सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवादित जमीन को राम जन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया। इसके अलावा, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए देने का भी फैसला दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक ट्र्स्ट बनाया जाएगा, जो तय करेगा कि कब कैसे राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार यानी 9 नवंबर की सुबह आखिरकार बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया।
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद कई साल पुराना है। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर 2010 में फैसला सुनाया था।
हाई कोर्ट के फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था। इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और तीसरा निर्मोही अखाड़े को मिला। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 आपील दाखिल हुई थीं। लेकिन बाद में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने फिर नियमित सुनवाई तय की और 40 दिन तक लगातार सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस विवाद में कई मुद्दे थे लेकिन सबसे बड़ा मामला जमीन विवाद का था। यह विवाद 2.77 एकड़ की जमीन को लेकर था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने सबसे अहम सवाल यह था कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर मालिकाना हक किसका है?