सभी सौर मंडल के ग्रहों का राजा और विश्व की आत्मा का दर्जा प्राप्त सूर्य समस्त नवग्रहों में से सबसे अहम ग्रह है। क्योंकि वो प्रकाश सूर्य का ही है जो समय के अनुसार सभी प्राणियों को जीवन देता है और जिससे उनका पालन-पोषण भी होता है इसलिए सूर्य देव को साक्षात सूर्यनारायण भी कहा जाता है। क्योंकि जिस प्रकार श्री नारायण समस्त संसार का पालन करते हैं उसी प्रकार सूर्य देव भी समस्त सृष्टि का पालन करते हैं।
वैदिक ज्योतिष की माने तो सूर्य को जगत की आत्मा के साथ-साथ पिता का कारकतत्व भी प्रदान है। इसके अलावा सरकार और आरोग्य दोनों ही सूर्य के कार्य क्षेत्र माने जाते हैं। इसी कारण यदि व्यक्ति को सरकारी नौकरी पाना हो या उच्च पद की आकांक्षा हो तो इसके लिए कुंडली में सूर्य ग्रहण की स्थिति को ही देखा जाता है। इसलिए माना जाता है कि यदि किसी की कुंडली में सूर्य देव की स्थिति कमजोर हो तो वो जातक कार्यक्षेत्र में अच्छा नहीं कर पाता है। ऐसे में सूर्य का राशि परिवर्तन भी कई मायनों में जातकों को प्रभावित करता है। जब-जब सूर्य अपना स्थान परिवर्तन करता है, उसे सूर्य संक्रांति कहा जाता है।
वैदिक ज्योतिष अनुसार सूर्य एक राशि में लगभग एक माह की अवधि तक गोचर करता है। जिस दौरान सूर्य राशि के अलग-अलग भावों में स्थित होकर उन्हें प्रभावित करता है। इसे सिंह राशि का स्वामी मना जाता है, जिस कारण ये इस रही में उच्च का होता है।
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सूर्य का सिंह राशि में गोचर होगा कल
अब यही समस्त संसार को प्रकाश देने वाले सूर्य देव कल यानी शनिवार 17 अगस्त 2019 को दोपहर 12:47 बजे चंद्र की राशि कर्क से अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे, जिससे करीब-करीब हर राशि प्रभावित होंगी। ऐसे में आइये राशिनुसार जानते हैं कि इस गोचर का प्रभाव विभिन्न राशियों पर कैसा पड़ने वाला है:-
चलिए अब जानते हैं कैसा रहेगा 12 राशियों पर सूर्य के सिंह राशि में हो रहे इस गोचर का विशेष प्रभाव और उससे जुड़े महा उपाय:
मेष राशि
इस गोचर के दौरान ये आपकी राशि से पांचवें भाव में विराजमान होंगें। इस दौरान नौकरी की तलाश करने वाले लोगों को विशेष रूप से नयी नौकरी मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको अपने सहयोगियों का भरपूर सहयोग मिलेगा जिससे आपको कामयाबी मिलेगी। आपके व्यापार में वृद्धि होगी और आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। हालांकि अनावश्यक जिद्द या क्रोध आपके व्यवहार में आ सकता है। आपका प्रेम जीवन सामान्य रहेगा। वैवाहिक जीवन में भी आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकारी स्तर पर लाभ मिलने के भरपूर योग नजर आ रहे हैं।
उपायः उगते हुए सूर्य को अपनी नग्न आँखों से देखें और जल का अर्घ्य दें।
वृषभ राशि
सूर्य आपकी राशि से चौथे भाव में स्थापित होंगें। इस दौरान आपके परिवार का माहौल थोड़ा अशांत रह सकता है। इसके अलावा परिवार के सदस्यों के बीच किसी बात को लेकर मतभेद की स्थिति बन सकती है। आपकी माता जी की सेहत में काफी सुधार देखने को मिलेगा। कार्यस्थल पर आपकी पदोन्नति हो सकती है। वैवहिक जीवन में भी इस दौरान स्थितियाँ सामान्य रहने वाली है। वृषभ राशि के जातकों के लिए ये गोचर मध्यम फलदायी साबित होगा।
उपायः रविवार को नारियल एवं लाल फल की पूजा करें।
मिथुन राशि
सूर्य के सिंह राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से तीसरे भाव में स्थित होंगें। जिससे आपके काम करने की क्षमता में वृद्धि होगी और आप हर परिस्थिति का मुक़ाबला करने के लिए खुद को पूरी तरह से सक्षम पाएंगे। सफलता प्राप्त करने के लिए आपको कठिन मेहनत करने की आवश्यकता होगी। छोटी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। पारिवारिक जीवन में पैतृक संपत्ति को लेकर भाई बहनों के साथ मतभेद की स्थिति हो सकती । परिवार में सुख शांति बनाए रखने के लिए मतभेद की स्थिति से बचकर रहें। आपको अपने जीवनसाथी का हर क्षेत्र में साथ मिलेगा।
उपायः रविवार के दिन लाल कपड़े का दान करें।
कर्क राशि
सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में विराजमान होंगें। जिससे आपके स्वभाव में विशेष रूप से परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आपके क्रोध में इज़ाफा होगा और आप में अहंकार भी बढ़ेगा। अपनी भाषा शैली पर संयम बरतने की आवश्यकता होगी। कठोर शब्दों का प्रयोग ना करें। यदि आप शादीशुदा हैं तो इस दौरान आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट देखी जा सकती है। पारिवारिक स्तर पर आपका वैचारिक मतभेद हो सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से समय फलदायी साबित होगा। इस दौरान आपको किसी अनजान स्रोत से आर्थिक लाभ मिल सकता है।
उपायः भगवान शिव की आराधना करें और उन्हें खस का इत्र चढ़ाएँ।
सिंह राशि
चूँकि सूर्य का गोचर आपकी ही राशि में हो रहा है लिहाजा ये आपकी राशि से प्रथम भाव में या लग्न भाव में स्थित होंगें। जिस कारन ये विशेष रूप से आपके लिए फलदायी साबित होगा। सामाजिक स्तर पर आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और आप लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र होंगें। स्वास्थ्य भी आपका भरपूर साथ देगा और आप खुद को बेहद ऊर्जावान महसूस करेंगे। अपने व्यक्तित्व में एक ख़ास निखार का अनुभव करेंगे। आपके मुख से निकली कोई कड़वी बात आपके क़रीबी को चोट पहुंचा सकती है। विवाहित जातक अपने जीवनसाथी के साथ रोमांटिक डिनर पर जा सकते हैं।
उपायः तांबे के बर्तन से सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
कन्या राशि
इस दौरान सूर्य आपकी राशि से बारहवें भाव में विराजमान होगा। जिससे आपके विदेश जाने की इच्छा पूरी हो सकती है। कार्यक्षेत्र में आप अपनी नौकरी में परिवर्तन कर सकते हैं। किसी हिल स्टेशन पर घूमने जाने की योजना बना सकते हैं। आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है, शत्रु पक्ष पर विजय प्राप्त होगी। कोर्ट कचहरी का मामला आपके पक्ष में आने की उम्मीद है। निजी तौर पर इस अवधि में आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए और वाद विवाद की स्थिति से दूर रहना चाहिए।
उपायः ‘’ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्!!’’ मंत्र का जाप करें।
तुला राशि
सूर्य के सिंह राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में स्थित होंगें। इस लिए ये समय आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा। सरकारी क्षेत्र में कार्यरत लोगों से ख़ासा लाभ मिलने की संभावना है। उनके साथ आपके अच्छे संबंध स्थापित हो सकते हैं। समाज में आपके मान सम्मान में भी वृद्धि होगी और आप ज्यादा से ज्यादा लोगों के संपर्क में आएँगे। प्रेम जीवन में ये अवधि थोड़ी चिंताजनक बीत सकती है। पार्टनर के साथ विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कार्यक्षेत्र में आपको अपने उच्च अधिकारियों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा और आपके काम की सराहना होगी।
उपायः आदित्य हृदय स्तोत्र का जप करें।
वृश्चिक राशि
इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से दसवें भाव में विराजमान होगा। इस दौरान आपके लिए विशेष रूप से कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलने की अच्छी संभावना है। कार्यक्षेत्र में भी आपको पदोन्नति मिल सकती है। आपके काम की सराहना होगी। काम की अधिकता होने की वजह से आपको निजी जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपकी माता जी की सेहत में गिरावट ला सकता है। वैवाहिक जीवन सामान्य रहने वाला है। कुलमिलकर कहें तो वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर निम्न फलदायी साबित होगा।
उपायः इस मंत्र का जाप करें: ॐ ग्रिणिः सूर्याय नमः!!
धनु राशि
इस गोचर अवधि में सूर्य आपकी राशि से नवम भाव में स्थित होंगें। जिससे सामाजिक रूप से काफी लाभदायक साबित होने वाला है। समाज में आपकी छवि काफी अच्छी बनेगी और आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। समाज के कुछ बेहद प्रभावशाली लोगों के संपर्क में भी आने का अवसर मिलेगा। धार्मिक अनुष्ठानों में आपकी रुचि ज्यादा होगी और आप दान पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों में ज्यादा समय व्यतीत करेंगे। किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। पारिवारिक स्तर पर स्थितियाँ चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। कार्यक्षेत्र की बात करें तो यहाँ भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा।
उपायः रविवार के दिन उत्तम कोटि का रूबी रत्न पहने।
मकर राशि
सूर्य के सिंह राशि में गोचर के दौरान ये आपकी राशि से आठवें भाव में स्थित होंगें। जिस दौरान आपके स्वास्थ्य में विशेष रूप से कुछ गिरावट आ सकती है। आप किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं, इसलिए इस समय आपको ख़ास सावधानी बरतें। आर्थिक रूप से जहां एक तरफ धन लाभ होगा वहीं दूसरी तरफ आपको धन हानि भी हो सकती है। जीवनसाथी के सामने आपका कोई ऐसा राज सामने आ सकता है जिसे आप लंबे समय से छुपाने का प्रयास कर रहे थे।
उपायः रविवार के दिन गेहूँ का दान करें।
कुंभ राशि
इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से सातवें भाव में विराजमान होगा। इसलिए सूर्य की ये स्थिति आपके वैवाहिक जीवन के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है। जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकता है। वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनाए रखने का प्रयास करें। अपनी सेहत को लेकर परेशान हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र से लाभ मिलेगा। आपकी पदोन्नति के साथ ही आय में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। नौकरी बदलने की सोच रहें हैं तो सफलता मिलेगी । अपने बिज़नेस पार्टनर से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।
उपायः सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए ब्राह्मणों को गुड़ दान में दें।
मीन राशि
इस दौरान सूर्य आपकी राशि से छठे भाव में विराजमान होंगें। जिससे आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सफल रहेंगे। इस दौरान नकारात्मक प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर देखा जा सकता है। जीवनसाथी के व्यवहार में थोड़ी आक्रामकता आएगी। अपने ख़र्चों पर काबू रखने की आवश्यकता है। आपको धन लाभ तो ज़रूर होगा बावजूद इसके अगर आपने अभी से सूझ-बूझ से काम ना लिया तो आप आर्थिक तंगी के शिकार भी हो सकते हैं। छात्रों के लिए गोचर की ये अवधि विशेष रूप से लाभदायक होगी। आपके लिए शारीरिक पीड़ा परेशानी का कारण भी बन सकती है।
उपायः विशेष लाभ प्राप्ति के लिए रविवार के दिन बैल को गेहूँ व गुड़ खिलाएँ।