नवग्रहों के राजा सूर्य 15 जून को मिथुन राशि में गोचर करने वाले हैं। ज्योतिष में सूर्य के गोचर को संक्रांति नाम से जाना जाता है। ऐसे में जब सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे तो इसे मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाएगा।
अपने इस ब्लॉग में आज हम बात करेंगे सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के समय, इसका सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में और साथ ही इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के ज्योतिषीय उपायों की जानकारी के बारे में।
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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर
सबसे पहले बात करें सूर्य के मिथुन राशि में गोचर की तो यह 15 जून, 2023 को होने जा रहा है। इस दिन सूर्य ग्रह शाम 18 बजकर 07 मिनट पर शुक्र के आधिपत्य वाली वृषभ राशि से निकलकर बुध के आधिपत्य वाली मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
सूर्य गोचर की अवधि तकरीबन 1 महीने की होती है। अर्थात सूर्य एक राशि में तकरीबन 1 महीने की समय अवधि के लिए रहता है और फिर अगली राशि में गोचर का जाता है। सूर्य मिथुन राशि में 15 जुलाई तक रहेंगे और 16 जुलाई को यह कर्क राशि में गोचर कर जाएंगे।
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कुंडली में सूर्य की स्थिति और प्रभाव
जैसा कि हमने पहले भी कहा कि सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है। कहते हैं धरती पर बिना सूर्य के जीवन की कल्पना करना असंभव है। इसके अलावा सूर्य सिंह राशि के स्वामी होते हैं। इनकी उच्च राशि मेष है और तुला में यह नीच के माने जाते हैं।
चंद्रमा, मंगल और गुरु के साथ सूर्य के मित्रत्व संबंध हैं, बुध इनके लिए सम हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य मजबूत अवस्था में होते हैं ऐसे जातक राजाओं की तरह जीवन यापन करते हैं। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में मान सम्मान, अच्छा स्वास्थ्य, समाज में प्रतिष्ठा, आदि शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।
वहीं इसके विपरीत जिन जातकों के जीवन में कुंडली में सूर्य ग्रह अनुकूल स्थिति में नहीं होते हैं उन जातकों को अपने जीवन में तमाम परेशानियां, रुकावटें, इत्यादि झेलनी पड़ती है। सूर्य कमजोर अवस्था में हो तो ऐसे जातक अपने पिता के साथ सही रिश्ते का आनंद नहीं ले पाते हैं, ऐसे व्यक्तियों का स्वास्थ्य खराब रहता है, लोग अति स्वाभिमानी भी हो सकते हैं।
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ज्योतिष में सूर्य को एक बेहद महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। सूर्य के मिथुन राशि में गोचर के साथ ही सूर्य की उत्तरायण की यात्रा समाप्त हो जाती है क्योंकि मकर से लेकर मिथुन तक सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और उसके बाद कर्क से लेकर धनु तक यह दक्षिणायन होते हैं।
सूर्य के अच्छे बुरे लक्षणों से जानें कुंडली में सूर्य की स्थिति
यदि आप अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं तो अभी देश के विद्वान ज्योतिषियों से अपनी कुंडली दिखा सकते हैं। इसके अलावा सूर्य कुंडली में मजबूत या कमजोर होने पर कुछ विशेष लक्षण भी प्रदान करता है जिन्हें ध्यान देते हुए हम यह जान सकते हैं कि सूर्य की स्थिति हमारी कुंडली में कैसी है। क्या हैं वो लक्षण आइए जान लेते हैं।
- अगर किसी जातक का उनके पिता के साथ रिश्ता अच्छा नहीं है,
- किसी व्यक्ति की हड्डियां मजबूत नहीं है,
- नाखून मजबूत नहीं हैं,
- बाल झड़ रहे हैं,
- गंजापन समय से पहले आने लगा है, तो यह सभी कमजोर सूर्य की निशानी होते हैं।
- इसके अलावा कमजोर सूर्य से व्यक्ति को हृदय रोग भी हो सकते हैं।
वहीं इसके अलावा अगर आपको सरकारी नौकरी का सुख मिल रहा है, आपके पिता के साथ आपके रिश्ते मजबूत हैं, आपका स्वास्थ्य उत्तम रहता है, तो यह सभी लक्षण इस तरफ संकेत करते हैं कि आपकी कुंडली में सूर्य काफी मजबूत है।
जिन जातकों का सूर्य कमजोर होता है उन्हें कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह दी जाती है।
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय
- ऐसे जातकों को प्रतिदिन जल में रोली और थोड़ा मीठा (आप गुड़ या चीनी) डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दे सकते हैं।
- बड़ के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
- रविवार के दिन बंदरों को गुड़ और गेहूं खिलाएँ।
- पिता और पिता तुल्य लोगों के साथ सम्मान से बातें करें और जितना मुमकिन हो सके उनका पैर छूकर आशीर्वाद अवश्य लें।
- नियमित रूप से आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ रखें।
- अपने मन और विचार को शुद्ध रखें।
- नशे और गलत कामों से दूर रहें।
- अपने घर में बांस का पौधा रखें।
- तांबे के बर्तन में पानी पिएँ।
इन सभी बेहद ही सरल उपायों को करने से आप अपनी कुंडली में सूर्य ग्रह को मजबूत कर सकते हैं।
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सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं सूर्य के मिथुन राशि में गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर क्या कुछ प्रभाव और असर देखने को मिलेगा और साथ ही जान लेते हैं राशि अनुसार कुछ उपायों की जानकारी जिन्हें अपनाकर आप इस गोचर के नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से यह आपके तृतीय भाव में प्रवेश करेंगे। सूर्य के इस गोचर से आपकी….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी ग्रह होकर आपके द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक साबित होगा। आपको….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मिथुन राशि
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए चंद्र राशि से प्रथम भाव में होगा यानि की आपकी ही राशि में यह गोचर होने वाला है। सूर्य देव आपके….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी ग्रह हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से यह आपके द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के लिए सूर्य देव मुख्य ग्रह हैं क्योंकि ये आपकी ही राशि के स्वामी हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से यह आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। सूर्य का यह गोचर….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए सूर्य देव द्वादश भाव के स्वामी हैं और यह आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपको अनुकूल फल प्रदान कर सकता है। यह गोचर काल ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
तुला राशि
तुला राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपके नवम भाव में होगा भाग्य भाव में होने वाला सूर्य का यह गोचर पिताजी से….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृश्चिक राशि
सूर्य आपके दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। इस भाव में सूर्य का जाना अनुकूल नहीं कहा जा सकता है इसलिए आपको बहुत….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर होने से यह आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। यह गोचर जीवन साथी के साथ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मकर राशि
मकर राशि के लिए सूर्य देव अष्टम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का मिथुन राशि में गोचर आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर का सबसे ज्यादा लाभ आपको यह होगा कि धन ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान सूर्य का गोचर मिथुन राशि में होने से यह आपके पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। यह गोचर काल कोई नया कार्य ….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मीन राशि
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर मीन राशि के जातकों के चतुर्थ भाव में होगा। यह आपके लिए षष्ठ भाव के स्वामी हैं। सूर्य का यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इससे पारिवारिक….(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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