भानु सप्तमी पर्व रविवार के दिन सप्तमी तिथि के संयोग पर मनाया जाता है, यानी हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सप्तमी तिथि के दिन यदि रविवार है, तो उस दिन भानु सप्तमी पर्व होता है। पुराणों के अनुसार भानु सप्तमी के दिन सूर्य देवता पहली बार सात घोडे़ के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे सूर्य सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन सूर्य देवता ने धरती से अंधकार को दूर करने के लिए पहली बार अपना प्रकाश फैलाया था। यह व्रत स्त्रियों के लिए मोक्षदायिनी माना जाता है।
इस बार यह पर्व 03 नवंबर यानि आज पड़ रहा है। इस दिन सच्चे मन और विधि विधान से सूर्य देवता की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है, और उसके सभी दुखों का नाश होता है। ऐसा माना जाता है कि भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को जल देने से मन एकाग्र होता है, और यादाश्त भी बेहतर होता है। तो चलिए आज इस लेख में आपको भानु सप्तमी पर्व से जुड़ी और भी जानकारियाँ देते हैं –
भानु सप्तमी पूजन और लाभ
भानु सप्तमी के दिन जातक स्नान के बाद सूर्य देवता को जल चढ़ाने के साथ ही स्थल परिक्रमा भी करते है। इस दिन उपवास करने का भी विधान है। भानु सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान कर सूर्य को दीपदान करना बेहद फलदायी माना गया है। सूर्य देवता की पूजा करने से बीमार व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है, और वह दीर्घायु होता है। इतना ही नहीं ऐसा माना जाता है, कि प्रतिदिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से बुद्धि का भी विकास होता है, और व्यक्तित्व में निखार आता है। सूर्य देव की पूजा से मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है। भानु सप्तमी को अर्क, अचला सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, सूर्य सप्तमी आदि जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
भानु सप्तमी पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है, इसीलिए आप घर पर नहाने के पानी में भी गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- अब उगते हुए सूर्य के दर्शन करें और उन्हें ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ इस मन्त्र का जाप करते हुए एक तांबे के बर्तन में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करें।
- जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रहे कि लोटे में कुछ जल बचा लें और फिर उस जल का पूरे घर में छिड़काव करें। ऐसा करने से घर में दरिद्रता नहीं आती।
- इस दिन महिलाओं को एक बार भोजन कर सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए।
- इस विशेष दिन दान-पुण्य का कार्य ज़रूर करें, ऐसा करने से घर में हमेशा धन-धान्य भरा रहता है।
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