगा। आशंका है कि इस दौरान आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध उनके आठवें भाव यानी कि अनिश्चितता, असुरक्षा और परिवर्तन के भाव में वक्री होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध उनके सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी, साझेदारी और व्यवसाय के भाव में वक्री होगा। इस दौरान आपको ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध उनके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा, विवाद और सेवा के भाव में वक्री होगा। यह अवधि आपके….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध उनके पांचवें भाव यानी कि मनोरंजन, संतान और शिक्षा के भाव में वक्री होगा। छात्रों के लिए यह समय….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध उनके चौथे भाव यानी कि पारिवारिक सुख, भूमि, संपत्ति और वाहन के भाव में वक्री होगा। इस दौरान आप अपने घर ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध उनके तीसरे भाव यानी कि साहस, बल, लघु यात्रा और भाई-बहन के भाव में वक्री होगा। यह अवधि आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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