15 अगस्त 2022 – आज़ादी के 75 साल और भारत का स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 2022 का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जो प्रत्येक भारतवासी के लिए गौरव का पल लेकर आने वाला है क्योंकि इस दिन हमारी आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश में ज़ोरों-शोरों से मनाया जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो यह भारत के स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने वाला 75 वां स्वतंत्रता दिवस होगा, जब भारत को आजादी मिले हुए लगभग 75 वर्ष बीत चुके होंगे। 

इन 75 वर्षों में हमने बहुत कुछ प्राप्त किया है और बहुत कुछ खोया भी है लेकिन एक ऐसी चीज है जो हमने कभी नहीं छोड़ी, वह है हमारा सदैव आगे बढ़ने का जलवा और देश के प्रति मर मिटने की हमारी सोच, जो ना केवल हमारी सेना को बल्कि पूरे भारत देश के नागरिकों को महान बनाती है। भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर स्वतंत्र भारत की कुंडली के माध्यम से हमने यह जानने की कोशिश की है कि भारत का और भारत के नागरिकों का आने वाला भविष्य कैसा हो सकता है। 

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यह दिन प्रत्येक भारतवासी के लिए गौरव से भरा हुआ दिन है और इस पवित्र पावन अवसर पर आप हमारा यह लेख पढ़िए और जानिए कि आने वाले एक वर्ष के समय में भारत किन परिस्थितियों में आगे बढ़ने की उम्मीद कर सकता है। यदि आपके मन में अपने जीवन को लेकर कोई विशेष प्रश्न जन्म ले रहा है अथवा आप अपने बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो अपने किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए अभी यहां क्लिक करें और हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श प्राप्त करें।

हमारा देश भारत अपनी संस्कृति, सभ्यता और समृद्धि के लिए विश्व में अलग पहचान बनाता आया है लेकिन समय के साथ साथ कभी मुगलों ने तो कभी अंग्रेजो ने हमारे देश पर शासन किया और भारत की एक चमक खो सी गई। फिर उसके बाद जब अंग्रेजों से हमें आजादी मिली, तब से भारत एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ और धीरे-धीरे करके हमारे देश में तरह तरह के विकास होने लगे।

चाहे कंप्यूटर का इस्तेमाल हो या मोबाइल फोन का या फिर इंटरनेट का इस्तेमाल हो या आज के समय में हम रक्षा क्षेत्र में भी एक बड़ी शक्ति बन गए हैं और यही नहीं हम अपने देश के साथ-साथ विदेशी सैटेलाइट को भी लॉन्च करने वाले कुछ चुनिंदा देशों में से एक हो गए हैं। समय के साथ-साथ भारत एक विश्व शक्ति बन चुका है और आज विश्व का लगभग हर देश भारत की प्रभुता और सामर्थ्य में विश्वास रखता है और उसे मानता है। 

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आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए हम यह देख रहे हैं कि इन बीते हुए वर्षों में हमारे देश में तरह-तरह की समस्याएं उत्पन्न होती रही हैं और जिस तरह हमारे देश में आतंकवाद का मुद्दा हमेशा गर्म रहा और हमारे देश को सदैव से ही कमजोर करने की कोशिश होती रही, उसके बावजूद भी हमारे देश ने जिस तरक्की की राह पर आगे कदम बढ़ाया है, वह काबिले तारीफ है।

पिछले दो वर्षों से अधिक का समय हम कोरोनावायरस से लड़ते हुए बिता चुके हैं। यह वास्तव में एक ऐसी विपदा थी जिसने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया। ऐसी भयंकर विपदा के समय जब विश्व का बड़ा से बड़ा देश कमजोर प्रतीत हुआ ऐसे में हमारा देश एक ताकत बनकर उभरा और हमने इस चुनौती का डटकर सामना किया। यह वास्तव में एक विशाल भारत है जो नया भारत भी है और आत्मविश्वास से भरपूर भारत भी है। 

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आज हम देखते हैं कि हमारा भारत कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की ओर है। बड़ी-बड़ी कंपनियां आज हमारे देश में आ रही हैं और यहां के नौजवानों को न केवल रोजगार दे रही हैं बल्कि भारत के बाजार को भुनाना चाहती हैं जिसकी वजह से उनका भी लाभ होगा और हमारे देश में भी विदेशी मुद्रा के साथ-साथ रोजगार की प्राप्ति हो सकेगी। वास्तव में यह एक ऐसा समय है, जब भारत एक विश्व शक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है और पूरी विश्व बिरादरी ने भारत की प्रभुता का समर्थन किया है।

इन सभी खूबसूरत बातों को एक तरफ रख दें तो अनेक चुनौतियां भी हमारे सामने हैं। आज भी हमारे देश में कई लोग गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हैं। बेरोजगारी भी एक महत्वपूर्ण और बहुत बड़ा मुद्दा है और सभी की शिक्षा को लेकर असमानता तथा जनसंख्या वृद्धि की समस्या अभी तक उपस्थित है। इन सभी पर हमें विजय प्राप्त करनी है और विश्व में भारत का डंका बजाना है।

इसके लिए प्रत्येक भारतवासी को सदैव तत्पर रहना चाहिए और यही सोचकर हमें अपनी आजादी का यह अमृत महोत्सव भारत के 75वें स्वतंत्रता संग्राम के रूप में मनाना चाहिए। आइये अब जानते हैं कि एस्ट्रोगुरु मृगांक के द्वारा स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार देश के लिए आने वाला यह एक वर्ष कैसा रहने वाला है?

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स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली और आने वाले भविष्य का आंकलन

हमारे महान देश भारत की प्रभाव राशि मकर है और इसलिए मकर राशि का प्रभाव भी इस पर काफी हद तक पड़ता है तथा हमारे देश की वास्तविक जन्मतिथि किसी को ज्ञात नहीं क्योंकि यह अनादि काल से चला आ रहा देश है लेकिन कुछ घटनाओं के आंकलन के लिए हम अंग्रेजों से जब हमारा देश आजाद हुआ तो उस 15 अगस्त 1947 के मध्य रात्रि के अनुसार स्वतंत्र भारत की कुंडली बनाते हैं और उसके आधार पर देखते हैं कि वर्तमान समय में देश की क्या स्थिति हो सकती है और उसी की तस्वीर सामने रखने की कोशिश इस आलेख में भी की जा रही है। 

स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली

  • स्वतंत्र भारत की उपरोक्त कुंडली का अध्ययन करने पर यह ज्ञात होता है कि भारत की कुंडली में स्थिर लग्न वृषभ है जिसमें राहु महाराज विराजमान हैं। 
  • मंगल महाराज दूसरे भाव में मिथुन राशि में विराजमान हैं।
  • सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध और शुक्र, ये पांच ग्रह तीसरे भाव में चंद्रमा की राशि कर्क में विराजित हैं। 
  • इनमें से शुक्र और शनि अस्त अवस्था में हैं। कोई भी ग्रह, ग्रह युद्ध में शामिल नहीं है।
  • छठे भाव में तुला राशि में बृहस्पति विराजमान हैं। 
  • सप्तम भाव में वृश्चिक राशि के केतु स्थित हैं।
  • यदि नवमांश कुंडली का अध्ययन करें तो वह मीन लग्न की है और लग्न में ही सूर्य देव जी विराजमान हैं। 
  • मीन राशि जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव की राशि है जो बताती है कि भारत भविष्य में उन्नति करता रहेगा और लाभान्वित होता हुआ समय काल में उत्तरोत्तर वृद्धि करेगा तथा देशवासियों को सुख, समृद्धि, वैभव तथा संपन्नता प्राप्त होगी।  
  • आजादी के बाद से शनि, बुध, केतु, शुक्र और सूर्य की महादशायें बीत चुकी हैं और अब चंद्रमा की महादशा चल रही है जो 2025 तक चलेगी। 
  • वर्तमान समय में चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा है जो 11 दिसंबर 2022 तक चलेगी और उसके बाद केतु की अंतर्दशा जुलाई 2023 तक प्रभाव डालेगी। 
  • चंद्रमा भारत की कुंडली में तीसरे भाव का स्वामी होकर तीसरे ही भाव में विराजमान है और शनि के नक्षत्र में स्थित है।
  • इस कुंडली का जन्म नक्षत्र पुष्य है जोकि नक्षत्रों का राजा कहा जाता है और एक अच्छा और शुभ नक्षत्र माना गया है।
  • इस पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जो इस कुंडली के नौवें और दसवें भाव का स्वामी होकर योगकारक ग्रह है और कुंडली के तीसरे भाव में विराजमान है। 
  • अंतर्दशा स्वामी बुध भी तीसरे ही भाव में शनि के ही नक्षत्र में स्थित हैं।
  • इसके बाद आगामी अंतर्दशा केतु की होगी जो स्वयं शनि देव जी के नक्षत्र में ही स्थित हैं।
  • इस प्रकार इन दशाओं में शनि देव का प्रभाव विशेष रूप से दृष्टिगोचर होगा जो कि इस कुंडली के लिए एक अनुकूल ग्रह हैं।
  • यदि वर्तमान गोचर पर नजर दौड़ाई जाए तो बृहस्पति का गोचर अपनी ही राशि मीन में इस कुंडली के एकादश भाव में और चंद्र राशि से नवम भाव में हो रहा है।
  • शनि का वर्तमान गोचर कुंडली के दशम और चंद्रमा से अष्टम भाव में है तथा इस महीने के अंत तक नवम भाव में मकर राशि में हो जाएगा और फिर 17 जनवरी को फिर से इन्हीं भावों में होगा।
  • राहु का गोचर जन्म कुंडली के द्वादश भाव में और चंद्र कुंडली से दशम भाव में है।
  • कुंडली का तीसरा भाव मुख्य रूप से संचार के साधनों, यातायात, शेयर मार्केट, देश के पड़ोसी राष्ट्रों और उनसे संबंध, आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • कुंडली का नवम भाव देश की आर्थिक प्रगति, बौद्धिकता और व्यापारिक प्रगति के बारे में बताने के साथ-साथ धार्मिक क्रियाकलापों और देश के न्यायालयों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • यदि कुंडली के दसवें घर की बात की जाए तो उससे वर्तमान सत्तारुढ़ पार्टी, देश की सर्वोच्च संस्थाएं, देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आदि के बारे में पता लगता है।
  • कुंडली का सप्तम भाव विदेशी संपर्क और विदेशियों से साझेदारियों को बताता है।

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विदेशों में बढ़ता हुआ तनाव और उसका भारत पर प्रभाव 

चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा दिसंबर 2022 के मध्य तक रहेगी। इस दिशा में पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध रहेंगे। विदेशी ताकतें सिर उठाएंगी क्योंकि अभी आप देखेंगे कि भारत के पड़ोसी देश भारत से मदद की उम्मीद रखेंगे। उनकी अर्थव्यवस्थाओं पर काफी खराब असर पड़ेगा और पूरे भारत की ओर एक मित्र के रुप में देखना पसंद करेंगे। इसका फल यह होगा कि जो देश विरोधी हैं, वे भी भारत का गुणगान करते हुए नजर आएंगे और भारत से अपने संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे।  

दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच चंद्रमा की महादशा में केतु की अंतर्दशा आ जाएगी। इस दशा में भारत का अपने किसी खास विदेशी देश से व्यापार संबंध पूरी तरह से टूटने के योग बनेंगे लेकिन इसमें परेशानी की कोई बात नहीं क्योंकि यही संबंध किसी अन्य महत्वपूर्ण देश से जुड़ने के योग भी साथ ही साथ बन रहे हैं। 

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भारत के जनमानस पर आने वाला प्रभाव 

शनि का गोचर जुलाई के अंत से लेकर जनवरी की शुरुआत तक भारत की राशि से सप्तम भाव और लग्न से नवम भाव में रहेगा। इस वजह से कई अनेक न्यायालय आदेश पारित होंगे जो देश में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले साबित होंगे। इस समय के दौरान कई जन समस्याओं का निपटारा होने की योजना बनेगी और आम जनता को कई समस्याओं से बचने का मौका मिलेगा।

ऐसी भी संभावना है कि जनसंख्या वृद्धि कानून या समान नागरिक संहिता जैसे कानून को पास करने का मुद्दा भी उठाया जा सकेगा लेकिन इसी दौरान जनता पर कुछ टैक्स का बोझ भी पड़ेगा जो उन्हें चुकाना पड़ेगा और वह उनकी जेब पर भारी पड़ने वाला है।

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आजादी के 75 साल में भारत का विकास 

आजादी के 75 साल के जश्न के बाद कुछ नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है जो पहले से चल रही योजनाओं को और मजबूत करने का काम करेंगी। जीएसटी को लेकर कोई बड़ी घोषणा होने की संभावना है और बैंकिंग सेक्टर में रिफॉर्म आने की संभावना बनेगी। हालांकि इसी दौरान विश्व स्तर पर मंदी आने से भी इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन भारत पर उसका प्रभाव संतुलित मात्रा में रहने की उम्मीद आप कर सकते हैं। कम्युनिकेशन के साधनों का विकास होगा।

5G तकनीक पूरी तरह से लाभान्वित करती हुई नजर आएगी और देश में उसका बोलबाला रहेगा। फिल्म, मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कुछ नियम और कानून बनने की संभावना दिखेगी। देश के कुछ बड़े चर्चित लोगों के नाम जनता के सामने किसी खास मामले में आएंगे और उन पर फैसले भी कानून के अनुसार अच्छे ही होंगे।

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इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इस 75वें साल में हम बहुत अच्छी राह पर आगे बढ़ते हुए नजर आएंगे। भारत का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है। कुछ विरोधी ताकतें भारत को आंख दिखाने की कोशिश भी करेंगी लेकिन भारत से पूर्व भारत के पड़ोसी और मित्र देश उनका जवाब देने की कोशिश करते हुए नजर आएंगे। इसी से भारत की कुशल नेतृत्व क्षमता का पता चलेगा। जनवरी से अगस्त 2023 के बीच भारत की विदेश नीति में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है और इसका वैश्विक स्तर पर असर पड़ेगा। भारत को किसी बड़े संस्थान की सदस्यता प्राप्त हो सकती है जो विश्व स्तर पर भारत के कद को बढ़ाने वाली साबित होगी। 

इसी दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और कुछ ऐसे काम होंगे, जो धार्मिक क्रियाकलापों में भी बढ़ती करेंगे और भारत में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होगी लेकिन भारत के कुछ विरोधी देश भारत के अंदर संघर्ष कराने का प्रयास करते भी नजर आएंगे लेकिन यह साल कुछ ऐसा विशेष साल होगा, जब पुराने कुछ बड़े कारनामों का पर्दाफाश होगा और बड़े-बड़े चेहरों के नाम उसमें आएंगे।

अंत में हम आशा करते हैं कि हमारा देश विश्व पटल पर अपनी चमक सूर्य के समान सूर्य के समान बिखेरता रहे और हमें अपने देश पर गर्व हो और हम सभी मिलकर प्रगति करें और देश हित में कार्य करें।

जय हिंद ! जय भारत !!

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

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