मान-सम्मान, धन, दौलत, सूर्य का गोचर दिलाएगा यह सब लेकिन सिर्फ इस एक राशि को: जानें राशि का नाम!

फरवरी का अगला महत्वपूर्ण गोचर है सूर्य का गोचर जिस दौरान सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे अर्थात गोचर कर जाएंगे। आज अपने इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे सूर्य का कुंभ राशि में गोचर कब होने वाला है, यह आपकी राशि को किस तरह से प्रभावित करेगा और इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं।

इसके अलावा इस खास ब्लॉग में हम जानेंगे कुंडली में मजबूत सूर्य का क्या प्रभाव होता है, सूर्य पीड़ित या कमजोर अवस्था में हो तो इससे व्यक्ति को क्या परेशानी उठानी पड़ती है, साथ ही जानेंगे कुंडली में सूर्य को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपायों की संपूर्ण जानकारी। तो चलिए शुरू करते हैं यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं सूर्य का कुंभ राशि में गोचर कब होने वाला है।

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सूर्य का कुंभ राशि में गोचर: समय 

वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है और यह फरवरी के महीने में कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं। बात करें समय की तो सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर 15:31 पर होने वाला है। सूर्य को बेहद भी महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि सूर्य ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और धरती पर सूर्य के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

इस खास ग्रह के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी जानते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं कुंडली में मजबूत शुक्र के सूर्य के प्रभाव क्या होते हैं।

मजबूत सूर्य के प्रभाव 

ज्योतिष की जानकार मानते हैं कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं, उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा कुंडली में अगर सूर्य मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति का उनके पिता के साथ संबंध बेहद ही मजबूत होता है और पिता के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी बिगड़े कार्य बनने लगते हैं। 

वहीं इसके विपरीत अगर कुंडली में सूर्य ग्रह पीड़ित या अशुभ अवस्था में हो तो इससे व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं जैसे व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता, उन्हें स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होने लगती है, व्यक्ति के जीवन में बिना कुछ किए ही झूठे आरोप लगने लगते हैं, मान सम्मान की कमी होने लगती है, पिता के साथ रिश्ते अच्छे नहीं होते, धन की हानि होती है। इसके अलावा सूर्य के अशुभ प्रभाव से कुंडली में पितृ दोष भी लग जाता है।

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क्या होता है पितृ दोष?

पितृ दोष कुंडली के बड़े दोषों में से एक माना गया है। आपकी कुंडली में भी कहीं ये दोष तो नहीं इस बात की जानकारी प्राप्त करने के लिए आप विद्वान ज्योतिषियों से फोन या चैट के माध्यम से जुड़कर इसका जवाब जान सकते हैं। हालांकि इसके अलावा कई बार व्यक्ति के जीवन में तमाम तरह के संकेत भी होने लगते हैं जिनसे आप पता कर सकते हैं कि कहीं आपके जीवन में पितृ दोष तो नहीं जैसे, अगर आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं, हड्डियां बार-बार टूट रही हैं, या काफी कमजोर हो गई हैं, आंखों की रोशनी कम हो रही है, घर परिवार में कलह क्लेश बढ़ गया है, घर में लगे पेड़ पौधे सूखने लगे हैं, सपने में पितर नजर आने लगे हैं तो यह सारे संकेत बताते हैं कि व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष का साया पड़ चुका है।

सूर्य के महत्व के चलते और इस दोष से जल्द-से-जल्द छुटकारा पाने के लिए ज्योतिष की जानकार जल्द से जल्द सूर्य को मजबूत बनाने के उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।

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सूर्य को मजबूत बनाएंगे ये ज्योतिषीय उपाय 

  • अगर आपकी कुंडली में भी सूर्य कमजोर स्थिति में है तो आप 11 रविवार व्रत रखें और सूर्य को अर्घ्य अवश्य दें। 
  • सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य के 12 नामों की नियमित रूप से पूजा करें। 
  • लाल वस्त्र धारण करें या मुमकिन हो तो रविवार के दिन लाल रंग के वस्त्र दान करें। 
  • सूर्य मंत्र का नियमित रूप से स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप करें। 
  • सूर्य को अर्घ्य दें और अर्घ्य के पानी में लाल चंदन अवश्य मिला लें। 
  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए आप रविवार के दिन नमक वाला भोजन न करें। यह उपाय आपको सिर्फ 11 रविवार तक ही करना है। 
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए आप रविवार के दिन दही, दूध, चीनी, घी, गेहूं आदि का सेवन अवश्य करें। 
  • इसके अलावा अगर आप भी 11 रविवार तक गुड़ का दान करते हैं तो इससे भी सूर्य ग्रह मजबूत होता है। 
  • सूर्य ग्रह को मजबूत बनाने के लिए आप माणिक रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि हम हमेशा यही सलाह देते हैं कि कोई भी रत्न हमेशा विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श लेने के बाद ही धारण करें।

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दिलचस्प जानकारी: फरवरी के महीने में कुंभ राशि में शनि और सूर्य की युति होने वाली है। 20 फरवरी को इसमें बुध ग्रह भी शामिल हो जाएगा अर्थात कुंभ में बुध का भी गोचर होने वाला है। चलिए इसे ज्योतिष के नज़रिये से समझते हैं कि सूर्य और शनि की युति का महत्व क्या है और इससे मिलने वाले प्रभावों की जानकारी l

जैसे कि हमने पहले भी बताया कि कुंभ में सूर्य और शनि की युति होने वाली है। जहां कुंभ राशि में शनि पहले से ही विराजमान थे वहीं 13 फरवरी को सूर्य भी कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जहां एक पिता है तो दूसरे पुत्र, दोनों की युति बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। हालांकि अलग-अलग राशियों पर इसके अलग-अलग परिणाम देखने को मिल सकते हैं। 

जहां वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है वहीं शनि को एक न्याय प्रिय ग्रह माना गया है। सूर्य स्वभाव में उग्र होता है तो वहीं शनि को एक ठंडा और शुष्क ग्रह माना किया जाता है जो अपने न्याय और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोनों ही ग्रह अच्छी जगह पर बैठे होते हैं तो ऐसे जातकों के लिए यह समय बेहद ही शानदार रहता है। हालांकि वहीं इसके विपरीत अगर दोनों ग्रह या इनमें से कोई एक ग्रह भी कुंडली में अनुकूल स्थिति में नहीं है तो इसके चलते व्यक्ति को नकारात्मक परिणाम भी उठाने पड़ सकते हैं।

अगर हम सामान्य प्रभाव की बात करें तो, जब सूर्य शनि की युति होती है तो इसका असर विशेष तौर पर पिता पुत्र रिश्ते पर देखने को मिलता है। अगर इस युति का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में पड़े तो पिता पुत्र के बीच सम्मान खत्म हो जाता है या स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां उठानी पड़ती हैं। सूर्य और शनि की युति होने के दुष्प्रभाव से व्यक्ति की आयु घटने लगती है। अगर सूर्य शनि के बीच लड़ाई हो तो उसमें राहु हावी हो सकता है। 

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सूर्य शनि की युति के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय

  • रोजाना सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्रों का जाप करें। 
  • शनिवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करें। 
  • शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी ना भूलें।  

आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं सूर्य का कुंभ राशि में गोचर आपकी राशि को किस तरह से करेगा प्रभावित।

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सूर्य का कुंभ राशि में गोचर- राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम का स्वामी है और आपके 11वें भाव में उसका यह गोचर होने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके दशम भाव में गोचर करने जा ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और इस दौरान आपके नवम भाव में गोचर करने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके आठवें भाव में आ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) 

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव का स्वामी है और आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके छठे घर में गोचर करने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य 11वीं घर का स्वामी है और अब आपके पंचम भाव में गोचर करने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

सूर्य आपके दसवें घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान चौथे घर में स्थित हो ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

सूर्य के इस गोचर के दौरान जातकों के लिए नवम घर का स्वामी होकर सूर्य तीसरे घर में स्थित होने वाला….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आठवें घर का स्वामी है और अब आपके दूसरे घर में स्थित होने वाला….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें घर का स्वामी है और अब आपके पहले घर में गोचर करने जा रहा….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे भाव का स्वामी है और आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहा ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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