ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर को विशेष माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहों के गोचर का प्रभाव न सिर्फ मनुष्य जाति पर पड़ता है बल्कि देश-दुनिया का प्रत्येक जीव इससे प्रभावित होता है। प्रत्येक ग्रह के अपने गुण व स्वभाव होते हैं और गोचर के बाद वे इन्हीं गुणों व स्वभाव के अनुरूप जातकों को फलीभूत करते हैं। चूंकि जुलाई का महीना शुरू हो चुका है और लगभग हर महीने की तरह जुलाई में भी काफी महत्वपूर्ण ग्रहों के गोचर होने जा रहे हैं लेकिन जुलाई महीने में इन ग्रहों के गोचर की वजह से एक विशेष संयोग बन रहा है जिसकी तरफ दुनिया भर के ज्योतिषियों की निगाहें टिकी हुई है।
ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको उस विशेष संयोग के बारे में बताने वाले हैं और साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि इस संयोग का देश-दुनिया पर क्या असर पड़ने वाला है।
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क्या है यह विशेष संयोग?
जुलाई के महीने में यूं तो पांच गोचर होने वाले हैं। लेकिन इस विशेष संयोग को समझने के लिए आपको मुख्यतः तीन ग्रहों के गोचर पर ध्यान देना होगा। ये तीन ग्रह हैं : सूर्य, शुक्र और मंगल। सूर्य देवता फिलहाल मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं लेकिन 16 जुलाई 2021 को शाम के 04 बजकर 41 मिनट पर ये कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे। वहीं शुक्र इस समय पहले से ही कर्क राशि में मौजूद है और वह 17 जुलाई 2021 की सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर सिंह राशि में गोचर कर जाएगा। शुक्र के अलावा मंगल भी इस समय कर्क राशि में ही मौजूद है और यह ग्रह 20 जुलाई 2021 की शाम 05 बजकर 21 मिनट तक कर्क राशि में ही मौजूद रहेगा।
इस तरह अगर देखा जाए तो 16 जुलाई 2021 को शाम के 04 बजकर 41 मिनट से 17 जुलाई की सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक की अवधि के दौरान सूर्य, शुक्र और मंगल चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में मौजूद रहकर एक विशेष संयोग का निर्माण कर रहे हैं। आइये अब देखते हैं कि इस खास संयोग का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
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क्या पड़ेगा देश-देश दुनिया पर सूर्य, शुक्र और मंगल की युति का प्रभाव?
अर्थव्यवस्था : इस विशेष संयोग का देश दुनिया पर प्रभाव पड़ना तय है। चूंकि शुक्र धन, भौतिक सुख व प्रेम आदि का कारक माना गया है। ऐसे में सूर्य और मंगल के साथ इसकी युति देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक सिद्ध हो सकती है। इस दौरान आम जनता को सरकार की तरफ से कुछ सकारात्मक घोषणा सुनने को मिल सकती है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को और भी बल मिल सकता है। सरकार द्वारा इन घोषणाओं से एक बार फिर सरकार की लोकप्रियता में इजाफा होने की संभावना है।
हालांकि इन घोषणाओं की वजह से देश के कुछ लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है लेकिन कुल मिला कर ये घोषणा ज़्यादातर लोगों के मन में सरकार के लिए विश्वास पैदा करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। इसके साथ-साथ ही अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलने की संभावना है।
स्वास्थ्य व्यवस्था : चंद्रमा के स्वामित्व वाली राशि कर्क में सूर्य, शुक्र और मंगल की युति की वजह से जल जनित स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि देखी जा सकती है। ऐसे में आपको सलाह है कि इस दौरान पानी को उबालकर पीना आपके लिए ज्यादा लाभदायक रहेगा। दिमागी बुखार व डेंगू जैसी जल से पैदा होने वाली बीमारियां आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
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राजनीति : राजनीति के नजरिए से देखा जाए तो यह अवधि सरकार की लोकप्रियता में इजाफा करने वाली अवधि साबित हो सकती है। चूंकि कर्क राशि स्वतंत्र भारत की कुंडली के तीसरे भाव में पड़ती है। ऐसे में इस राशि में इस गोचर के प्रभाव से पड़ोसी देशों से भारत सख्ती से बात करेगा और अपनी बात हर संभव तरीके से मनवाने का प्रयास करता नजर आ सकता है।
इस अवधि में भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने विशेष कार्यों की वजह से ख्याति प्राप्त कर सकता है जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति और भी मजबूत होगी। हालांकि देश के पूर्वी इलाकों में सैन्य चहल-पहल बढ़ने की आशंका भी है। राजनीतिक तौर पर धार्मिक क्रियाकलापों में सरकार रुचि दिखा सकती है। इसके साथ ही कुछ कड़े कानून भी बनाए जाने की आशंका है लेकिन इसके बावजूद सरकार की लोकप्रियता में इजाफा देखने को मिल सकता है।
मौसम : कर्क राशि जल तत्व की राशि है जिसके स्वामी चंद्र देव हैं। इस राशि में अग्नि तत्व के सूर्य देव और अग्नि तत्व के मंगल देव के साथ जल तत्व के शुक्र देव की उपस्थिति वर्षा में कमी ला सकती है। इसके साथ ही इस दौरान धूल भरी आंधियां चलने की आशंका है और साथ ही समुद्र के किनारे बसे शहरों में ज्यादा उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।
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चूंकि यह विशेष संयोग कर्क राशि में हो रहा है, ऐसे में आइये अब आपको यह भी बता देते हैं कि कर्क राशि के जातकों के जीवन पर इस विशेष संयोग का क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
क्या पड़ेगा कर्क राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव?
कर्क राशि के जातकों को इस दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष तौर से ध्यान रखने की जरूरत है। इस दौरान वे जल जनित समस्याओं से पीड़ित रह सकते हैं। बुखार व पीलिया जैसे रोग भी उन्हें परेशान कर सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर चिकित्सीय परामर्श अवश्य लें। इस अवधि में कर्क राशि के जातकों के स्वभाव में उग्रता के बढ़ने की आशंका है जिसका असर उनके कार्यक्षेत्र और पारिवारिक रिश्तों पर भी पड़ने की आशंका है।
वहीं आर्थिक तौर पर यह गोचर आपके लिए अनुकूल रह सकता है। इस दौरान आपकी आमदनी में वृद्धि के योग बनेंगे। इसके साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में सफलता मिलने की भी संभावना है। हालांकि आपका पारिवारिक जीवन इस दौरान तनावपूर्ण रह सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप उग्र होने के बजाय परिवार के सदस्यों की बातें ध्यान से सुनें और अपनी बात उन्हें शांत मन से समझाने का प्रयत्न करें।
कर्क राशि के जातक करें ये उपाय
कर्क राशि के लोगों का उपाय के तौर पर भगवान शिवजी की पूजा करनी चाहिए। यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक संपन्न कराएं। इससे न केवल आपको स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति मिलेगी बल्कि आपको जीवन में भी सफलता मिलेगी। यदि आप चाहें तो ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप भी कर सकते हैं। सोमवार के दिन चावल की खीर बनाकर भगवान शिव और शक्ति को भोग लगाएं और स्वयं प्रसाद के रूप में खाएं।
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