सूर्य का मेष राशि में गोचर: ग्रहों के राजा बढ़ाएंगे इन 4 राशियों की मुश्किलें!

सूर्य गोचर 2023: एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सूर्य का मेष राशि में गोचर के बारे में समस्त जानकारी प्रदान करेगा जैसे तिथि, समय आदि। ज्योतिष में सूर्य गोचर का विशेष महत्व है जो कि 14 अप्रैल 2023 की दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर मेष राशि में होने जा रहा है। आइये जानते हैं सूर्य के मेष राशि में गोचर से किन 4 राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें। 

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सूर्य देव मेष राशि में उच्च के होते हैं और यह अपने मित्र मंगल ग्रह की मूल त्रिकोण राशि मेष में सबसे आरामदायक स्थिति में होते हैं। लेकिन यहां हम सूर्य गोचर के बारे में बात करेंगे। सूर्य का मेष राशि में गोचर जहां एक समय पर सभी जातकों के लिए रोचक होगा, तो वहीं कुछ जातकों के लिए यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। क्या आप जानना चाहते हैं इस गोचर के दिलचस्प और भयभीत करने वाले तथ्यों के बारे में? आपको बता दें कि मेष राशि में राहु पहले से विराजमान है और राहु तथा सूर्य एक-दूसरे के शत्रु हैं। एक तरफ सूर्य देव रोशनी के कारक हैं और दूसरी तरफ छाया ग्रह राहु है जो सूर्य पर ग्रहण लगाकर उसकी ऊर्जा को बाधित करता है। ऐसे में, सूर्य और राहु दोनों मिलकर ग्रहण योग का निर्माण करेंगे और राशिचक्र की 4 राशियों के लिए मुसीबतों को बढ़ाएंगे। 

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सूर्य का मेष राशि में गोचर: इन 4 राशियों को रहना होगा सावधान 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में बारहवें भाव का संबंध हानि और चौथे भाव का सुरक्षा से हैं। ऐसे में, सूर्य के बारहवें भाव में प्रवेश करने से वृषभ राशि के जातकों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं और आर्थिक नुकसान होने की भी आशंका है। साथ ही, इस राशि में राहु की मौजूदगी होने से ये समस्याओं को और बढ़ाने का काम कर सकता है। इन जातकों को अपने रोज़मर्रा के कामों में देरी और गिरावट का अनुभव हो सकता है। जो लोग विदेश यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या फिर इनकी अधिकारियों या अपने बॉस से बहस भी हो सकती है। 

सूर्य का मेष राशि में गोचर वृषभ राशि वालों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान जातकों को काम में मनचाहे परिणाम पाने के लिए अनेक बाधाओं को पार करना पड़ सकता है। वृषभ राशि वाले सूर्य गोचर की अवधि में थोड़े असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं क्योंकि उन्हें वह सराहना या पहचान नहीं मिल पा रही है जिसके वह हक़दार हैं। इसके परिणामस्वरूप, संभव है कि आप नौकरी छोड़ सकते हैं या फिर कार्यक्षेत्र पर अधिकारियों को आपसे बेहतर कोई उम्मीदवार मिल सकता है। ऐसे में, इस समय कुछ जातक अपनी नौकरी खो सकते हैं और आने वाला समय आपके लिए थोड़ा कठिनाइयों से भरा हो सकता है।

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में दूसरा भाव कमाई और परिवार का भाव होता है जबकि दसवां भाव करियर और बॉस या अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरे भाव के स्वामी सूर्य अब दसवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं जो कि एक अच्छा गोचर माना जा सकता है, लेकिन राहु की स्थिति आपकी मुसीबतें बढ़ा सकती हैं। जैसे कि हम जानते हैं कि मेष राशि में सूर्य और राहु एक साथ मौजूद होंगे और ऐसे में, आप इस दौरान बैचैन नज़र आ सकते हैं।

कुंडली में सूर्य और राहु की स्थिति के आधार पर कुछ व्यक्तियों में लालच की भावना और भौतिक चीज़ों के प्रति झुकाव बढ़ सकता है। आशंका है कि कार्यक्षेत्र पर आपके आत्मविश्वास के साथ-साथ आपके मान-सम्मान में भी कमी देखने को मिल सकती है क्योंकि आप बेकार के विवादों एवं मतभेदों में फंस सकते हैं, इसलिए आपको बेहद सावधान रहने की सलाह दी जाती है। 

कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए सूर्य आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में बारहवां भाव खर्चो और हानि का भाव है जबकि आठवां भाव परिवर्तन और बाधाओं का भाव है। इस भाव में राहु की स्थिति परिस्थितियों को और मुश्किल बना सकती हैं। सूर्य और राहु के एक साथ होने से जातकों के खर्चों और तनाव में वृद्धि हो सकती है। 

इन जातकों को अपने पेशेवर जीवन में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आशंका है कि इस दौरान आप मन लगाकर काम करने में सक्षम नहीं होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपकी छवि ख़राब हो सकती है। इस दौरान कुछ जातक अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं या फिर यदि आप नए अवसरों की तलाश में हैं, तो यह समय आपको निराश कर सकता है। 

सूर्य गोचर के दौरान कुछ जातकों को विदेश यात्रा पर जाने या फिर विदेश में बसने का अवसर मिल सकता है। लेकिन एक नए माहौल में ढलना आपको मुश्किल लग सकता है और ऐसे में, आप थोड़े बैचैन नज़र आ सकते हैं। इस अवधि में आपको अपने धन की योजना बहुत सोच-समझकर और तार्किक होकर बनानी होगी। साथ ही, किसी भी तरह के बड़े निवेश या खर्चे से बचना होगा।

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मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं जहाँ राहु पहले से मौजूद है। इसके परिणामस्वरूप, इस स्थिति को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। जैसे कि हम ऊपर बता चुके हैं कि आठवां भाव बाधाओं और समस्याओं का भाव है, तो वहीं चौथे भाव को आराम और विलासिता का भाव माना गया है। ऐसे में, सूर्य और राहु की दृष्टि सीधे दसवें भाव पर पड़ रही होगी जो इस भाव को प्रभावित करेगी। 

मकर राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनको सलाह दी जाती है कि इस गोचर काल के दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत न करें। साथ ही, कोई बड़ा निवेश करने से बचें। इस राशि के नौकरीपेशा जातक कार्यक्षेत्र पर किसी की आलोचना न करें या फिर, यदि आपकी किसी राय को गंभीरता से नहीं लिया जाता है, तो इस बात को दिल पर न लें और निराश महसूस न करें क्योंकि यह समय जल्द ही बीत जाएगा। 

सूर्य गोचर की अवधि के दौरान आप निजी और पेशवर जीवन में चल रही चीज़ों को लेकर थोड़े असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। साथ ही, आपको घर-परिवार में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप घर का माहौल अशांत रह सकता है। इन जातकों का माता के साथ रिश्ता भी ख़राब हो सकता है। 

आइये अब नज़र डालते हैं उन उपायों पर जिन्हें अपनाकर आप राहु और सूर्य के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। 

सूर्य का मेष राशि में गोचर: सरल एवं अचूक उपाय

  • गरीब और जरूरतमंद लोगों को काले और ग्रे रंग के कपड़े दान करें।  
  • कुत्तों को खाना खिलाएं (मिठाई खिलाने से बचें) 
  • तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें एक चुटकी सिंदूर मिलाकर रोज़ सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • निर्धन लोगों को अनार और लाल रंग के कपड़ों का दान करें। 
  • घर और कार्यस्थल पर सूर्य यंत्र की स्थापना करें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें। 
  • पिता का सम्मान करें और अपने अहंकार को नियंत्रण में रखें। 

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