वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली के 12 भाव व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण क्षेत्रों की व्याख्या करते हैं। इन
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कुंडली में द्वितीय भाव – धन-धान्य और मौक़ों का द्वार
कुंडली के 12 भावों में से द्वितीय भाव को कुंटुंब भाव और धन भाव के नाम से जाना जाता है।
कुंडली में प्रथम भाव – स्वयं को जानने का मार्ग
जन्म कुंडली में प्रथम भाव यानि लग्न का विशेष महत्व है। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र की उत्पत्ति ऋग्वेद से हुई है,