सूर्य का शत्रु राशि में गोचर, जानें भविष्यफल

ज्योतिष में हमेशा से ही सूर्य देव को पिता, पूर्वज, आत्मा, नेत्र और सरकारी सेवा के कारक के रूप में देखा जाता रहा है। जिसके कारण किसी जातक की कुंडली में सूर्य देव की स्थिति शुभ होने पर जहाँ जातक के लिए सरकारी नौकरी, राजनीति और किसी भी संस्था में उच्च पद की प्राप्ति होने की संभावना बढ़ जाती है। तो वहीं कुंडली में सूर्य का दुर्लभ स्थिति में होना, जातकों को इन सभी सुख-सुविधाओं से वंचित रखने का कार्य करता है। 

ये देखा गया है कि सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त होता है और ये मेष, सिंह और धनु राशि में विशेष रूप से बलवान होते हैं। साथ ही मेष राशि में सूर्य देव उच्च के माने गए हैं। अब अब यही जगत की आत्मा के रूप में प्रसिद्ध सूर्य ग्रह, अपनी उच्च राशि मेष से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें कि वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह होते है, जिन्हें सूर्य का शत्रु भी माना जाता रहा है। इसलिए भी सूर्य का ये गोचर विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। 

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सूर्य के गोचर काल का समय 

सूर्य देव 14 मई 2021, शुक्रवार को सुबह 11:15 बजे अपनी उच्च राशि मेष का त्याग कर, शुक्र देव की वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जो यहाँ अगले महीने 15 जून, मंगलवार तक इसी राशि में स्थित रहेंगे और फिर पुनः अपना गोचर करते हुए, 05:49 बजे मिथुन राशि में विराजमान होंगे। ऐसे में एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सूर्य के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव किसी न किसी रूप से हर राशि के जातकों पर होगा। हालांकि वृषभ राशि में सूर्य के गोचर के चलते, इस राशि के जातकों पर सूर्य गोचर का प्रभाव शेष राशियों से अधिक पड़ेगा। तो चलिए अब बिना देर किये इस लेख के माध्यम से जानें, प्रत्येक राशि पर होने वाले सूर्य के इस गोचर का प्रभाव। 

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आइये अब जानते हैं सभी राशियों पर कैसा होगा सूर्य के इस गोचर का असर:- 

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष

मेष के लोगों के लिए, सूर्य 5 वें घर का स्वामी है और संचार, धन और परिवार के दूसरे घर में इसका गोचर हो रहा है। यह गोचर कुछ वित्तीय लाभ और मेष मूल निवास राशि के जातकों के लिए…आगे पढ़ें

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके चतुर्थ भाव का स्वामी है और आत्मा, व्यक्तित्व प्रथम घर में संक्रमण कर रहा है। गोचर की यह अवधि आपको शक्ति प्रदान करेगी यदि आप…आगे पढ़ें 

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए, सूर्य तीसरे घर का स्वामी है और वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह विदेश, हानि, व्यय, आध्यात्मिकता आदि के द्वादश भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान अपने खर्च पर…आगे पढ़ें 

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए, सूर्य द्वितीय भाव का स्वामी है और यह ग्रह कर्क राशि के जातकों के आय, इच्छा और लाभ के एकादश भाव में गोचर कर रहा है। यह गोचर आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा क्योंकि…आगे पढ़ें

सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके प्रथम घर का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के  दशवें घर में स्थानांतरित हो रहा है। इस अवधि के दौरान आपको अपने करियर में…आगे पढ़ें

कन्या

जिन लोगों की चंद्र राशि कन्या है उनके लिए, सूर्य द्वादश भाव का स्वामी है और आपके आध्यात्मिकता, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा, उच्च अध्ययन के नवें घर में स्थानांतरित हो रहा है। चूंकि सूर्य आपके…आगे पढ़ें

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तुला

तुला राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके ग्यारहवें घर का स्वामी है और मनोगत विज्ञान, अनुसंधान, परिवर्तनों, अचानक हानि और लाभ के अष्टम भाव में गोचर कर रहा है। इस अवधि के दौरान…आगे पढ़ें 

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, सूर्य दसवें घर का स्वामी है और विवाह, व्यापार, साझेदारी आदि के सातवें घर में गोचर कर रहा है। इस पारगमन के दौरान व्यवसाय कर रहे इस राशि के जातकों को…आगे पढ़ें

धनु

धनु राशि के जातकों लिए, सूर्य नवम भाव का स्वामी है और दैनिक कार्य, शत्रु और ऋण के षष्ठम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान आपके दुश्मन या विरोधी…आगे पढ़ें

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए, सूर्य आठवें घर का स्वामी है और यह आपके प्यार, रोमांस, बच्चों और शिक्षा के पंचम भाव में गोचर कर रहा है। सूर्य का यह गोचर मकर राशि के बच्चों के लिए…आगे पढ़ें

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कुम्भ

कुंभ राशि के जातकों के लिए, सूर्य आपके सातवें घर का स्वामी है और अचल संपत्ति , माता और सुखों के चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान आपको यह सलाह दी जाती है कि…आगे पढ़ें

मीन 

मीन राशि वालों के लिए सूर्य षष्ठम भाव का स्वामी है और यह साहस, छोटी यात्राओं, बिक्री, भाई-बहनों और हाथों की कला के तृतीय भाव में संक्रमण कर रहा है। इस अवधि में….आगे पढ़ें

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