सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: इन 4 राशि के जातकों को मिलेगी तरक्की; धन-संपदा में होगी खूब बरकत!

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको सूर्य का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 15 जून 2023 की शाम 6 बजकर 07 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। आइये अब जानते हैं कि सूर्य के गोचर से राशि चक्र की 4 राशियों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। 

Varta Astrologers

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके 

मिथुन राशि काल पुरुष कुंडली और राशि चक्र का तीसरा भाव दर्शाती है। यदि सूर्य मिथुन राशि में मौजूद हो तो ये जातक को ज्ञानी, आकर्षक और जिज्ञासु प्रवृत्ति का बनाते हैं। मिथुन राशि के जातक हाजिर जवाब और फुर्तीले होते हैं। ये जातक एक ही काम को बार-बार करना पसंद नहीं करते हैं और एक साथ कई कार्यों को करने में सक्षम होते हैं। वहीं अगर सूर्य ग्रह की बात करें तो यह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए एक महीने का समय लगाते हैं। इस बार सूर्य मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव सभी 12 राशि के जातकों पर पड़ेगा लेकिन 4 राशि ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान आर्थिक लाभ होने की संभावना है। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इन राशियों के बारे में।

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: इन 4 राशि वालों को होगा आर्थिक लाभ!

मेष राशि 

मेष राशि वालों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। सूर्य के इस गोचर से आपकी यात्राओं के योग बनेंगे और आपको छोटी दूरी की अनेक यात्राएं करनी पड़ सकती है। इस दौरान आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी होगी और साथ ही, जो लोग सरकारी नौकरी या प्रशासनिक भूमिका में हैं उनके लिए यह गोचर बेहद अनुकूल साबित होगा। आपकी प्रशासनिक और नेतृत्व क्षमता में बढ़ोतरी होगी। आर्थिक मोर्चे पर भी यह समय फलदायी साबित होगा। इस अवधि में स्टॉक, म्यूचुअल फंड आदि में निवेश करने से आपको लाभ भी प्राप्त हो सकता है। हालांकि भाई-बहनों के साथ तालमेल बिठाने के लिए आपको कुछ प्रयास करने की जरूरत हो सकती है क्योंकि उनके साथ विवाद होने की संभावना है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए सूर्य पहले भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का यह गोचर कई मामलों में बहुत लाभदायक होगा क्योंकि इस भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है। इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं और समाज में भी आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। ग्यारहवां भाव सोशल नेटवर्किंग का भी भाव है, जिसके चलते आपको समाज के रसूखदार व सम्मान प्राप्त लोगों से मेल मुलाकात का अवसर मिलेगा और आपके आपसी संबंध सुधरेंगे। इसके अवाला सूर्य के गोचर के दौरान आपको विदेश यात्रा का भी मौका मिल सकता है और साथ ही, आपकी सभी अन्य इच्छाएं भी पूरी होंगी। आपको दादा, पिता आदि की विरासत का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। हालांकि प्रेम संबंधों में यह समय उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। 

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आप काम के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकते हैं जो आपके लिए फलदायी साबित होगी। यदि महादशा अच्छी स्थिति में हो तो आपको विदेश में बसने का मौका भी मिल सकता है। इस दौरान विदेशी संपर्कों से आपको अपने कार्यक्षेत्र में लाभ हो सकता है। साथ ही, आपको कुछ नए कार्य सौंपे जा सकते हैं और कुछ नई जिम्मेदारियों के साथ आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा जो आपके नेतृत्व गुणों को उजागर कर सकती हैं और आपके करियर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि आपके खर्चों में वृद्धि देखने को मिल सकती है लेकिन धन का प्रवाह अच्छा रहेगा और आपको किसी बड़ी आर्थिक समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए बेहद शुभ साबित होगी क्योंकि पांचवें भाव में सूर्य का गोचर रचनात्मकता को बढ़ाता है। इसके परिणामस्वरूप आप अपने प्रोजेक्ट या व्यापार में नए विचारों को शामिल करेंगे। इस दौरान आप अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने में सफल होंगे। सूर्य का गोचर आपके साहस को बढ़ाएगा और आप अपनी बातों को दूसरों के सामने रखने में सक्षम होंगे और आपकी बात को तवज्जो भी दी जाएगी।

कुंडली में राजयोग कबसे? राजयोग रिपोर्ट से जानें जवाब

सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: सामान्य उपाय

  • रविवार के दिन गुड़, गेहूं और तांबे का दान करें।
  • रविवार को छोड़कर प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल दें।
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करें।
  • लाल और नारंगी रंग के वस्त्र अधिक से अधिक पहनें।
  • तांबे के पात्र में जल लेकर प्रतिदिन सूर्यदेव को जल दें और उसमें लाल गुलाब की पंखुड़ियां डालें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.