सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल, इस दिन बन रहा है विष्कुम्भ योग का अद्भुत संयोग

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं और इस साल की पहली सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल के दिन पड़ रही है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या बेहद फलदाई मानी गई है। ऐसे में इस वर्ष इस अमावस्या को और भी खास और फलदायी बनाने के लिए अमावस्या तिथि पर विष्कुंभ योग का शुभ संयोग बन रहा है।

अमावस्या तिथि पितरों की मुक्ति, उनकी आत्मा की शांति के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। इसके अलावा कहा जाता है कि, जो कोई भी व्यक्ति अमावस्या तिथि के दिन व्रत रखता है उसे अमोघ फल की प्राप्ति होती है। सिर्फ इतना ही नहीं अमावस्या तिथि पर व्रत पूजन और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान करने से व्यक्ति को अपने जीवन में सुख, शांति, खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

पूरे साल में केवल एक ही सोमवती अमावस्या पड़ेगी 

शुभ संयोग की बात करें तो इस साल पड़ने वाली इकलौती सोमवती अमावस्या के दिन यानी 12 अप्रैल को सुबह 8:00 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। नक्षत्र की बात करें तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक रेवती नक्षत्र रहने वाला है और उसके उपरांत अश्विनी नक्षत्र लग जायेगा । इस दिन दोपहर 02 बजकर 27 मिनट तक वैधृति योग रहेगा और उसके बाद विष्कुम्भ योग लग जायेगा। 

यह भी पढ़ें: जानें सोमवती अमावस्या का महत्व और पूजन विधि!

सोमवती अमावस्या के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11 बजकर 56 मिनट 45 सेकंड से 12 बजकर 47 मिनट 46 सेकंड तक।

अमृत काल – सुबह 08 बजकर 50 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 36 मिनट से सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि: 11 अप्रैल 2021 दिन रविवार को सुबह 06 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 

12 अप्रैल 2021 दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक।

सोमवती अमावस्या के दिन शाही स्नान

सिर्फ इतना ही नहीं सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल के दिन इस वर्ष कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी किया जाएगा। कुम्भ का यह दूसरा शाही स्नान भी सोमवती अमावस्या के महत्व को और बढ़ाने का काम करेगा। जानकारी के लिए बता दें कि, इसके बाद कुंभ का तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के दिन किया जाएगा और फिर आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल पर वैशाख पूर्णिमा के दिन किया जाएगा जायेगा।

यह भी पढ़ें: कब है पौष अमावस्या और क्या है इस दिन की महत्व ?

सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें क्या ना करें 

इस दिन देर से सोने से बचना चाहिए। अमावस्या के दिन शुभ फल प्राप्त करने के लिए पीपल की पूजा करें। यथाशक्ति के अनुसार दान करें। झूठ ना बोलें, किसी का बुरा न करें, वाद-विवाद से बचें।

अमावस्या 2021 कब कब 

अब जानते हैं कि, इस पूरे वर्ष में कौन सी अमावस्या तिथि किस दिन पड़ रही है। नीचे इस विषय से सम्बंधित एक सूची हम आपको प्रदान कर रहे हैं।

बुधवार, 13 जनवरीपौष अमावस्या

गुरुवार, 11 फरवरी माघ अमावस्या

शनिवार, 13 मार्च             फाल्गुन अमावस्या

सोमवार, 12 अप्रैल चैत्र अमावस्या

मंगलवार, 11 मई             वैशाख अमावस्या

गुरुवार, 10 जून             ज्येष्ठ अमावस्या

शुक्रवार, 09 जुलाई आषाढ़ अमावस्या

रविवार, 08 अगस्त श्रावण अमावस्या

मंगलवार, 07 सितंबर भाद्रपद अमावस्या

बुधवार, 06 अक्टूबर अश्विन अमावस्या

गुरुवार, 04 नवंबर कार्तिक अमावस्या

शनिवार, 04 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या

              आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.