Sun Transit 2022: ‘चमकदार ग्रह’ का गोचर चमकाएगा इन 6 राशियों की किस्मत!

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। हालांकि इसके विपरीत वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बात करें तो सूर्य ग्रह को ग्रह ही नहीं माना जाता है। लेकिन ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह मानव शरीर को सबसे अधिक प्रभावित करता है। सनातन धर्म में भी सूर्य को रवि या सूर्य देवता की उपाधि दी गई है।

सूर्य गोचर विशेष अपने इस ब्लॉग में हम जानेंगे जल्द होने वाले सूर्य गोचर का समय 12 राशियों पर का क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा, कुंडली में सूर्य ग्रह को मजबूत करने के क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं, साथ ही जानेंगे गोचर काल के दौरान नकारात्मक परिणामों को दूर करने के राशि अनुसार उपायों की विस्तृत जानकारी।

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सूर्य गोचर 2022: समय और महत्व

सूर्य गोचर अर्थात सूर्य का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश कर जाना। सूर्य जिस राशि में गोचर करता है उस राशि के नाम से संक्रांति भी मानी जाती है। ऐसे में इस महीने जब सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहा है तो इसे मेष संक्रांति कहा जाएगा।

बात करें 14 अप्रैल को होने वाले सूर्य गोचर के समय की तो 14 अप्रैल, 2022 यानी गुरुवार के दिन सूर्य ग्रह 8:33 पर अपनी उच्च राशि मेष में गोचर कर जाएगा। उच्च राशि में सूर्य गोचर का सभी बारह राशि पर क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए यह ख़ास आर्टिकल अंत तक पढ़े।

सूर्य ग्रह का महत्व और इसके शुभ फल प्राप्त करने के कुछ बेहद सरल उपाय

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह पिता का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा महिला की कुंडली में यह पति के जीवन के बारे में बताता है। इसके अलावा ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक भी माना गया है। सूर्य ग्रह के चिकित्सकीय और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए लोग सुबह सवेरे जल्दी उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और सूर्य नमस्कार भी करते हैं। 

कुंडली में सूर्य मजबूत अवस्था में हो तो व्यक्ति को मान सम्मान, प्रतिभा, सफलता, आदि प्राप्त होती है। वहीं सूर्य यदि पीड़ित अवस्था में कुंडली में मौजूद हो तो इससे व्यक्ति अहंकारी बन जाता है। ऐसे में ज्योतिष के जानकार सूर्य ग्रह को मजबूत करने के कुछ ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या है वह उपाय आइए जान लेते हैं।।

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अब जान लेते हैं सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय

  • सूर्य देव की पूजा करें। 
  • प्रभु श्री राम की पूजा करें। 
  • आदित्य हृदय स्त्रोत का जप करें। 
  • मुमकिन हो तो रविवार का व्रत करना शुरू कर दें। 
  • सूर्य ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे गुड़, गेहूं, तांबा, लाल फूल आदि का दान करें। 
  • यदि आप चाहे तो रूबी माणिक्य भी धारण कर सकते हैं। हालांकि इसे धारण करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

सूर्य गोचरफल और राशिनुसार उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी होते है और अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपके स्वभाव व व्यक्तित्व के प्रथम भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में आपकी ही राशि में सूर्य का गोचर आपके जीवन के….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लिए सूर्य विलासिता, आराम और माता के चतुर्थ भाव के स्वामी होते है और यह अब मेष राशि में अपने गोचर के दौरान आपकी राशि से मोक्ष, व्यय और हानि के द्वादश भाव में विराजमान होंगे। इस अवधि के दौरान आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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मिथुन राशि 

मिथुन राशि के लिए सूर्य यात्रा व भाई-बहन के तृतीय भाव के स्वामी होते हैं। जो अब अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि के आय, लाभ व इच्छाओं के एकादश भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में इस समय….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के लिए सूर्य देव उनके परिवार, धन और वाणी के दूसरे भाव के स्वामी होते है और अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपके करियर, मान-सम्मान और प्रसिद्धि के दशम भाव में विराजमान हो रहे हैं। करियर के लिहाज़ से ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के लिए सूर्य देव का हर गोचर बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि ये आपके ही राशि स्वामी होते हैं, जो आपके स्वभाव व व्यक्तित्व के प्रथम भाव को नियंत्रित करते हैं और सूर्य देव अब अपने इस गोचर के दौरान आपके ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए सूर्य का ये गोचर उनकी राशि से अष्टम भाव में होगा। जो अचानक से होने वाली हानि/लाभ व विरासत को दर्शाता है। इसके अलावा सूर्य देव आपके द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और अब उनका आपके अष्टम भाव में होना कार्यक्षेत्र के….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के लिए सूर्य उनके एकादश भाव के स्वामी होकर राशि के विवाह व साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप साझेदारी में कोई व्यवसाय कर रहे हैं तो आपको इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के लिए सूर्य देव उनके दशम भाव के स्वामी होते हैं और वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि के ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में ये अवधि ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के लोगों के लिए सूर्य देव उनके नवम भाव के स्वामी होते हैं और जो अपने इस गोचर के दौरान आपके प्रेम संबंधों, आनंद, सुख और रोमांस के पंचम भाव में विराजमान हो रहे हैं। कार्यक्षेत्र पर इस गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य देव अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपने इस गोचर के दौरान मां, आराम और विलासिता के चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे। ऐसे में सूर्य की ये गोचरीय स्थिति….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुम्भ राशि के लिए सूर्य देव उनके सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और वो अब अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से छोटी यात्रा, साहस और पराक्रम के तृतीय भाव में विराजमान हो रहें हैं। इस अवधि के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के लिए सूर्य उनके छठे भाव के स्वामी होते हैं और वे अब आपके धन, वाणी और संपत्ति के दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में ये गोचर आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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