सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: जानें सूर्य के प्रभाव से किस राशि की चमकेगी किस्मत!

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है, जो आत्मा, पिता, सरकार, शक्ति और अधिकार के कारक माने जाते हैं। सूर्य हर महीने अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में सूर्य नवंबर के महीने में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन का प्रभाव निश्चित रूप से सभी के जीवन पर पड़ेगा। कुछ के लिए यह गोचर फायदेमंद साबित होगा तो कुछ के लिए सूर्य का गोचर समस्याग्रस्त हो सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि सूर्य का गोचर आपके लिए क्या लेकर आया है लेकिन उससे पहले आइए जानते हैं सूर्य के गोचर की समय व तिथि।

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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: समय और तिथि

ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य को पिता का कारक ग्रह माना जाता है। इसके साथ ही आत्मा, आत्म बल, तेज, उर्जा का कारक ग्रह भी सूर्य को ही माना जाता है। अब यह 17 नवंबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में प्रवेश करने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं ये गोचर सभी 12 राशि के जातकों को किस प्रकार से प्रभावित करेगी लेकिन इससे पहले जान लेते हैं वृश्चिक राशि में सूर्य के गोचर का प्रभाव और ज्योतिष में सूर्य का महत्व।

ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व

ग्रंथों में सूर्य को देवता माना गया है और यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में आत्मा, मान-सम्मान, स्वाभिमान, प्रतिष्ठा को दर्शाते हैं। साथ ही, यह समर्पण, धैर्य, जीवन शक्ति, इच्छा शक्ति, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक मान-सम्मान आदि को नियंत्रित करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित है इसलिए सूर्य देव की कृपा पाने के लिए रविवार के दिन सूर्य को जल देना चाहिए। हिन्दू ज्योतिष में सूर्य ग्रह जब किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो वह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही शुभ समय होता है। इस दौरान लोगों का झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होता है और जिसके चलते ये धार्मिक कार्यों का आयोजन कराते हैं और सूर्य की उपासना करते हैं। 

इसके अलावा, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे एक सौर मास कहते हैं। राशि चक्र में 12 राशियां होती हैं और राशि चक्र को पूरा करने में सूर्य एक साल का समय लगता हैं। अन्य ग्रहों की तरह सूर्य वक्री नहीं होते हैं। सूर्य को सिंह राशि राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं और मेष राशि में यह उच्च के होते हैं, जबकि तुला इनकी नीच राशि होती है। नक्षत्रों की बात करें तो ये उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी हैं।

वृश्चिक राशि में सूर्य के गोचर का प्रभाव

वृश्चिक राशि में सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति स्वभाव में चिड़चिड़े और जिद्दी हो जाते हैं। वृश्चिक राशि जल तत्व राशि होती है इसलिए जब सूर्य यहां स्थित होते हैं तब इन जातकों के अंदर भावनाएं बहुत होती हैं। ये लोग बहुत ही संवेदनशील होते हैं और भावनाएं इनके अंदर कूट-कूटकर भरी होती हैं। हालांकि ये जातक धन खर्च करने में थोड़े से कंजूस होते हैं। यदि कहीं धन खर्च करना हो तो बहुत ही सोच-समझकर योजनाबद्ध रूप से करते हैं। वृश्चिक राशि के सूर्य के कारण ये लोग जीवन भर नाखुश से रहते है अर्थात ये कभी भी किसी बात से संतुष्ट नहीं होते हैं।

वृश्चिक राशि में सूर्य के प्रभाव से ये जातक कोई भी काम शुरू करते हैं तो उसे पूरा करके ही रहते हैं। ये हर काम को कर लेते हैं, लेकिन कोई भी आसानी से इन जातकों से काम नहीं करवा सकते हैं। ये लोग पावरफुल बनना चाहते हैं। इस कारण फिल्म या राजनीति क्षेत्र में इनका झुकाव अधिक होता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए ये लोग सही समय और अवसर का इंतज़ार करते हैं और कई बार इन्हें अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं। ये सब कुछ जानते हुए भी गलत काम करने से नहीं हिचकिचाते हैं। ये लोग बहुत जल्‍दी हार नहीं मानते हैं और न ही किसी से जल्‍दी प्रभावित होते हैं। इस राशि के कई जातकों को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और ये मजबूती से सामना करने को तैयार रहते हैं।

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वृश्चिक राशि की विशेषता व व्यक्तित्व 

वृश्चिक राशि के लोग स्वभाव से जिज्ञासू और दृढ़ होते हैं और ये दूसरों के बारे में जानने में गंभीर होते हैं। ये जरूरी सवाल पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन्हें कई बार छोटी-छोटी बातों पर ही गुस्सा आने लगता है और ज्यादा क्रोध से इन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है इसलिए इन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि ये लोग बातचीत में स्पष्ट होते हैं जो भी बात कहनी होती है उसे घुमा फिरा कर बोलने से बेहतर सीधे तरीके से बोलना पसंद करते हैं। वृश्चिक राशि के लोगों की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत होती है और ये एक दूसरे में बहुत जल्दी घुल मिल जाते हैं। इन्हें चटपटा खाना पसंद होता है और ये आराम पसंद करते हैं। 

ये ज्यादा काम करने से बचना चाहते हैं और इन जातकों को अनुशासन में रहना पसंद होता है। इन्हें शोहरत और दिखावा ज्यादा पसंद होता है। इनके मित्रों का दायरा काफी ज्यादा होता है। इस राशि के लोगों का झुकाव पुलिस, शिक्षक,ज्योतिषी के क्षेत्र में अधिक होता है और ये जातक इन्हें क्षेत्रों में परचम लहराते हैं।

कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति के संकेत

ग्रहों के राजा सूर्य यदि आपकी कुंडली में मजबूत स्थिति में विराजमान हो तो ये जातक को कई तरह के शुभ परिणाम प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं कुंडली में सूर्य के मजबूत होने के संकेत।

  • सूर्य की अच्छी स्थिति होने पर जातक के नाखून मजबूत व गुलाबी होते हैं और साथ ही जल्दी टूटते नहीं हैं।
  • बली सूर्य के कारण जातक के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं और वह जीवन के प्रति आशावादी होता है। 
  • सूर्य के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन में प्रगति करता है और समाज में उसका मान-सम्मान प्राप्त होता है। 
  • इसके अलावा, सूर्य की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप व्यक्ति के अंदर अच्छे गुणों का विकास होता है।
  • बली सूर्य के फलस्वरूप जातक शक्तिशाली होता है और अपने अंदर नई ऊर्जा महसूस करता है।
  • सूर्य मजबूत होने पर मनुष्य यशस्वी बनता है और पूरी तरह सम्पन्न होता है।

कुंडली में पीड़ित सूर्य के संकेत

  • पीड़ित सूर्य के कारण जातक स्वभाव में अहंकारी, ईर्ष्यालु, क्रोधी, महत्वाकांक्षी और आत्म केंद्रित होता है।
  • सूर्य ही हमारे परिवार के मुखिया यानी हमारे पिता के कारक माने जाते हैं। ऐसे में, सूर्य की कमजोर स्थिति के परिणामस्वरूप जातक का अपने पिता से संबंध खराब हो सकता है।
  • पीड़ित सूर्य की स्थिति इस बात की तरफ भी संकेत करती है कि आप यदि कोई काम शुरू कर भी रहे हैं तो उसे बीच में ही छोड़ देते हैं।
  • कुंडली में सूर्य यदि कमजोर हो तो आपको हर बात पर दूसरों की सलाह की जरूरत पड़ सकती है और हो सकता है कि आप उसके बाद भी निर्णय न ले पाएं।
  • कमजोर सूर्य का प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको कोई ऐसी बीमारी हो जिसका पता लगा पाना मुश्किल हो रहा हो और आप उसका इलाज भी न कर पा रहे हों।

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सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये खास उपाय

ज्योतिष में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनको अपनाकर आप भी नौकरी, बिजनेस में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं सूर्य को मजबूत करने के आसान उपाय।

रविवार का व्रत रखें

जिन लोगों को अपना सूर्य ग्रह मजबूत करना है, उनको कम से कम 12 या 21 रविवार का व्रत रखना चाहिए। आप रविवार का व्रत पूरे एक साल या 30 रविवार तक भी रख सकते हैं। ऐसा करने से आपको सूर्यदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलेगी।

लाल कपड़े पहनें

कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन यदि संभव हो तो स्नान के बाद लाल कपड़ा पहनें या अपने पास लाल रुमाल रखें और ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से आपको अवश्य लाभ प्राप्त होगा।

सूर्य देव को जल अर्पित करें

सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रविवार के दिन सुबह स्नान के बाद एक पात्र में साफ जल में लाल चंदन, लाल फूल, अक्षत और दूर्वा घास मिलाकर रखें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

नमक का सेवन न करें

पीड़ित सूर्य को बली बनाने के लिए रविवार के दिन नमक का सेवन न करें। खाने में दलिया, दूध, दही, घी, चीनी, गेहूं की रोटी का सेवन करें।

इन चीज़ों का करें दान

जिनका लोगों का सूर्य कमजोर होता है, उन्हें दान-पुण्य करना चाहिए। विशेष रूप से लाल और पीले रंग के वस्त्र, गुड़, सोना, तांबा, माणिक्य, गेहूं, लाल कमल, मसूर दाल, गाय आदि का दान करना चाहिए।

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इस रत्न को करें धारण

सूर्य के लिए आप रत्न माणिक्य धारण कर सकते हैं। ध्यान रहे कि किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की मदद जरूर ले लें। इसके अलावा, आप सूर्य के उपरत्न तामड़ा, लालड़ी या सूर्यकांत मणि भी पहन सकते हैं।

गौ सेवा करें

सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए गौ सेवा करनी चाहिए और रविवार के दिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाना चाहिए। इसके अलावा, मछलियों को आटे की गोलियां डालें और चिंटियों चीनी डालें।

माता-पिता का आशीर्वाद लें

यदि आप ऊपर दिए गए उपायों को करने में असमर्थ हैं तो सबसे आसान उपाय है कि प्रतिदिन अपने माता-पिता के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें। उनकी आज्ञा का पालन करें और उनका अच्छे से ख्याल रखें। साथ ही, पिता तुल्य का भी सम्मान करें।

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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर अच्छे व बुरे प्रभाव!

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य का आठवें भाव में गोचर अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है क्योंकि(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य एक क्रूर ग्रह है और सातवें भाव में इनकी मौजूदगी वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

छठे भाव में सूर्य का गोचर आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। यह अवधि उन छात्रों के लिए विशेष रूप से फलदायी साबित होगी जो(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

जो वैवाहिक जातक अपने परिवार को आगे बढ़ाने यानी बच्चे के जन्म के लिए प्रयास कर रहे थे उन्हें इस दौरान(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

इस गोचर के परिणामस्वरूप आपका पूरा ध्यान अपनी माता और घरेलू जीवन की तरफ रहेगा और आप अपने परिजनों के लिए अधिक से अधिक(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

सूर्य का तीसरे भाव में गोचर कन्या राशि वालों के लिए अनुकूल साबित होगा। आप आत्मविश्वास से भरपूर नज़र आएंगे और आपके(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

सूर्य फाइनेंस से संबंधित दोनों भावों को प्रभावित कर रहे हैं इसलिए यह कहा जा सकता है कि यह गोचर आपको धन की बचत करने के कई अवसर प्रदान करेगा(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के पेशेवर जीवन में बहुत सारे अवसर लेकर आएगा(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

सूर्य का बारहवें भाव में गोचर धनु राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

इस दौरान आपको अपने बड़े भाई-बहनों और चाचा का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। समाज में(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कार्यक्षेत्र में आप नई ऊर्जा महसूस करेंगे और आपके सफल नेतृत्व की सराहना की जाएगी(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए यह गोचर बहुत अधिक फलदायी साबित होगा। आप जिस परिणाम की उम्मीद कर रहे थे(विस्तार से पढ़ें)

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