वैदिक ज्योतिष में सूर्य को एक बेहद ही महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इसे सभी नौ ग्रहों में सबसे प्रमुख ग्रह माना गया है। अपने इस खास ब्लॉग में हम जानेंगे सूर्य ग्रह से संबंधित जल्द होने वाली एक ज्योतिषीय घटना की संपूर्ण जानकारी, साथ ही जानेंगे सभी 12 राशियों के जीवन पर इसका क्या कुछ प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा अगर किसी राशि पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है तो उसके लिए क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इसकी जानकारी भी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से दी जाएगी।
सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दरअसल हम यहां बात कर रहे हैं सूर्य के तुला राशि में होने वाले गोचर की। 18 अक्टूबर, 2023 को सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला में गोचर करने जा रहा है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे सूर्य के तुला राशि में गोचर का किस राशि को शुभ फल मिलेगा और किन्हे इसके अशुभ परिणामों से जूझना पड़ेगा।
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सबसे पहले बात कर लेते हैं सूर्य ग्रह के इस गोचर के समय की तो,
सूर्य का तुला में गोचर 2023 : जान लें समय
सबसे पहले बात करें समय की तो सूर्य का तुला राशि में गोचर 18 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट पर होने वाला है। इसके अलावा यहां यह भी जाने वाली बात है कि सूर्य अपनी मूल त्रिकोण राशि में जब मौजूद होता है तो यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिणाम प्रदान करता है। वहीं जब सूर्य मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में होता है तो यह उच्च शक्तिशाली हो जाता है।
सूर्य सिंह राशि का स्वामी है और कुंडली के पंचम भाव को नियंत्रित करता है। इस गोचर की बात करें तो ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में सूर्य का तुला राशि में गोचर आर्थिक पक्ष के लिहाज से माध्यम साबित होगा लेकिन इस दौरान जातक जो भी कमाएंगे उन्हें इसमें संतुष्टि मिलेगी। आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसका व्यक्तिगत भविष्यफल जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़ें।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह
बात करें सूर्य ग्रह की तो इसे हिंदू धर्म में देवता के रूप में मानकर इसकी आराधना की जाती है। यह धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत भी है। यह सभी ग्रहों में बेहद ही विशाल है और सौरमंडल के केंद्र में स्थित है। ज्योतिष की जानकार मानते हैं कि जब कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में उच्च व प्रशासनिक पद हासिल करते हैं, समाज में मान सम्मान प्राप्त करते हैं, आदि।
वहीं अगर कुंडली में सूर्य पीड़ित अवस्था में हो तो यह व्यक्ति को हृदय और आंखों से संबंधित परेशानी भी देता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो तो उन्हें रविवार के दिन सफलता मिलती है। इसके अलावा सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करना या एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना बेहद शुभ माना गया है। आप चाहें तो अपने घर में सूर्य यंत्र लाकर उसकी स्थापना करके भी सूर्य ग्रह के शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।
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लाल किताब के अनुसार सूर्य ग्रह के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
सूर्य ग्रह के सकारात्मक प्रभाव लाल किताब के अनुसार
जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य उच्च का होता है वह कार्यक्षेत्र में उन्नति प्राप्त करते हैं, अपने जीवन की सभी रूकावटों को आसानी से पार कर लेते हैं, ऐसे जातकों को सरकारी नौकरी का सुख प्राप्त होता है, समाज में मान सम्मान मिलता है, ऐसे ज्यादा हमेशा ऊर्जावान रहते हैं, आदि।
सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव लाल किताब के अनुसार
वहीं नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से जातक अहंकारी बनता है, ऐसे व्यक्ति विश्वास करने लायक नहीं होते, ईर्ष्यालु होते हैं, क्रोधी होते हैं, आक्रामक स्वाभाव के होते हैं, साथ ही ऐसे जातकों का उनके पिता के साथ रिश्ता भी कुछ खास नहीं होता है।
नकारात्मक सूर्य के प्रभाव को अपने जीवन से दूर करने के लिए लाल किताब के अनुसार सूर्य ग्रह शांति के कुछ उपाय बताए गए हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं।
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सूर्य ग्रह शांति के उपाय
- किसी अंधे व्यक्ति की सहायता करें।
- सबके साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार करें।
- रविवार के दिन उपवास करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें।
- प्रतिदिन अपनी मां का आशीर्वाद लें।
- चावल, दूध का दान करें।
- सूर्य देव की पूजा करें।
- आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करें।
- गेहूं, तांबा, माणिक्य रत्न आदि का दान करें।
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तुला राशि में सूर्य का प्रभाव
तुला राशि में सूर्य के होने पर जातक शरीर और दिमाग दोनों से कमजोर नजर आते हैं। ऐसे जातकों को समझ पाना आसान नहीं होता है। ऐसे व्यक्तियों के विचार दूसरों से मिल नहीं खाते हैं। तुला राशि में सूर्य के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति झूठ बोलने लगते हैं। साथ ही उनकी उम्मीदें और सपने बहुत बड़े हो जाते हैं।
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तुला राशि में सूर्य गोचर: राशि अनुसार भविष्यवाणी
तुला राशि में सूर्य की स्थिति सबसे कमजोर मानी जाती है। ऐसे में सूर्य की इस दुर्बलता का सभी 12 राशियों पर क्या कुछ असर पड़ेगा और इससे बचने के लिए क्या कुछ उपाय किया जा सकते हैं आईए जानते हैं इसका प्रभाव।
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए सूर्य आपके पांचवें भाव के स्वामी हैं और जिन लोगों का जन्म मेष राशि के तहत हुआ है उनके लिए सूर्य आपके सातवें भाव में स्थित होंगे। पांचवें भाव के स्वामी के रूप में ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके चौथे भाव के स्वामी हैं जो आपके छठे भाव में मौजूद होंगे। सूर्य का तुला राशि में गोचर नौकरी के संबंध में ज्यादा प्रोत्साहन देने वाला नहीं कहा जा सकता है और कार्यक्षेत्र….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो आपके पांचवें भाव में उपस्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप, संतान के भविष्य को लेकर आप चिंतित नज़र आ सकते हैं। अगर पेशेवर जीवन….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी हैं जो धन और निजी जीवन दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, सूर्य का तुला राशि में गोचर के दौरान सूर्य आपके….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके पहले भाव के स्वामी हैं जो सूर्य का तुला राशि में गोचर की अवधि में आपके तीसरे भाव में विराजमान होंगे। तुला राशि में होने से सूर्य की शक्तियों में ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में नीच अवस्था में स्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपके जीवन में पारिवारिक और आर्थिक ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य महाराज आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इन्हें तुला राशि के लिए अशुभ ग्रह माना जाता है। सूर्य का तुला राशि में गोचर की अवधि में यह आपके पहले भाव में स्थित होंगे और ऐसे में, ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि शुभ ग्रह माने गए हैं। सूर्य का तुला राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा और इसके फलस्वरूप, आपके भीतर ज्यादा से ज्यादा….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए सूर्य आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में होंगे। कुंडली में ग्यारहवां भाव संभावनाओं और इच्छाओं की पूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य का तुला राशि में गोचर काम के….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य का तुला राशि में गोचर की अवधि में यह आपके दसवें भाव में नीच अवस्था में स्थित होंगे। करियर के लिहाज़ से,….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य का तुला राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा। करियर के लिहाज़ से,….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके आठवें भाव में जाएंगे। इस राशि के जातकों के करियर के लिए….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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