SRH Vs KKR (21st April): IPL 2019 आज के मैच की भविष्यवाणी

आईपीएल 2019 का 38वाँ मैच सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकात नाइट राइडर्स के बीच होगा। यह मैच 21 अप्रैल को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे से खेला जाएगा। दोनों टीमों के बीच यह दूसरा मुकाबला है, जो कि बेहद रोमांचक होने वाला है। दोनों के बीच हुए पिछले मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपने घरेलू मैदान में एसआरएच को 6 विकटों से करारी शिकस्त दी थी। एसआरएच ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए केकेआर को 182 रनों का लक्ष्य दिया था। इस बड़े लक्ष्य को खड़ा करने में एसआरएच की ओर से सलामी बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर (85) ने अहम भूमिका निभाई। वहीं केकेआर की ओर से बायें हाथ के युवा बल्लेबाज़ नीतीश राणा (68) और आंद्रे रसेल (49) ने तूफानी पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। लिहाज़ा अब हैदराबाद की टीम अपने होम ग्राउंड में विरोधी केकेआर से अपना पिछला हिसाब चुकाना चाहेगी। इसमें वह कितना सफल हो पाती है यह तो देखने वाली बात होगी। लेकिन ज्योतिषीय भविष्यवाणी की मदद से जानते हैं कि इस मैच का परिणाम क्या रहने वाला है।

2019-04-18

यदि आप क्रिकेट और आईपीएल से जुड़ी भविष्यवाणियों के नोटिफ़िकेशन अपने मोबाइल फ़ोन पर पाना चाहते हैं, तो कृपया देखें–
क्रिकेट की भविष्यवाणियाँ सब्सक्राइब करें

सनराइजर्स हैदराबाद बनाम कोलकाता नाइट राइट राइडर्स के बीच होने वाले मैच की ज्योतिषीय भविष्यवाणी

सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच होने वाले मैच की भविष्यवाणी प्रश्न कुंडली पर आधारित है। यहाँ हम यह स्पष्ट कर देते हैं कि प्रश्न कुंडली के लिए पूछा गया प्रश्न कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए है। इसलिए आज के मैच की ज्योतिषीय भविष्यवाणी केकेआर के ऊपर प्रभावी होगी। ज्योतिष विज्ञान में इस तरह की भविष्यवाणी को देखने के लिए लग्न भाव, लग्नेश, षष्टम भाव और षष्टम भाव के स्वामी का विचार किया जाता है। इस मुकाबले की ज्योतिषीय भविष्यवाणी के लिए हमने ऊपर दी गई कुंडली को घुमाकर कोलकाता नाइट राइडर्स की नाम राशि मिथुन को लग्न राशि माना है।

srh-kkr-team

लग्न भाव – प्रश्न कुंडली के अनुसार लग्न भाव में राहु की उपस्थिति इस भाव के लिए सही नहीं है। वहीं सप्तम भाव से शनि भी लग्न भाव पर दृष्टि दे रहा है। इसी के साथ सप्तम भाव से ही बली बृहस्पति भी लग्न पर दृष्टि रख रहा है। यहाँ पर बृहस्पति की शुभ उपस्थिति शनि और राहु के अशुभ प्रभावों को दूर कर रही है। अर्थात कुंडली का लग्न भाव मजबूत है।

लग्नेश – लग्नेश यानि लग्न भाव का स्वामी बुध ग्रह है जो कुंडली में दशम भाव में स्थित है। यह स्थान बुध के लिए शुभ है। यहाँ बुध ग्रह भले ही नीच का हो, लेकिन बृहस्पति (जो नीच राशि मीन का स्वामी है) से केन्द्र में होने के कारण यह कुंडली में नीच भंग राज योग का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही उच्च शुक्र का साथ भी बुध के लिए अच्छा है। ऐसी स्थिति में यह कहा जा सकता है कि कुंडली में लग्नेश बुध मजबूत स्थिति में है।

षष्टम भाव – कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा स्थित है। यहाँ चंद्र ग्रह नीच का है लेकिन वह मंगल (चंद्र ग्रह की नीच राशि वृश्चिक का स्वामी) से केन्द्र में स्थित है। इस कारण वह कुंडली में नीच भंग योग बना रहा है जिसके कारण चंद्रमा मजबूत स्थिति में है और छठे भाव को मजबूत बना रहा है। इसके अलावा षष्टम भाव के स्वामी मंगल की भी दृष्टि इस भाव को मजबूती प्रदान कर रही है।

षष्टमेश – कुंडली में छठे भाव का स्वामी मंगल है जो 12वें भाव में वृषभ पर बैठा है। मंगल के लिए यह स्थान अच्छा है। दूसरी ओर, सभी क्रूर ग्रहों के प्रभाव षष्टम, अष्टम और द्वादश भाव में अच्छे माने जाते हैं। यहाँ यह भी स्पष्ट हो जाता है कि कुंडली के छठे भाव का स्वामी मंगल भी मजबूत स्थिति में है।

ज्योतिषीय भविष्यवाणी का विश्लेषण यह बता रहा है कि इस मुकाबले में परिस्थितियाँ किंग्स इलेवन पंजाब के अनुकूल हैं। इस मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स को KXIP के हाथों हार का सामना करना पड़ सकता है।

उपरोक्त ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स अपनी विरोधी टीम सनराइजर्स हैदराबाद के ऊपर हावी रहेगी और अंत में विजेता के रूप में उभरकर सामने आएगी।

विजेता टीम : इस मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के जीतने की प्रबल संभावना है।

क्रिकेट की भविष्यवाणियाँ सब्सक्राइब करें

डिस्क्लेमर : हम यह स्पष्ट करते हैं कि मैच के संबंध में दी जा रही यह भविष्यवाणी अकादमिक और शोध के उद्देश्य से की गई है। इसके जरिये हम किसी भी तरह के गैरकानूनी कार्य जैसे- सट्टा और मैच फिक्सिंग को बढ़ावा नहीं देते हैं। कृपया इस तरह के गलत कार्यों से बचने की कोशिश करें।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *