13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। माता के भक्तों को इस पर्व का विशेष

13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो गया है। माता के भक्तों को इस पर्व का विशेष
शनि देवता की दृष्टि किसी पर पड़ जाये तो सामान्य परिस्थिति में उसका अनिष्ट होना निश्चित है। ऐसे में वे
शनिदेव यानी शनि ग्रह को नवग्रहों में न्यायाधीश माना गया है। शनि को यह उपाधि भगवान शिव ने प्रदान की
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी नौ ग्रहों में शनि का क्रोध सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। यही कारण है
सूर्य पुत्र शनिदेव को कर्म-देवता कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शनि देव किसी भी व्यक्ति को उनके कर्मों के
शनि की साढ़े साती और ढैया है तो ज़रूर करें ये छोटा सा उपाय प्रदोष व्रत भगवान शंकर और माता