15 अगस्त 2020 का दिन बुलंद भारत का 74वां स्वतंत्रता दिवस पूरा देश पूरी आन बान और शान के साथ मनाने जा रहा है। इस आजादी की 74वीं वर्षगांठ पर कुंडली के माध्यम से जानिये कि कैसा होगा भविष्य का भारत। इस पावन मौके पर पढ़ें हमारा यह लेख और जानिये कि आने वाले एक वर्ष के समय में कैसी होगी भारत की तस्वीर! अपने मन में उमड़ रहे किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए अभी यहां क्लिक करें और हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श पाएं।
एक समय में सोने की चिड़िया और जगत गुरु कहलाने वाला हमारा देश भारत अपनी स्वाधीनता दिवस की 74वीं वर्षगांठ मना रहा है। 15 अगस्त 1947 से 15 अगस्त 2020 तक का सफर बहुत लंबा रहा है और ऐसे में हमने बहुत कुछ खोया है और बहुत कुछ पाया भी है। आज़ादी के समय का भारत अब पूरी तरह से बदलकर डिजिटल इंडिया के रूप में आगे बढ़ रहा है, जहां एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान है तो वहीं दूसरी तरफ मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों पर देश के प्रधानमंत्री और देश की जनता का पूरा जोर है।
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भारत की जनता ने जिस तरीके से कोरोनावायरस के समय में एकजुटता का परिचय दिया है और इस बड़ी बीमारी पर विजय प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ाए हैं, वह वास्तव में काबिले तारीफ है। हमारे देश में नई शिक्षा नीति बन चुकी है और मेडिकल साइंस और तकनीकी कौशल तथा देश की अर्थव्यवस्था, डिफेंस और व्यापार तथा कृषि क्षेत्रों को देखें तो कई जगह आमूलचूल बदलाव हुए हैं।
बृहत् कुंडली से आपको अपने जीवन में ग्रहों के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी।
इन सब के बावजूद भी अनेक चुनौतियाँ हमारे सामने हैं। देश में अभी भी गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता और जनसंख्या वृद्धि की समस्याएं हैं जिनसे जुड़ी और भी अनेक समस्याएं देश को कमजोर करने में लगी हुई हैं। हमें इन पर भी विजय प्राप्त करनी है और यही इस आज़ादी की 74 वीं वर्षगांठ पर हमारा ध्येय होना चाहिए। आइये अब जानते हैं कि एस्ट्रोगुरु मृगांक के द्वारा स्वतंत्र भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार देश के लिए आने वाला यह एक वर्ष कैसा रहने वाला है?
स्वतंत्र भारत की कुंडली और भविष्य की तस्वीर
वैसे तो भारतवर्ष की महिमा बहुत पुरानी है और भारत की प्रभाव राशि मकर है लेकिन अंग्रेजी दासता से मुक्ति भारत को 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में मिली थी इसीलिए स्वतंत्र भारत के रूप में भारत की कुंडली 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के अनुसार बनाई जाती है और उसी के आधार पर देश में होने वाली घटनाओं पर ध्यान दिया जाता है।
भारत वर्ष की कुंडली
- स्वतंत्र भारत की इस कुंडली का अवलोकन करने पर पता चलता है कि स्थिर लग्न वृषभ में राहु की उपस्थिति है।
- मिथुन राशि में दूसरे भाव में मंगल कर्क राशि में है।
- तीसरे भाव में कर्क राशि में शुक्र (अस्त), बुध, सूर्य, चंद्रमा और शनि (अस्त) विराजमान हैं।
- तुला राशि में छठे भाव में बृहस्पति और वृश्चिक राशि में सप्तम भाव में केतु उपस्थित हैं।
- यदि नवमांश कुंडली का अध्ययन करें तो वह मीन लग्न की है और लग्न में सूर्य देव विराजमान हैं।
- मीन राशि जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव की राशि है जो बताती है कि भारत का अभ्युदय जरूर होगा और हर तरीके से सुख और वैभव तथा संपन्नता और प्रगति को दर्शाती है।
- आजादी के बाद से शनि, बुध, केतु, शुक्र और सूर्य की महादशायें बीत चुकी हैं और अब चंद्रमा की महादशा चल रही है।
- इसी चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा है जो जुलाई 2021 तक प्रभावी रहेगी।
- चंद्रमा स्वतंत्र भारत की कुंडली के तीसरे भाव का स्वामी है और पुष्य नक्षत्र में है।
- इस पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है जो इस कुंडली के नौवें और दसवें भाव का स्वामी होकर योगकारक ग्रह है और कुंडली के तीसरे भाव में विराजमान है।
- शनि अश्लेषा नक्षत्र का है जिसका स्वामी बुध कुंडली के दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और वह भी शनि, चंद्रमा, सूर्य और शुक्र के साथ तीसरे भाव में ही विराजमान है।
- यदि वर्तमान गोचर पर नजर दौड़ाई जाए तो बृहस्पति का गोचर वक्री अवस्था में कुंडली के आठवें भाव में, शनि का गोचर वक्री अवस्था में कुंडली के नौवें भाव में और राहु का गोचर कुंडली के दूसरे भाव में मंगल के ऊपर है।
- कुंडली का तीसरा भाव मुख्य रूप से संचार के साधनों, यातायात, शेयर मार्केट, देश के पड़ोसी राष्ट्रों और उनसे संबंध, आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- कुंडली का नवम भाव देश की आर्थिक प्रगति, बौद्धिकता और व्यापारिक प्रगति के बारे में बताने के साथ-साथ धार्मिक क्रियाकलापों और देश के न्यायालयों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
- यदि कुंडली के दसवें घर की बात की जाए तो उससे वर्तमान सत्तारुढ़ पार्टी, देश की सर्वोच्च संस्थाएं, देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, आदि के बारे में पता लगता है।
(ताजिक वर्षफल कुंडली)
वर्ष प्रवेश तिथि 14 अगस्त 2020 वर्ष प्रवेश समय सायं काल 17:09:11 बजे की है।
- मुंथा मिथुन राशि में वर्षफल कुंडली के सप्तम भाव और कुंडली के दूसरे भाव में स्थित है।
- मुंथा का स्वामी बुध है, जन्म लग्न का स्वामी शुक्र है और वर्ष लग्न का स्वामी गुरु है।
- अब यदि उपरोक्त स्थितियों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता लगता है कि इस वर्ष भारत को विदेशी व्यापार से लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे और कुछ पड़ोसी देशों से भारत की कटुता में बढ़ोतरी हो सकती है।
- चूँकि शनि योगकारक ग्रह है इसलिए शनि की अंतर्दशा में चंद्रमा की महादशा पड़ोसियों से संबंधों को खराब होता हुआ दिखा रही है लेकिन खराब संबंधों के बीच भी भारत मजबूती से खड़ा रहेगा और किसी के आगे नहीं झुकेगा।
- सप्तम भाव में मुंथा होने से देश में आंतरिक रूप से आपसी विरोध तथा बैर की भावना बढ़ सकती है और अधर्म की जनता में ओर रुचि बढ़ सकती है।
- सरकार के घटक दलों में आपस में विरोध और बैर की भावना में बढ़ोतरी हो सकती है और देश की कुछ महत्वकांक्षी परियोजनाएं विलंब का शिकार हो सकती हैं।
- वक्री बृहस्पति का गोचर कुंडली के आठवें भाव में अच्छा नहीं कहा जा सकता। इसके कारण देश में वर्तमान समय में चल रही महामारी में अभी कमी आने के संकेत विलम्ब से दिखाई देंगे। सितंबर के मध्य में जब बृहस्पति मार्गी होंगे तब इसमें धीरे-धीरे कमी आएगी और नवंबर के महीने में जब बृहस्पति का गोचर मकर राशि में हो जाएगा तब तक इस बीमारी के लगभग समाप्त होने की स्थिति बनेगी। तब तक इस पर रोकथाम के उपाय खोज लिए जाएंगे।
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तनाव के बीच पड़ोसी राष्ट्रों से संबंध
इस दशा में भारत की अपने पड़ोसी देशों से तल्ख़ियां जारी रहेंगी। जहां चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा और पाकिस्तान तथा अन्य छोटे-छोटे देशों पर अपना प्रभुत्व जमा कर उन्हें भारत के विरुद्ध खड़ा करने की कोशिश करेगा, वहीं अक्टूबर तक भारत पूरे पराक्रम में रहेगा और अक्टूबर के मध्य तक मुंह तोड़ जवाब देगा। उसके बाद अक्टूबर से नवंबर के बीच भारत की छवि और मजबूत होगी और इसे कुछ बड़े राष्ट्रों का खुलकर समर्थन प्राप्त होगा जिससे भारत की संप्रभुता और नेतृत्व क्षमता मजबूत होगी। भारत अपने ऊपर उठने वाले हर कदम का भरपूर जवाब देगा और शनि की यह अंतर्दशा भारत को दुनिया के राष्ट्रों में ऊंचा स्थान दिलाएगी।
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भारतीय राजनीति में गठजोड़ और संघर्ष
इस एक वर्ष के काल में देश में कुछ ऐसे कार्य होंगे जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा और वह बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आएँगे। खासतौर से देश की यातायात व्यवस्था, देश की संचार व्यवस्था, देश के यातायात के साधन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे लेकिन देश में गंदी राजनीति अभी और होगी और एक दूसरे के खिलाफ अपशब्दों की मर्यादा बार बार टूटेगी। अक्टूबर से नवंबर के बीच देश का कोई बड़ा नेता किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो सकता है या हमसे विदा ले सकता है। सत्तारुढ़ पार्टी के कुछ घटक दलों में आपसी संघर्ष देखने को मिलेगा और विपक्षी पार्टियों के भी कुछ दल इस समय में टूट सकते हैं। अगला वर्ष 2021 कुछ नए समीकरणों के साथ दिखाई देगा।
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भारतीय जनमानस और समस्याएं
देश की नई शिक्षा नीति आ चुकी है। उसको अमल कराने के लिए कुछ और नए कायदे कानून बनाए जा सकते हैं और आने वाले समय में जनता को प्रभावित करने के लिए कुछ नई योजनाओं की घोषणा हो सकती है जिनमें से कुछ मुख्य योजनाओं में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्रों के अलावा डिफेंस तथा कृषि के क्षेत्र में ज्यादा काम किया जाएगा। जनसंख्या और नागरिकता के मुद्दे फिर से गति पकड़ सकते हैं। देश में धार्मिक तौर पर सांप्रदायिकता फैलाने वाले लोगों में बढ़ोतरी होगी और कुछ नए नियम कानून बनेंगे जिनमें सरकारी अधिकारियों के मनमाने रवैए पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा सकता है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत कुछ और बड़ा करने में सफल होगा जिससे भारत की स्थिति पूरे विश्व में काफी ऊपर हो जाएगी।
देश की अर्थव्यवस्था में गति आने में थोड़ा समय लगेगा और 2020 इसी के साथ गुजर जाएगा। हालांकि 2021 की सुबह नई उम्मीदों के साथ भारत की तरक्की की नई गाथा लिखनी शुरू कर देगी और अगला वर्ष भारत की आर्थिक प्रगति का सूचक बनेगा।
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इस प्रकार कहा जा सकता है कि हमारा देश धीरे-धीरे ही सही लेकिन प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा। हम सभी भारतीय नागरिक देश की स्वाधीनता की 74 वीं वर्षगांठ पर स्वयं से यह वादा करें कि हम अपने देश को एक अच्छा राष्ट्र बनाएँगे, एक अच्छे नागरिक बनेंगे, देश में स्वच्छता और ईमानदारी रखेंगे तथा प्राकृतिक संपदाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकने का प्रयास करेंगे। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए देश में प्रदूषण की मात्रा को कम करने में सहयोग करेंगे और देश में पौधारोपण कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे जिससे हमारे देश की स्थिति और भी मजबूत होगी।
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जय हिंद ! जय भारत !!
एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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