मेष राशि में सूर्य-गुरु-राहु की युति: ज्योतिषविदों ने देश पर नए संकट आने की जताई आशंका।

मेष राशि में सूर्य देव, राहु महाराज और देव गुरु बृहस्पति की युति होने वाली है, जिससे देश पर नए संकट आने की आशंका जताई जा रही है। एस्ट्रोसेज के अनुभवी ज्योतिषविदों के अनुसार, 14 अप्रैल 2023 को सूर्य देव मेष राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद 22 अप्रैल 2023 को देव गुरु बृहस्पति भी मेष राशि में गोचर करेंगे। राहु महाराज 30 अक्टूबर 2023 तक मंगल देव के स्वामित्व वाली राशि मेष में स्थित रहेंगे, फिर अपनी वक्री चाल चलते हुए बृहस्पति शासित राशि मीन में चले जाएंगे। इन तीनों ग्रहों पर शनि देव की नीच दृष्टि होगी, जो कि पूरे वर्ष भर के लिए कुंभ राशि में विराजमान हैं।

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इस त्रिग्रही योग पर शनि देव की कुदृष्टि के प्रभावस्वरूप देश पर कई संकट आने की आशंका है। दरअसल, सूर्य और राहु की युति से ग्रहण योग बनेगा तथा गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल दोष का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और गुरु दोनों ही बेहद प्रभावशाली ग्रह हैं, जहां सूर्य देव आत्मा के कारक हैं और देव गुरु बृहस्पति जीवन के कारक माने गए हैं। ऐसे में इन दोनों ग्रहों की राहु महाराज के साथ युति तथा इस युति पर शनि देव की दृष्टि अच्छी नहीं मानी जा रही है। बता दें कि मेष राशि में यह युति 22 अप्रैल 2023 से लेकर 15 मई 2023 तक होगी।

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चलिए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं कि मेष राशि में सूर्य देव, राहु महाराज और देव गुरु बृहस्पति की युति से देश में क्या-क्या बदलाव आने योग बन सकते हैं।

मेष राशि में सूर्य-गुरु-राहु की युति का देश पर प्रभाव

  • इस दौरान यानी कि 22 अप्रैल 2023 से लेकर 15 मई 2023 के बीच कोई भीषण अग्निकांड हो सकता है।
  • मेष राशि में सूर्य-गुरु-राहु की युति के प्रभावस्वरूप, भारत सरकार कोई ऐसा निर्णय ले सकती है, जिससे जनता में आक्रोश भड़क सकता है। हो सकता है कि सरकार कोई ऐसा कानून ले आए, जिससे देश की जनता सहमत न हो और नाराज़ हो जाए।

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  • ऐसे में यह भी हो सकता है कि जनता किसी के भड़कावे में आ जाए और यह चिंगारी किसी बड़े आंदोलन का रूप ले ले क्योंकि राहु महाराज और शनि देव का प्रभाव तेज होगा।
  • सुरक्षा के दृष्टिकोण से, मई महीने के पहले सप्ताह के दौरान भारत सरकार के उच्च पद पर बैठे लोगों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है।
  • इस दौरान पड़ोसी देश हरकत में आ सकते हैं, जिससे भारत को सावधान रहने की आवश्यकता होगी। भारतीय सेना पर हमला होने की आशंका है।
  • मई 2023 के बाद देश की आर्थिक स्थिति पर संकट मंडरा सकता है।
  • सूर्य-राहु की युति से ग्रहण योग बनेगा, जिससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में उपद्रव की स्थिति बन सकती है।
  • इस दौरान शेयर मार्केट और सोने की कीमतों में अचानक से तेज़ी देखने को मिल सकती है।
  • जीवन के कारक देव गुरु बृहस्पति के पीड़ित होने की वजह से, देश में कोई ऐसी बीमारी आ सकती है, जिससे जान का ख़तरा हो सकता है।
  • 10 मई को मंगल देव अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस तिथि के बाद किसी जंगल में आग लगने की घटना राष्ट्रीय समाचार बन सकती है।
  • मार्च 2023 के अंत में दिल्ली की केंद्र सरकार किसी बड़े आंदोलन के कारण परेशान दिखाई दे सकती है।

कुल मिलाकर देखा जाए तक मार्च 2023 के अंत से लेकर मई 2023 के अंत तक सूर्य देव, राहु महाराज, देव गुरु बृहस्पति और मंगल देव की स्थिति भारत के लिए अनुकूल साबित नहीं हो सकती है। ऐसी स्थिति में भारत सरकार को सुरक्षा के दृष्टिकोण से कड़े कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

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