सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: ग्रहों के राजा सूर्य 15 जून 2023 को वृषभ राशि से बुध की पहली राशि मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। यह सूर्य की मित्र राशि है और सूर्य यहां एक महीने यानी 16 जुलाई 2023 तक विराजमान रहेंगे। भारतवर्ष के लिए देखें तो सूर्य के गोचर के चलते देश के भीतर आंतरिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है। आर्थिक नीतियों में भी कुछ बदलाव की संभावना है। नेतागण एक-दूसरे को तुलनात्मक रूप से कटुवचन कहते हुए सुने या देखे जा सकेंगे। तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सूर्य के गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं विस्तार से।
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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
सूर्य आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने वाले हैं। पंचमेश सूर्य का तीसरे भाव में आना सामान्य तौर पर आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। सूर्य का यह गोचर आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम कर सकता है। आपके करीबी आपका सहयोग करते हुए देखे जा सकेंगे। आप अच्छी योजना बनाकर विभिन्न मामलों में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। सूर्य का यह गोचर आपको स्थान लाभ करवा सकता है। यानी कि यदि आपकी कुंडली की दशाएं अनुकूल हैं और आप भूमि या फिर भवन से संबंधित कोई कदम उठाने जा रहे हैं, तो आपको इन मामलों में सूर्य के गोचर से अच्छा सहयोग मिल सकता है। घूमने फिरने के मौके भी सूर्य का यह गोचर दे सकता है। सामान्य तौर पर स्वास्थ्य अच्छा रह सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: पिता की सेवा करें और साथ ही साथ किसी पिता तुल्य व्यक्ति को दूध और चावल खिलाएं।
वृषभ राशि
सूर्य आपके चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को दूसरे भाव में अच्छा नहीं कहा जाता लेकिन इस महीने मित्र की राशि में होने के साथ-साथ राशि स्वामी की संगति भी सूर्य को मिलेगी। फलस्वरूप आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं। आपका मन तीखा-चटपटा खाने का हो सकता है। यदि लिमिट में खाएंगे तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं यदि आप ज्यादा चटोरे बनेंगे तो कुछ परेशानियां रह सकती हैं। ऐसी स्थिति में आपको खानपान सीमित रखना जरूरी रहेगा। यद्यपि आंखों को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन आंखों की सुरक्षा के लिए आपका जागरूक रहना जरूरी रहेगा, जिससे कोई समस्या न आने पाए क्योंकि इस समय नेत्र पीड़ा के योग निर्मित हो सकते हैं। सूर्य का यह गोचर कुछ व्यर्थ के खर्चे भी करवा सकता है। हालांकि सामान्य तौर पर खर्च सार्थक व्यक्तियों पर होने के कारण आपको कोई समस्या नहीं होगी।
उपाय: मंदिर में नारियल और बादाम का दान करें।
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मिथुन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। सूर्य आपकी राशि स्वामी के मित्र हैं, अतः आपको कोई बड़ी समस्या नहीं देंगे लेकिन पहले भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा में, सूर्य क्रोध और अहंकार देने का काम कर सकता है। इस दौरान आपको इस बात का ख़्याल रखना होगा कि आपके भीतर अहंकार या क्रोध से संबंधित भावनाएं घर न करने पाएं। साथ ही साथ शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ अपने ताल्लुकात को बेहतर रखना भी जरूरी रहेगा। खान-पान भी संयमित होना चाहिए, जिससे पेट से संबंधित कोई परेशानी न होने पाए अथवा एसिडिटी आदि की शिकायत न रहे। इस समय खान-पान उचित होने के साथ-साथ योग व्यायाम इत्यादि करने पर भी ध्यान दें। कामों में कुछ व्यवधान रह सकते हैं लेकिन मर्यादित और अनुशासित तरीके से काम करने की स्थिति में संतोषप्रद परिणामों की उम्मीद रखी जा सकेगी। इस समय संबंधियों से विरोध न होने पाए इस बात का भी ख़्याल रखना होगा।
उपाय: इस महीने गुड़ का सेवन न करें।
कर्क राशि
सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी हैं और सूर्य का यह गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। सूर्य ग्रह का यह गोचर सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। ऊपर से आपके धन भाव के स्वामी खर्च भाव में जा रहे हैं। फलस्वरूप व्यर्थ के खर्चे इस समय अवधि में हो सकते हैं। ऐसे में, सोच समझकर खर्च करने की आवश्यकता होगी। इस समय अवधि में यात्राओं के योग बनेंगे। घूमना फिरना भी संभव होगा। ऐसी स्थिति में इस मामले में भी सार्थक यात्रा करना जरूरी रहेगा। व्यर्थ की यात्राओं को टालना भी जरूरी रहेगा। इस समय शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्ति से बिल्कुल नहीं उलझना है। यदि किसी कारण से आपको उनके द्वारा किया गया कार्य पसंद नहीं आता है तो 3 महीने बाद ही सही, आप उनके विरुद्ध आवेदन निवेदन कर सकते हैं। तब तक चुपचाप साक्ष इकट्ठा करते रहिए। सूर्य की इस गोचर के कारण आपको धैर्य और संयम के साथ काम करना जरूरी रहेगा।
उपाय: प्रतिदिन मंदिर जाना फायदेमंद रहेगा।
सिंह राशि
सूर्य आपके राशि स्वामी होकर लाभ भाव में गोचर करने जा रहे हैं। लाभ भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। सूर्य का गोचर काफ़ी अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। आपका राशि स्वामी सूर्य लाभ भाव में जा रहा है। स्वाभाविक है कि लाभ के अनेक रास्ते आपको नज़र आ सकते हैं। आर्थिक मामलों के लिए भी इस गोचर को काफ़ी अच्छा कहा जाएगा। भले ही आपके स्थान का स्वामी खर्च भाव में गोचर कर रहा है लेकिन सूर्य का यह गोचर आपके कामों का प्रतिफल फायदे के रूप में ही दिलवा सकता है। हालांकि कामों में कुछ छोटे-मोटे व्यवधान रह सकते हैं लेकिन जो भी काम पूरे हो जाएंगे, उनके परिणाम अच्छे मिलेंगे। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति होने की अच्छी संभावनाएं हैं। इस समय किए गए कार्यों का फल आपको भविष्य में लाभ के रूप में मिलेगा। पिता अथवा पितातुल्य व्यक्ति के माध्यम से भी सूर्य का यह गोचर लाभ दिलवाने में मदद करेगा।
उपाय: मांस मदिरा और अंडे का पूरी तरह से त्याग करना हितकारी रहेगा।
कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी हैं और सूर्य का गोचर आपके दसवें भाव में होने जा रहा है। कर्म भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता। सूर्य का दशम भाव में गोचर आपको शासन प्रशासन से मदद दिलाने में सहयोगी बन सकता है। हालांकि सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी हैं यानी कि बहुत अच्छे भाव का स्वामी नहीं है लेकिन आपके राशि स्वामी के साथ उसके अच्छे संबंध हैं और दशम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा माना ही जाता है। अतः सामान्य तौर पर सरकारी कामों से जुड़े अधिकांश मामले आपके फेवर में रह सकते हैं। यदि आप विदेश से किसी तरह से जुड़े हुए हैं, खासकर जॉब या काम के माध्यम से; तो भी सूर्य का यह गोचर आपको अच्छे परिणाम दे सकता है। सामाजिक मान प्रतिष्ठा दिलाने में भी सूर्य का गोचर आपके लिए सहयोगी रह सकता है। सूर्य के इस गोचर के चलते पदोन्नति से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। किसी नए काम की शुरुआत भी सूर्य का गोचर करवा सकता है। पिता से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: किसी गरीब को शनिवार के दिन काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी हैं और यह गोचर आपके भाग्य भाव में होने जा रहा है। सामान्य तौर पर नवम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है लेकिन आपकी कुंडली में सूर्य लाभ भाव के स्वामी होते हैं और यह भाग्य भाव में जा रहे हैं अर्थात अपने से लाभ भाव में जा रहे हैं। ज्योतिष में एक सूत्र है “भावात भावम” उस नियम के अनुसार सूर्य का गोचर आपको अच्छे परिणाम भी दे सकता है। अर्थात इन दोनों नियमों को इकट्ठा करके देखें तो सूर्य के इस गोचर से मिले-जुले परिणामों की उम्मीद रखी जा सकती है। यदि आपको कहीं की यात्राएं करनी है तो सूर्य का गोचर आपकी मदद कर सकता है। यदि आप पिता या पिता तुल्य व्यक्ति के अनुभवों और मार्गदर्शन के अनुसार काम करेंगे तो कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी। यद्यपि आपका यह जानना भी जरूरी है कि इस गोचर को भाग्य हानि कराने वाला कहा गया है लेकिन यदि आप इन नियमों को फॉलो करेंगे तो भाग्य हानि जैसी स्थितियां नहीं आनी चाहिए और भाई बंधुओं के साथ कोशिश करके संबंधों को भी अच्छा रखना जरूरी रहेगा।
उपाय: रविवार के दिन नमक का सेवन नहीं करना है। इससे जीवन में सकारात्मकता बढ़ सकती है।
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कर्म स्थान के स्वामी सूर्य अपने से लाभ भाव में जा रहे हैं। सूर्य आपके कर्म स्थान के स्वामी होकर आठवें भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर यह कार्य क्षेत्र में कठिनाई आने का संकेत है। गोचर शास्त्र के अनुसार भी सूर्य के गोचर को आठवें भाव में अच्छा नहीं माना गया है। यानी कि कामों में विलंब या व्यधान देखने को मिल सकता है। ऐसी स्थिति में इस दौरान किसी नए काम की शुरुआत करना अनुकूल न रहने की आशंका है। नौकरी आदि के बदलाव के लिए भी यह समय अवधि थोड़ी सी रिस्क वाली हो सकती है।
इस समय अवधि में आपको अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए। साथ ही साथ योग व्यायाम इत्यादि भी करते रहना चाहिए। आठवें भाव में सूर्य के गोचर को आंखों से संबंधित परेशानियां देने वाला कहा गया है। अतः अपनी आंखों का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। इस गोचर के कारण शासन प्रशासन से जुड़े लोग आपसे नाराज भी हो सकते हैं। ऐसे में आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति आपसे नाराज न हो। खासकर कोई प्रतिष्ठित अथवा शासन प्रशासन से जुड़ा तो बिल्कुल ही नाराज न होने पाए, जिससे उनसे संबंधित आपका कोई बड़ा नुकसान न हो।
उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से दूर रखेंगे तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।
धनु राशि
सूर्य आपकी की कुंडली में भाग्य स्थान के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का सप्तम में जाना दैनिक रोजगार के मामलों में भाग्य के संयोग का संकेत करता है। यानी कि प्रबल संभावना है कि सूर्य के इस गोचर के चलते रोजमर्रा के कामों में जिन अड़चनों के आने की बात गोचरशास्त्र में कही जाती है, शायद वह आपके मामले में न आए क्योंकि आपके भाग्य स्थान के स्वामी इस मामले में आपका सपोर्ट कर दें। वैसे इस गोचर के कारण विवाहित लोगों को विशेष सजग रहने की आवश्यकता रहेगी क्योंकि यह गोचर जीवनसाथी अथवा जीवनसंगिनी के साथ मतभेद देने का काम कर सकता है। इस अवधि में यात्राओं से भी बचाव करना चाहिए। क्योंकि यात्राएं कुछ हद तक परेशानी भरी रह सकती हैं। जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि भाग्य के सहयोग के कारण व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में सकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं। इन सब के बावजूद भी आपको कोई बड़ा व्यापारिक निर्णय इस समय में नहीं लेना चाहिए।
उपाय: पूरे महीने ही कम से कम मात्रा में नमक का सेवन उचित रहेगा।
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मकर राशि
सूर्य आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करें। छठे भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा माना गया है। आठवें भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना ज्योतिष के कुछ के अनुसार अच्छा कहा गया है। एक तरह से यह विपरीत राजयोग जैसी श्रेणी की प्लेसमेंट मानी जाती है। ऊपर से छठे भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा भी कहा गया है। यानी कि सूर्य के गोचर के चलते यदि पहले कोई स्वास्थ्य समस्या रही है तो वह अब ठीक हो सकती है। आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफ़ी मजबूत होगी। फलस्वरूप नए सिरे से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं आनी होने की संभावना है। आपके प्रतिस्पर्धी हो अथवा आपके शत्रु, आप इस समय उन पर भारी पड़ते हुए देखे जा सकेंगे। इस समय अवधि में आप अच्छी मेहनत करते हुए अपने प्रभाव को और विस्तार दे सकेंगे। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी सूर्य का गोचर आपको अच्छे परिणाम दिला सकता है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी आपको इस गोचर के चलते मिल सकता है। गवर्नमेंट से जुड़ा हुआ कोई टेंडर आदि लेकर काम करना चाह रहे हैं तो उस मामले में भी आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
सूर्य आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पंचम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। गोचर शास्त्र के अनुसार पांचवें भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं कहा जाता लेकिन सातवें भाव के स्वामी का पंचम भाव में जाना उन लोगों के लिए अच्छे परिणाम दिलवाने का काम कर सकता है जो वास्तव में किसी से प्रेम करते हैं और उस प्रेम को विवाह में बदलना चाहते हैं अथवा इस समय अवधि में जिनके प्रेम की नींव रखी जाएगी; अगर वह सीरियस रहे तो भविष्य में उनकी लव मैरिज संभव हो सकेगी। हालांकि यह बात कुंडली के योग और दशाओं पर भी निर्भर करती है लेकिन गोचर भी इस मामले में सहायक बनेगा। बाकी अन्य मामलों में सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा गया है। इस समय मन मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने की कोशिश जरूरी होगी। यदि कहीं किसी बात को लेकर भ्रम हो तो एक्सपर्ट एडवाइस लें या संबंधित साहित्य का अध्ययन करें। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर प्रॉपर फोकस करने की लगातार कोशिश करें। उम्मीद है आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। वहीं अभिभावकों को चाहिए कि संतान की गतिविधियों को इस समय सही ढंग से परखें और उनके साथ प्यार से भी पेश आएं।
उपाय: सरसों के तेल की 8 बूंदें कच्ची मिट्टी में टपकाना फायदेमंद रहेगा।
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मीन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर चतुर्थ भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं कह गया है। सूर्य का चतुर्थ भाव में गोचर मानसिक व्यथा दे सकता है। कुछ न कुछ ऐसे घटनाक्रम हो सकते हैं जिससे आप तनावग्रस्त हो सकते हैं। सूर्य का चतुर्थ भाव में गोचर माता को कष्ट देने का काम भी कर सकता है। खासकर यदि आपको अथवा आपकी माता जी को हृदय से संबंधित कोई तकलीफ पहले से है तो सूर्य के इस गोचर को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है, बल्कि योग्य चिकित्सक से अनवरत संपर्क करके सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है। इस दौरान किसी भी प्रकार के विवादों से दूर रहें। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में भी इस समय बहुत ही समझदारी के साथ काम करें। यानी घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में शांति के साथ निर्वाह करना आवश्यक रहेगा।
उपाय: गरीबों की यथा सामर्थ्य मदद करे और उन्हें भोजन करवाएं।
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