सूर्य करेंगे अपनी ही सिंह राशि में गोचर, इन जातकों को मिलेगी अपने हर रोग से मुक्ति !

समस्त ग्रहों के राजा और जगत की आत्मा कहे जाने वाले सूर्य देव का हमेशा से ही मनुष्य पर विशेष प्रभाव रहता है। चन्द्रमा के बाद सूर्य ही प्रत्यक्ष रूप से ऐसा ग्रह हैं, जिन्हें नग्न आँखों से भी स्पष्ट देखा जा सकता है। इसलिए हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता की उपाधि देते हुए साक्षात सूर्यनारायण भी कहा गया है। क्योंकि भगवान श्री नारायण की तरह ही सूर्यदेव भी समस्त संसार को प्रकाश देते हुए उसका पालन-पोषण करते हैं। इतना ही नहीं चन्द्रमा जैसे सौरमंडल के अन्य ग्रह भी सूर्य की ऊर्जा से ही प्रकाशित होते हैं।   

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वैदिक ज्योतिष में भी सूर्य ग्रह को पिता, नेत्र, मान-सम्मान, सफलता, प्रगति, सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र, उच्च सेवा, पदोन्नति आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी या उच्च पद की इच्छा रखता है तो, उसे अपनी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति को मौजूद करने की ज़रूरत होगी। इसके अलावा नेत्र संबंधी समस्या से निजात पाने हेतु या उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए भी सूर्य ग्रह को मजबूत बनाने के लिए उपाय करने चाहिए। क्योंकि यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर या निर्बल हो तो वो जातक जीवनभर सूर्य ग्रह के कारकतत्वों से जुड़े शुभ परिणामों से वंचित रहता है।

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सूर्य ग्रह और जन्म कुंडली

सूर्य ग्रह पृथ्वी पर ऊर्जा के सबसे बड़े प्राकृतिक स्रोत के रूप में उपस्थित हैं। इनका प्रत्येक स्थानपरिवर्तन व प्रभाव समस्त मनुष्यों के साथ-साथ वातावरण में भी कई बड़े बदलाव लेकर आता है। यही मुख्य कारण है कि जब भी कोई विशेषज्ञ ज्योतिषी किसी जातक की जन्म कुंडली का अध्ययन करते हैं तो सर्वप्रथम सूर्य की स्थिति व उनके बल को ही देखा जाता है। सूर्य पूर्व दिशा पर अपना आधिपत्य रखते हैं। वहीं समस्त राशियों में से सिंह राशि उनकी स्वराशि होती है। 

इसके अलावा मेष राशि सूर्य की उच्च राशि तो तुला इनकी नीच राशि कहलाती है। केवल इतना ही नहीं, हिंदू पंचांग की गणना भी सूर्य की चाल के आधार पर ही संभव है। क्योंकि सूर्य वक्री नहीं होते हैं और उन्हें एक राशि का चक्र पूरा करने में लगभग 30 दिनों का समय लगता है, जिसके आधार पर ही सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने की अवधि को एक सौर मास कहा गया है। इस अनुसार समस्त 12 राशियों के राशि चक्र को पूरा करने में सूर्य एक वर्ष का समय लेते हैं। 

वैदिक ज्योतिष की मानें तो सूर्य के प्रत्येक राशि परिवर्तन पर ही विभिन्न प्रकार की ऋतुएँ आधारित होती हैं। इसलिए सूर्य का हर गोचर प्रकृति में भी अहम बदलाव लाता है। जबकि कुंडली का अध्ययन करते हुए सूर्य के द्वारा ही व्यक्ति के यश, आत्मविश्वास, समाज में उसका मान- सम्मान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

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सूर्य के गोचर काल की अवधि 

समस्त संसार को प्रकाश व ऊर्जा देने वाले सूर्य देव पूरे एक वर्ष के बाद अब आखिरकार अपनी स्वराशि सिंह में गोचर करने वाले हैं। सूर्य का ये गोचर 17 अगस्त 2022, बुधवार की सुबह 7 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस दौरान सूर्य देव चन्द्रमा की राशि कर्क से निकलकर अपनी ही राशि सिंह में विराजमान हो जाएंगे। सिंह राशि में ये 17 सितंबर 2022 तक स्थित रहेंगे, फिर पुनः अगली राशि में अपना गोचर आरंभ करेंगे। 

ऐसे में पूरे एक सौर वर्ष के बाद सूर्य देव के अपनी ही राशि में उपस्थित होने से, समस्त राशियों को ज्यादातर अनुकूल प्रभाव मिलने की संभावना बनेगी। इस दौरान जिस जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति अनुकूल है, उन जातकों को अनुकूल ही फल मिलेंगे। जबकि यदि किसी कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रतिकूल है तो वो जातक इस गोचर से प्रतिकूल परिणाम प्राप्त कर सकता है। 

इसके अलावा भी अपनी स्वराशि में सूर्य का ये गोचर होने से देशभर में कई छोटे-बड़े परिवर्तन आने के योग बनेंगे। तो आईये  अब बिना देर किये जानते हैं कि सूर्य के सिंह राशि में होने वाले इस गोचर से सबसे अधिक कौन-सी राशियां प्रभावित होगी और ये गोचर देशभर में क्या कुछ बदलाव लेकर आएगा। 

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सूर्य के सिंह में गोचर से जुड़े कुछ अहम बिंदु पर एक नज़र 

  • सूर्य करेंगे मघा नक्षत्र में प्रवेश 

अपने इस गोचर के दौरान सूर्य मघा नक्षत्र व स्वराशि में प्रवेश करेंगे। जिसके परिणामस्वरूप राशियों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी खासा असर देखने को मिलेगा। इस अवधि में देश के कई हिस्सों में तेज वर्षा होने से किसानों को फसल के लिए भरपूर जल मिलेगा। हालांकि सूर्य का ये नक्षत्र प्रवेश कुछ प्रशासनिक बदलावों के साथ-साथ आर्थिक बदलाव भी दर्शा रहा है। 

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  • सूर्य पर होगी मंगल की चतुर्थ दृष्टि

17 अगस्त को जब सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे, तब वृषभ में मौजूद मंगल की चतुर्थ दृष्टि सूर्य पर पड़ेगी। ऐसे में सूर्य और मंगल दोनों के ही अग्नि तत्व ग्रह होने के चलते सूर्य पर मंगल की इस दृष्टि का प्रभाव, जातकों की ऊर्जा को अत्यधिक बढ़ाने का कार्य करेगा। हालांकि इस दौरान देशभर में राजनैतिक वातावरण काफी अशांत और असमंजसपूर्ण रहने की भी आशंका बनेगी। 

  • बुध-सूर्य की युति से बनेगा बुधादित्य योग 

जब सिंह में सूर्य अपना गोचर करेंगे तो वहां पहले से उपस्थित बुध के साथ उनकी शुभ युति होगी, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होगा। इस योग के कारण वो जातक जो उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं या परीक्षा दे रहे हैं, उन्हें उत्तम परिणाम मिलेंगे। हालांकि सूर्य-बुध की ये युति 21 अगस्त तक रहेगी, उसके बाद बुध अपना पुनः गोचर करते हुए सिंह से निकलकर अपनी स्वराशि कन्या में विराजमान हो जाएंगे। 

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  • शत्रु ग्रहों सूर्य-शुक्र की युति 

17 अगस्त को सूर्य सिंह में गोचर करेंगे और इसके कुछ ही दिनों बाद भौतिक सुखों के देवता व शुभ ग्रह शुक्र का भी गोचर 31 अगस्त को सिंह राशि में ही होगा। जहाँ उनकी युति सूर्य देव के साथ होगी। ऐसे में सूर्य और शुक्र में शत्रुता के चलते इस युति से सबसे अधिक जातकों के वैवाहिक जीवन में अशांति आने के योग बनेंगे। 

  • देशभर पर असर 

सूर्य का ये गोचर और उनपर अन्य ग्रहों का प्रभाव होने से सोने, चाँदी, रुई, गुड़, शक़्कर, तिल, तैल, सरसों, सोयाबीन आदि के भावों में वृद्धि देखी जाएगी। शेयर बाज़ार में भी पहले मामूली मंदी के बाद काफी तेजी देखने को मिल सकती है। 

  • इन राशियों को मिलेगा फायदा 

1. मेष राशि: सूर्य का ये गोचर सबसे अधिक छात्रों के लिए अनुकूल रहेगा। क्योंकि वे पढ़ाई के प्रति अपनी बढ़ती एकाग्रता से अच्छा प्रदर्शन देने में सफल रहेंगे। वहीं प्रेम संबंधों में भी आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा। आर्थिक रूप से भी धन का प्रवाह अच्छा रहेगा। वहीं कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों एवं वरिष्ठों से आपके संबंध बेहतर होते दिखाई देंगे। 

2. कर्क राशि: सूर्य आपकी ही राशि से निकलकर सिंह में गोचर करेंगे। जिसका सकारात्मक प्रभाव सबसे अधिक आपको धन लाभ कराएगा और आप अपनी बचत करने में सक्षम रहेंगे। आपको अपने परिवार की ओर से भी पूरा सहयोग मिलेगा। वहीं रिसर्च से जुड़े छात्र अपने क्षेत्र में बेहतर करते दिखाई देंगे। 

3. सिंह राशि: सूर्य आपकी ही राशि में गोचर करेंगे, जिससे आप में ऊर्जा की वृद्धि देखी जाएगी। साथ ही आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होने से आप अपने कार्यक्षेत्र पर अच्छा करते दिखाई देंगे। स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।

4. मीन राशि: सूर्य का ये गोचर सबसे अधिक आपकी सेहत में सुधार लाने वाला है। क्योंकि सूर्यदेव की कृपा से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी, जिससे आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते दिखाई देंगे। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी यह अवधि अनुकूल सिद्ध होगी। 

अवश्य पढ़ें: सूर्य ग्रह की शांति के लिए किये जाने वाले विशेष ज्योतिषीय उपाय

  • ये राशियां हो जाएं सावधान

1. कन्या राशि: सूर्य के इस गोचर के फलस्वरूप आपको सबसे अधिक अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी। क्योंकि योग बन रहे हैं कि इस दौरान आपको सेहत से जुड़ी कुछ समस्या हो, जिससे आपके ख़र्चों में भी वृद्धि हो सकती है। साथ ही इस समय हर प्रकार का लेन-देन करने से भी बचें।

2. मकर राशि: सूर्य का यह गोचर आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि आशंका है कि इस दौरान आपके जीवन में कुछ ऐसी परिस्थितियां आएंगी, जिससे आप मानसिक रूप से बेचैन या परेशान हो सकते हैं। साथ ही सेहत से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए भी आपको संतुलित आहार का सेवन करने की सख्त सलाह दी जाती है। 

3. कुंभ राशि: सूर्य का ये गोचर आपको अपने वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देने वाला है। क्योंकि आशंका है कि इस दौरान आपके और साथी के बीच अनावश्यक बहस और वाद-विवाद हो, जिससे सबसे अधिक आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित होगा। साथ ही स्वास्थ्य और शारीरिक फ़िटनेस की ओर भी आपको इस समय अधिक प्रयासरत रहने की सलाह दी जाती है

आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा इस गोचर का असर जानने के लिए पढ़ें: सूर्य का सिंह राशि में गोचर (17 अगस्त, 2022)

ज़रूर करें सूर्य से जुड़े ये सरल उपाय:

  • कुंडली में सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना करना अनुकूल रहता है। 
  • ऑनलाइन सूर्य ग्रह शांति पूजा की मदद से सूर्य देव को अपनी जन्म कुंडली में आप बलवान बना सकते हैं।
  • सूर्य को कुंडली में मजबूत करने के लिए वरिष्ठ ज्योतिष विशेषज्ञों से उचित सलाह के बाद माणिक्य रत्न धारण करना सबसे बेहतर विकल्प सिद्ध होता है। 
  • सूर्य देव के मंत्र “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” का रोजाना जाप करना भी आपको स्वास्थ्य संबंधित समस्या से निजात दिला सकता है। 
  •  किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले गुड़ खाकर घर से निकलें। 
  • रविवार के दिन विधि अनुसार व्रत का पालन करें। 
  • हर रविवार भगवान विष्णु के अवतारों की कथा सुनें व पढ़ें। 
  • बहते हुए जल में गुड़ व तांबा प्रवाहित करें। 
  • अपने से बड़ों से अच्छा व्यवहार करें। खासकर अपने पिता का सम्मान करें। 
  • घर के गमलों के पौधों को सूखने न दें, उन्हें नियमित रूप से पानी दें।  
  • अपने घर व दफ़्तर में ज्यादातर लकड़ी के फर्नीचर का प्रयोग करें। 

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