कुम्भ राशि में सूर्य का प्रवेश, 12 राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

कुंभ संक्रांति के दिन गाय को खाना खिलाना बेहद शुभ माना जाता है।

13 फरवरी 2020, बृहस्पतिवार को दोपहर 2 बज कर 53 मिनट, पर सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर होने वाला है। कुंभ राशि को वायु तत्व की राशि कहा जाता है। यानि कि इस गोचर से अग्नि तत्त्व प्रधान सूर्य, वायु तत्व प्रधान राशि में प्रवेश करेगा। इसे कुम्भ संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य देव के गोचर को ही संक्रांति कहा जाता है, इसलिए सूर्य जब कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं तो इसे कुंभ संक्रांति कहा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार लगभग हर महीने सूर्य देव का गोचर होता है क्योंकि सूर्य एक राशि में लगभग एक महीने तक स्थित रहते हैं। कुम्भ संक्रांति का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना बहुत शुभ माना जाता है। कुंभ संक्रांति के दौरान गाय को खाना खिलाना पुण्य माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।कहते हैं कि कुंभ संक्रांति के दिन हिंदू धर्म के सभी देवी-देवता नदी में स्नान करते हैं। ऐसे में इस संक्रांति के कई बार शुभ तो कई बार कुछ अशुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं। तो आईये जानते हैं कि सूर्य के कुम्भ राशि में गोचर का सभी राशि के जातकों पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है। 

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जानें आपके साल 2020 का हाल – वार्षिक कुंडली 2020

मेष राशि : आपकी राशि के लिए सूर्य देव आपके त्रिकोण भाव अर्थात पांचवें भाव के स्वामी हैं और गोचर की इस अवधि में भी आप के ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे, जहां से वे पंचम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखकर बलशाली बनाएँगे……..आगे पढ़ें

वृषभ राशि : आपकी राशि के लिए सूर्य देव चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर की अवधि में वे आपके दशम भाव में प्रभाव दिखाएँगे क्योंकि दशम भाव में स्थापित होकर दिग्बल से युक्त हो जाएंगे और आपको कार्य क्षेत्र से संबंधित जबरदस्त लाभ प्रदान करेंगे……..आगे पढ़ें

मिथुन राशि : मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव तीसरे भाव के स्वामी होकर अपने इस गोचर काल में आपके नवम भाव में विराजमान होंगे। सूर्य देव के इस गोचर के प्रभाव से आपको मान और सम्मान की प्राप्ति होगी……..आगे पढ़ें

कर्क राशि : सूर्य देव आपकी राशि के लिए दूसरे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के समय में वे आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। यह भाव अचानक से होने वाली घटनाओं के लिए भी जाना जाता है। सूर्य देव के इस भाव में गोचर करने से आपको मिले जुले परिणाम प्राप्त होंगे……..आगे पढ़ें

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सिंह राशि : सूर्य देव आपकी राशि के स्वामी हैं, इसलिए सूर्य देव का गोचर आपके लिए विशेष प्रभाव लेकर आएगा। सूर्य देव के कुंभ राशि में गोचर के कारण वे आपकी राशि से सातवें भाव में विराजमान होंगे। इस गोचर का असर मुख्य रूप से आपके स्वास्थ्य, आपके व्यक्तित्व और आपके……..आगे पढ़ें

कन्या राशि : कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव बारहवें भाव के स्वामी होते हैं और इस गोचर के दौरान आपके छठे भाव में जाएंगे। आमतौर पर छठे भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल परिणाम देता है……..आगे पढ़ें

तुला राशि : तुला राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और इसलिए लाभ प्रदान करने वाले ग्रह हैं। अपने इस गोचर काल में वे आप के पांचवे भाव में विराजमान होकर अपने एकादश भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेंगे, जिससे आपको……..आगे पढ़ें

वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य देव उनके दशम भाव के स्वामी हैं, अर्थात आपके कर्म के स्वामी। इसलिए आपको यह गोचर विशेष रूप से प्रभावित करेगा। गोचर के इस समय काल में वे आपके चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे और वहां से आपके……..आगे पढ़ें

धनु राशि : आपके लिए सूर्य देव राशि के स्वामी बृहस्पति के मित्र भी हैं और आपके भाग्य के स्वामी भी, इसलिए सूर्य देव का यह गोचर आपके जीवन पर विशेष प्रभाव डालने वाला साबित होगा। अपने इस गोचर की अवधि में सूर्य देव आप के तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे……..आगे पढ़ें

मकर राशि : शनिदेव के आधिपत्य वाली मकर राशि के लिए सूर्य देव अष्टम भाव के स्वामी हैं। सूर्य देव के इस गोचर में वे आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे, जिसकी वजह से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं और विशेष रूप से……..आगे पढ़ें

कुम्भ राशि : आपकी राशि के लिए सूर्य देव सातवें भाव के स्वामी हैं जोकि एक मारक स्थान भी है। अपने गोचर की इस अवधि में वे आपकी राशि में ही विराजमान होंगे यानि कि  आपके प्रथम भाव में, इसलिए आपके लिए यह गोचर विशेष रूप से……..आगे पढ़ें

मीन राशि : मीन राशि के स्वामी बृहस्पति के परम मित्र सूर्य देव आपकी राशि के लिए छठे भाव के स्वामी होकर अपने इस गोचर काल में आपके बारहवें भाव में विराजमान होंगे। बारहवाँ भाव हानि भाव और खर्चों का भाव भी कहलाता है, इसलिए सूर्य देव के इस गोचर काल में आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो……..आगे पढ़ें

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