वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर, किन राशि के लिए रहेगा शुभ-अशुभ?

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को राजा का दर्जा दिया गया है और इन्हें आत्मा का कारक माना गया है। कुंडली में सूर्य देव पिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। नवग्रहों के जनक माने जाने वाले सूर्य की कृपा से व्यक्ति में सकारात्मकता बढ़ती है, साथ ही ये समर्पण, सहनशक्ति और इच्छा शक्ति का नेतृत्व भी करते हैं।

सूर्य को पिता, राजा और उच्चाधिकारियों का कारक माना जाता है। वहीं अगर हम शरीर की बात करें तो सूर्य देव का संबंध हृदय और हड्डियों से है। सूर्य को राजा इसलिए माना गया है क्योंकि उससे ही सभी ग्रहों को रौशनी मिलती है। 16 नवंबर 2022 को सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर होने जा रहा है जिसका प्रभाव प्रत्येक राशि पर अलग-अलग तरह से पड़ेगा। तो आइए इस विशेष ब्लॉग की शुरुआत करते हैं और सूर्य गोचर के बारे में जानते हैं।


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वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर: तिथि और समय

वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर 16 नवंबर 2022 बुधवार के दिन शाम 06 बजकर 58 मिनट पर होगा। ये गोचर किसी न किसी रूप में सभी के जीवन को अवश्य प्रभावित कर सकता है। अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं राशियों पर होने वाले सूर्य गोचर के प्रभाव के बारे में। 

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वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर: किन राशियों को रहना होगा सावधान

मेष राशि

मेष राशि के लिए सूर्य पांचवे भाव के स्वामी हैं जो इस राशि के आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहने की जरूरत होगी क्योंकि आपको हड्डियों या हृदय से जुड़ी हुई परेशानियां तंग कर सकती हैं। इसलिए आपको अपने खान-पान को संतुलित करके रखना होगा।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा, संतान और पूर्व पुण्य के भाव में गोचर करेंगे। इसलिए आपको सलाह की जाती है कि आप प्रेम-संबंधों को लेकर थोड़ा सतर्क रहे क्योंकि इस दौरान आप साथी के साथ किसी तरह के अनचाहे विवाद में पड़ सकते हैं।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य लग्न भाव के स्वामी हैं और यह आपके चौथे भाव यानी कि गृहस्थ जीवन, माता, भूमि और वाहन के भाव में गोचर करेंगे। इस राशि के जातकों को अपनी मां की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। साथ ही आपके अहंकार के कारण घर का माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए संयम बरतें।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य चौथे भाव के स्वामी हैं जो आपके सातवें यानी वैवाहिक जीवन और साझेदारी के भाव में गोचर कर रहे हैं। सूर्य उग्र और अहंकार का ग्रह है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें, नहीं तो आप अपने जीवनसाथी के साथ अनचाहे विवादों में पड़ सकते हैं। आपके अहंकार के कारण शादीशुदा जीवन में उतार-चढ़ाव आने की संभावना है।

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वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर: इन राशियों को होंगे बड़े फायदे

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा, शत्रु और मामा के भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर काल में आपके तमाम शत्रुओं का नाश होगा और वो आपको किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव यानी कि साहस, भाई-बहन और यात्रा के भाव में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान मार्केटिंग, सोशल मीडिया, कंसल्टेशन आदि क्षेत्रों में काम कर रहे जातकों को काफी लाभ होगा। साथ ही, आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं और भाई-बहनों के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे।

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तुला राशि

इस राशि के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार और वाणी के भाव में गोचर कर रहे हैं। सूर्य गोचर के प्रभाव से आपको पैसे बचाने के कई अवसर मिलेंगे। फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाले जातकों के लिए ये समय बहुत अनुकूल रहेगा। साथ ही, आपको अपने परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर कर रहे हैं। यह गोचर जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा। आपको काम और बिजनेस के माध्यम से सफलता और लोकप्रियता मिलेगी। आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ेगी।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव का स्वामी है और यह आपके दसवें भाव यानी कि नाम, प्रसिद्धि और करियर के भाव में गोचर कर रहे हैं। आपके लिए ये काफी फलदायी साबित होगा। पेशेवर जीवन में आपकी प्रगति होगी, साथ ही आपको सराहना भी मिलेगी। आपको अपनी मां का पूरा सहयोग मिलेगा।

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कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के उपाय

  • कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार का व्रत रखें।
  • रविवार के दिन स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करके सूर्य देव को लाल चंदन, लाल फूल अक्षत मिलाकर जल अर्पित करें।
  • “ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करें।
  • रविवार के दिन नमक के सेवन से बचें और खाने में दूध, दलिया, दही, चीनी, गेहूं की रोटी का सेवन करने का प्रयास करें।
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए लाल या पीले रंग का कपड़ा, सोना, तांबा, माणिक्य, गेहूं, लाल कमल, मसूर दाल दान करें।

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