कर्क में शुक्र वक्री-अस्त गोचर: 4 राशियों की बढ़ेगी मुश्किलें- रिश्ते में अलगाव तक की आ सकती है नौबत!

एस्ट्रोसेज अपने हर नए ब्लॉक के साथ अपने रीडर्स को ज्योतिष की दुनिया से जुड़ी सबसे नवीनतम और महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत कराने का प्रयास करता है। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं शुक्र ग्रह से जुड़े एक महत्वपूर्ण गोचर के बारे में। दरअसल शुक्र ग्रह 7 अगस्त 2023 को कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं और 8 अगस्त में शुक्र इसी राशि में अस्त हो जाएंगे। कर्क राशि में ही शुक्र की तीन महत्वपूर्ण गतिविधियां होने वाली हैं। अर्थात गोचर, अस्त अवस्था और वक्री होना जिसे बेहद ही दुर्लभ घटना माना जा रहा है। 

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ऐसे में अपने इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे कि शुक्र के कर्क राशि में गोचर, वक्री और अस्त होने का किन राशियों के प्रेम जीवन पर नकारात्मक असर पड़ेगा, देश दुनिया पर इसका क्या असर देखने को मिलेगा, साथ ही शेयर बाज़ार पर इसका क्या प्रभाव रहने वाला है।  

कर्क राशि में शुक्र के अति दुर्लभ ज्योतिष्य घटनाओं के बारे में जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें बात 

‘शुक्राचार्य’, ‘गुरु’ शुक्र को आमतौर पर इन्हीं नामों से जाना जाता है। शुक्र का आकाश में मौजूद एक चमकीले तारे के रूप में भी व्याख्यान किया जाता है। शुक्र एक ऐसा ग्रह है जिसे नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। शुक्र पृथ्वी के काफी करीब है और यही वजह है कि जब पृथ्वी से इसे देखा जाए तो यह आकाश में चमकते हुए तारे के रूप में नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र में भी शुक्र को हर एक चमकदार चीज से जुड़ा ग्रह माना गया है। यह हमारे विलासिता और भौतिक सुखों का कारक ग्रह है। इसके अलावा यह संगीत, कला, मनोरंजन, सौंदर्य, धन, प्रसिद्धि, आदि से संबंधित भी माना गया है। 

शुक्र ग्रह की विशेषताएं 

प्रेम और रोमांस का ग्रह शुक्र चंद्रमा द्वारा शासित कर्क राशि में प्रवेश करते समय अत्यधिक भावुक हो जाता है। शुक्र की यह भावनात्मकता उन्हें अंतर ज्ञानी और लोगों के प्रति ज़्यादा सहानुभूति रखने वाली बनाती है लेकिन साथ ही उन्हें संवेदनशील भी बनाती है। इस दौरान जातक इतने भावुक हो जाते हैं कि वह छोटी से छोटी बात पर भी अपनी भावनाएं व्यक्त करने लगते हैं। कर्क राशि में शुक्र रोमांटिक और रिश्तो में वफादारी का भी वजह बनता है। 

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कर्क राशि में वक्री शुक्र अस्त : इन राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव

आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि कर्क राशि में वक्री अस्त शुक्र गोचर का किन राशियों के प्रेम जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 

  • मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवे घर और बारहवें घर का स्वामी है और अपनी वक्री गति और अस्त अवस्था में आपके दूसरे घर में आएगा। पंचम भाव का स्वामी होने के नाते यदि वह अस्त और वक्री अवस्था में है तो जाहिर तौर पर इससे आपके प्रेम संबंधों में थोड़ी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। यह परिवर्तन के आठवें घर पर भी दृष्टि डालेगा इसीलिए मुमकिन है कि इस राशि के कुछ जातकों का उनके पार्टनर के साथ अलगाव अर्थात ब्रेकअप भी हो सकता है। आप किसी गलत रिश्ते (नाजायज़ रिश्ते) में शामिल हो सकते हैं और साथ ही आपको रिश्ते के संदर्भ में कुछ देरी, परेशानियों, और चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता सकता है। 
  • कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे घर और ग्यारहवें घर का स्वामी है। यह वर्तमान में कर्क राशि में प्रथम भाव में अस्त वक्री अवस्था में गोचर कर रहा है।  शुक्र ग्रह सीधे तौर पर कारको भाव नाशाय (काभाना) को जन्म देगा। जिसका अर्थ है कि यदि यह उसी घर पर अधिकार जमाता है जैसा की यह दर्शाता है तो यह उसे पूरी तरह से नष्ट कर देगा। शुक्र ग्रह विवाह का कारक है। ऐसे में यह विवाह को नष्ट करने वाला साबित हो सकता है। इससे जातकों के बीच झगड़े और लड़ाइयां होने की प्रबल आशंका है। यहां तक की इस अवधि में कोई छोटे-मोटे झगड़े भी किसी बड़ी परेशानी को जन्म देने वाले साबित हो सकते हैं। इसीलिए कर्क राशि के जातकों को ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र खराब पीड़ित या दुर्बल अवस्था में है तो इसका परिणाम अलगाव या तलाक भी हो सकता है। 

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  • मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवे और दसवें घर का स्वामी है और कर्क राशि के सातवें घर में अपनी वक्री और अस्त अवस्था में गोचर करने वाला है। शुक्र मकर राशि के जातकों को यूं तो अन्य सभी पहलुओं में अनुकूल परिणाम देगा जिस पर वह पांचवें घर और दसवें घर का स्वामी होने के नाते शासन करता है, लेकिन क्योंकि वह कर्क राशि के 7वें घर में स्थित होगा, ऐसे में यह आपके वैवाहिक जीवन में समस्याओं की वजह बन सकता है और आपके और आपके साथी के बीच लड़ाई झगड़ों की वजह बन सकता है। यदि जन्म कुंडली में अन्य तारे और सप्तमेश चंद्रमा अशुभ दृष्टि में है तो उस स्थिति में शुक्र भी दंपति के बीच अलगाव या ऐसी बड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है। ऐसे में सावधान रहें और जितना हो सके लड़ाई झगड़ों से बचकर रहें।
  • मीन राशि: शुक्र आपके तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और पांचवें घर में अस्त और वक्री होकर गोचर करेगा। मीन राशि के जातकों के लिए यह अवधि विशेष तौर पर प्रेम संबंधों के लिहाज से बेहद खास रहेगी क्योंकि शुक्र का नकारात्मक प्रभाव सीधे तौर पर आपके प्रेम संबंधों पर पड़ने वाला है। इस अवधि में आपका आपके साथी के प्रति प्रतिबद्धता की परीक्षा लेने के लिए एक बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण समय साबित होगा। इस अवधि में दोनों के बीच बहुत सारे झगड़े होने की आशंका है और इस राशि के कुछ जातकों को अलगाव (ब्रेकअप) का भी सामना करना पड़ सकता है। 

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कर्क राशि में वक्री शुक्र अस्त – देश-दुनिया पर प्रभाव 

  • फ़ैशन उद्योग और कपड़ा उद्योग में गिरावट देखने को मिलेगी या फिर बिक्री में कुछ समय के लिए कमी आ सकती है। 
  • देश और दुनिया भर के लेखकों और गायकों को इस दौरान अपनी किसी भी परियोजना को पूरा करने या उनके सफल होने में कठिनाइयों और देरी का सामना करना पड़ेगा। 
  • सौंदर्य प्रसाधन उद्योग और त्वचा एवं बाल देखभाल उद्योग में भी गिरावट देखने को मिलेगी। 
  • भारतीय कपड़ा और हैंडलूम नीतियों या परियोजनाओं में भारत में अधिकारियों द्वारा सुधार किया जा सकता है। 
  • भारत के साथ दुनिया भर में होटल और खाद्य उद्योगों की बिक्री में कमी या गिरावट का अनुभव होगा और शुक्र की यह वक्री और अस्त अवस्था विकास के लिए किसी भी तरीके से अनुकूल नहीं रहने वाले हैं। 

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कर्क राशि में वक्री शुक्र अस्त –  स्टॉक मार्केट पर क्या रहेगा हाल? 

शुक्र ग्रह अब 8 अगस्त 2023 से कर्क राशि में ही अस्त होने वाले हैं। ऐसे में देश के साथ-साथ इस महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा। अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं तो इससे संबंधित हम आपके लिए शेयर बाजार की भविष्यवाणियां भी लेकर आए हैं।  जिसके माध्यम से आप जान सकते हैं कि कर्क राशि में वक्री शुक्र का शेयर बाजार में क्या प्रभाव पड़ेगा। यहां हम आपकी जानकारी के लिए बता दें शेयर बाजार का यह हाल शुक्र से संबंधित उद्योगों के संदर्भ में तैयार किया गया है। 

  • इस अवधि के दौरान बैंकिंग क्षेत्र, फ़ाइनेंस क्षेत्र, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, प्रौद्योगिकी सूचना संचार प्रौद्योगिकी में काफी धीमा विकास देखने को मिलेगा या रुकावट देखने को मिलेगी।  
  • उद्योगों के बीच शिपिंग कॉरपोरेशन को भी मंदी के दौर का सामना करना पड़ सकता है। 
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज को नुकसान होगा। 
  • महीने के अंत तक सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों की गति धीमी हो सकती है और आने वाले समय में इन क्षेत्रों में भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

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