साल के आखिरी दिन वक्री बुध का धनु में गोचर, जानें इसका प्रभाव।

वक्री बुध का धनु राशि में गोचर कई मायनों में अहम है जैसे कि ये साल 2022 का आखिरी गोचर है। इसके अलावा बुध वक्री अवस्था यानी उल्टी अवस्था में गोचर करेंगे। हम सभी जानते हैं कि बुध एक लाभकारी ग्रह है और इसका प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है। इस ब्लॉग में हम इस गोचर से जुड़ी हर बात के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, इसकी तिथि, समय और सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिष शास्त्र पर आधारित राशि अनुसार बुध को कुंडली में मजबूत करने के उपायों के बारे में भी जानेंगे।

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वक्री बुध का धनु राशि में गोचर: तिथि और समय

वक्री बुध धनु राशि में 31 दिसंबर 2022, शनिवार की रात 12 बजकर 58 मिनट पर गोचर करेंगे। ज्ञान के कारक बुध का वक्री अवस्था में धनु राशि में गोचर सभी 12 राशियों को निश्चित ही प्रभावित करेगा। तो आइए अब जानते हैं कि बुध के महत्व और इस गोचर के प्रभाव के बारे में।

लाभकारी ग्रह बुध का ज्योतिष में महत्व

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक अत्यंत शुभ ग्रह माना जाता है। इसके शुभ परिणाम से जातकों को कई क्षेत्रों में सफलता मिलती है। हम सब ये बात जानते हैं कि बुध को बुद्धि, चतुराई, तर्क आदि का कारक माना जाता है। तो ये बात साफ है जिन जातकों के जीवन में बुध मजबूत होंगे, उन्हें इन सभी क्षेत्रों से जुड़े मामलों में फायदे होता हैं। हम आगे इसके शुभ प्रभाव के बारे में भी चर्चा बात करेंगे, लेकिन सबसे पहले जानते हैं बुध के प्रभाव के बारे में।

कुंडली में मजबूत बुध इन क्षेत्रों में देता है लाभ

जिन जातकों की कुंडली में बुध लग्न भाव में मौजूद रहते हैं, उन्हें इसके सकारात्मक प्रभाव से शारीरिक सुंदरता मिलती है। इसके अलावा, ये लोग काफ़ी हाज़िर जवाब होते हैं। चूंकि, इनकी संवाद शैली बेहद शानदार होती है। साथ ही, शिक्षा की बात करें तो छात्रों को गणित के विषय में बली बुध का अच्छा परिणाम मिलता है। कारोबार में भी ताकतवर बुध का अच्छा प्रभाव जातकों को सफलता दिलाता है।

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कुंडली में कमजोर हैं बुध, तो इन क्षेत्रों में हो सकती है हानि!

लाभकारी प्रभावों के अलावा, बुध ग्रह के कमजोर होने के कारण जातकों को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपकी भी कुंडली में बुध कमजोर हैं, या किसी भी पापी ग्रह से ग्रस्त हैं, तो इसके कारण जातकों को शारीरिक और मानसिक दोनों ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातकों को अपने विचार किसी के सामने रखने में दिक्कत हो सकती है और इसका कारण होता है संवाद करने की कमजोर क्षमता। आपको चीजों को समझने में परेशानी हो सकती है।

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बुध को इन आसान उपायों से करें मजबूत

जैसा कि बुध ग्रह के नाम से ही जाहिर है कि बुध को बुधवार का दिन समर्पित होता है। इस दिन बुध की पूजा-अर्चना करके आप आसानी से कुंडली में इसे मजबूत बना सकते हैं।

  • बुधवार के दिन व्रत रखने से कुंडली में बुध मजबूत होते हैं।
  • साथ ही, बुधवार के दिन भोजन से पहले गंगाजल के साथ तुलसी के पत्ते ग्रहण करें।
  • बुध को हरे रंग से जोड़ कर देखा जाता है इसलिए बुधवार के दिन हरी वस्तुओं को दान करने से आपको कई फायदे प्राप्त हो सकते हैं। हरी घास, साबुत मूंग की दाल, कांस्य के बर्तन, हरे रंग के फूल आदि का दान करें।
  • “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करें।
  • बुध ग्रह  को मजबूत करने के लिए आप भगवान नारायण की पूजा कर सकते हैं।

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वक्री बुध का धनु राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु और…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम तथा चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि जीवनसाथी…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि रोग…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव यानी कि संपत्ति, भवन, वाहन…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में वक्री अवस्था में गोचर…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन, बचत…(विस्तार से पढ़ें)

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धनु

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)

मकर 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे तथा नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि, विदेश…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)

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