सौरमंडल के सभी ग्रहों को वैदिक ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। क्योंकि इन ग्रहों का हर एक स्थान परिवर्तन न केवल वातावरण को बल्कि समस्त मनुष्यों के जीवन को भी प्रभावित करने का सामर्थ्य रखता है। हर एक ग्रह काल की भांति चलायमान हैं और ग्रहों के इसी चलायमान स्वभाव को हम ज्योतिष में गोचर कहते हैं। प्रत्येक ग्रह एक समयावधि में अपना स्थान परिवर्तन करते हुए एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है।
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सूर्य के कन्या में गोचर की अवधि
राशियों की बात करें तो 12 राशियों में से सूर्य सिंह पर अपना अधिपत्य रखते हैं और मेष राशि में ये उच्च के, जबकि तुला में यह नीच के होते है। अब यही सूर्य देव एक बार फिर 17 अक्टूबर 2022, सोमवार 19:09 पर बुध की राशि कन्या से निकलकर अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश करेंगे। इस स्थिति में सूर्य देव लगभग 30 दिनों तक रहेंगे और फिर 16 नवंबर को अपना पुनः गोचर करते हुए वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा कि अपनी नीच राशि तुला में सूर्य के इस गोचर का देशभर के साथ-साथ आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
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- इन राशियों को मिलेगा फायदा
1. वृषभ राशि: सूर्य का ये गोचर आपकी राशि से षष्ठम भाव में होने जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आपको इस दौरान बेहतर फल मिलने की संभावना है। क्योंकि सबसे अधिक आपका पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा और आप शांति की अनुभूति करेंगे। कार्यक्षेत्र पर भी आप अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर अपने सभी विरोधियों पर विजय प्राप्त करते देखें जाएंगे। छात्रों को भी अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन देने में मदद मिलेगी।
2. सिंह राशि: चूँकि सूर्य आपके ही राशि स्वामी होते हैं, ऐसे में उनका हर गोचर आपके लिए विशेष महत्वपूर्ण रहता है। अब 17 अक्टूबर को भी वे अपना गोचर तुला में करते हुए आपकी राशि से तृतीय भाव में विराजमान होंगे। जिससे आपके जीवन में अनुकूलता आने की संभावना बनेगी। सूर्य की ये शुभ स्थिति आपको करियर में अच्छा प्रदर्शन देने में मदद करेगी और आप उनकी मदद से उच्च पद प्राप्त कर सकेंगे। सूर्य की दृष्टि से आपके अपने पिता से संबंध भी बेहतर होते दिखाई देंगे।
3. धनु राशि: सूर्य आपकी राशि से लाभ अर्थात एकादश भाव में अपना गोचर करने वाले हैं। ऐसे में आपको इस गोचर से सामान्य से अधिक उत्तम फल मिलने की संभावना रहेगी। ये वो समय होगा जब आप तरक्की करते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से अच्छा प्रमोशन हासिल करेंगे। सामाजिक रुप से भी आपका पद बढ़ेगा और लोग आपसे सलाह-मशवरा लेते दिखाई देंगे। ये समय आपके आत्मविश्वास और आत्मबल में भी वृद्धि करने वाला है।
4. मकर राशि: सूर्य अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से दशम अर्थात कर्म भाव से प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में इस भाव में सूर्य का गोचर आपको पदोन्नति मिलने के योग बनाएगा। आप अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए सफलता अर्जित करेंगे। आपकी मेहनत देख आपके सहकर्मियों के बीच आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। पारिवारिक जीवन में पिता के साथ आपके संबंधों बेहतर होंगे और यदि आप व्यापार करते हैं तो आपको उनकी मदद से कोई बड़ा लाभ मिलने की भी संभावना रहने वाली है।
अवश्य पढ़ें: सूर्य ग्रह की शांति के लिए किये जाने वाले विशेष ज्योतिषीय उपाय
- ये राशियां हो जाएं सावधान
1. मेष राशि: सूर्य का ये गोचर आपकी राशि से विवाह के सप्तम भाव में होने जा रहा है। ऐसे में इस दौरान सबसे अधिक विवाहित जातकों के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। इस दौरान आपका साथी के साथ अहंकार के कारण बात-बात पर विवाद होता रहेगा। कार्यक्षेत्र पर भी आप अपने काम से संतुष्ट नहीं होंगे, जिससे आपको सहकर्मियों के बीच उचित मान-सम्मान प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है।
2. कर्क राशि: सूर्य का ये गोचर आपकी राशि से चतुर्थ यानी सुख भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान सूर्य देव पीड़ित अवस्था में होते हुए आपको कष्ट दे सकते हैं। ऐसे में आपको अपने घर-परिवार में दूसरों से बातचीत करते समय मर्यादित आचरण करने की सलाह दी जाती है। वाहन या प्रॉपर्टी ख़रीदने के इच्छुक जातकों को भी अभी अपना धन खर्च करने से बचना चाहिए। इसलिए कोई भी खरीदारी करने से अभी बचें।
3. तुला राशि: सूर्य आपकी ही राशि में अपना गोचर कर रहे हैं और तुला सूर्य की नीच रही होती है। ऐसे में सूर्य का आपके प्रथम भाव में गोचर करना आपके लिए प्रतिकूल फल लेकर आएगा। सबसे अधिक इस दौरान आपको अपने स्वभाव में नकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे, जिससे कार्यस्थल पर दूसरों के साथ आपकी नोकझोंक संभव है।
पारिवारिक जीवन में भी कई मुद्दे आपके क्रोध को बढ़ा देंगे और आप आक्रोश में आकर अपना आपा खो सकते हैं। इसलिए आपको शुरुआत से ही सावधान रहना होगा।
4. कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य का ये गोचर विरपित परिस्थितियों को उत्पन्न करने वाला है। क्योंकि इस अवधि में सूर्य नीच अवस्था में आपकी राशि से नवम भाव में विराजमान होंगे, जिससे आपको हर कार्य को पूरा करने के लिए सामान्य से अधिक मेहनत करने की ज़रूरत होगी। इस दौरान स्वास्थ्य लिहाज़ से भी आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा और इसके चलते सीधेतौर पर आपकी कार्यक्षमता प्रभावित होगी।
आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा इस गोचर का असर जानने के लिए पढ़ें: सूर्य का कन्या राशि में गोचर (17 अक्टूबर, 2022)
सूर्य ग्रह से संबंधित मंत्र
- सूर्य ग्रह का वैदिक मंत्र
“ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।”
- सूर्य ग्रह का तांत्रिक मंत्र
“ॐ घृणि सूर्याय नमः”
- सूर्य ग्रह का बीज मंत्र
“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
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