सूर्य ग्रह की मजबूती के लिए, रविवार को इस विधि से करें सूर्य यंत्र की पूजा

रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। इसलिए आज हम इस ख़बर के माध्यम से यह जानेंगे कि सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना और पूजा कैसे करनी चाहिए। सूर्य यंत्र की स्थापना विधि क्या है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। यदि कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है तो व्यक्ति को समाज में एक राजा के समान मान-सम्मान और अधिकार प्राप्त हो जाते हैं। जातकों को जीवन में उच्च पदों की प्राप्ति होती है। फिर चाहें निजी या सरकारी क्षेत्र क्यों न हो। 

सूर्य ग्रह के आशीर्वाद से ही व्यक्ति के अंदर नेतृत्व क्षमता विकसित होती है। यदि कोई जातक सरकारी नौकरी की तैयार कर रहा है तो उसे नौकरी जल्दी पाने के लिए सूर्य ग्रह को प्रसन्न और मजबूत करना चाहिए और वह सूर्य यंत्र की पूजा कर सूर्य देवता को प्रसन्न कर सकता है। हालाँकि इससे पहले सूर्य यंत्र को स्थापित करना आवश्यक होता है, जिसे विधि अनुसार ही स्थापित किया जाता है। आइए जानते हैं सूर्य यंत्र को स्थापित करने की विधिः-

सूर्य यंत्र को स्थापित करने की विधि

  • इस यंत्र को रविवार के दिन रविवार होरा या सूर्य नक्षत्र में स्थापित करना चाहिए। 
  • सबसे पहले प्रातः जल्दी उठें, फिर सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान करें।
  • अब यंत्र को गंगा जल और गाय के दूध से पवित्र करें। 
  • इसके बाद पीला वस्त्र पूर्व दिशा की ओर मुख कर बिछाएँ और फिर उस पर यंत्र को स्थापित करें। अब चारो कोनों और सूर्य के केन्द्र पर चंदन का लेप लगाएँ। 
  • साथ में केसरिया एवं लाल रंग के पुष्प रखें।
  • यंत्र की पूजा करते समय “ॐ घृणि सूर्याय नमः”,का जाप करें।

सूर्य यंत्र की पूजा के लाभ

वैदिक ज्योतिष में सूर्य का बड़ा महत्व है। यदि सूर्य यंत्र को पूर्ण विधि विधान के साथ स्थापित किया जाए तो जातक की कुंडली से सूर्य दोष समाप्त हो जाते हैं। सूर्य यंत्र जातक को न केवल सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि यह उनके जीवन में धैर्य, आध्यात्मिक शक्ति और नेतृत्व क्षमता को बढ़ता है। यह रोग-दोष एवं मानसिक तनाव को दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है।

कुंडली में यदि सूर्य ग्रह मजबूत हो तो व्यक्ति के सारे बिगड़े कार्य बन जाते हैं। बली सूर्य के कारण जातक के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं और जीवन के प्रति वह आशावादी होता है। सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में प्रगति करता है। यह व्यक्ति के अंदर अच्छे गुणों को विकसित करता है।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.