साल 2021 में 02 सूर्य ग्रहण, जानिये क्यों नहीं होगा कोई भी भारत में मान्य

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण की अवधि से बारह घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है और यह ग्रहण के साथ ही ख़त्म होता है। इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य पर मनाही होती है और मंदिर के कपाट भी बंद रखे जाते हैं। साल 2021 में दो सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं। इसमें से पहला सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। न सिर्फ ज्योतिष शास्त्र में बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य ग्रहण को विशेष माना जाता है।

कब लगता है सूर्य ग्रहण?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य हमारे सौरमंडल के केंद्र में स्थित है और पृथ्वी इसके चारों ओर चक्कर लगाती है। वहीं चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। ऐसे में जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है। जबकि पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के बाद जब समुद्र से अमृत कलश निकला था तब राहु ने चालाकी दिखाते हुए देवताओं की कतार में लग अमृत पान कर लिया था। तब सूर्य और चंद्रमा देवता ने राहु को पहचान कर भगवान विष्णु को इसकी जानकारी दी थी जिसके तुरंत बाद भगवान विष्णु ने राहु का धड़ उसके सिर से अलग कर दिया था। चूँकि राहु तब तक अमृत पान कर चूका था इसलिए उसका सिर और धड़ दोनों जीवित रहा और धड़ वाला हिस्सा केतु कहलाया जबकि सिर वाला हिस्सा राहु। माना जाता है कि तब से ही राहु और केतु चन्द्रमा और सूर्य को अपना दुश्मन मानते हैं और प्रत्येक साल उन पर हमला करते हैं, जिसकी वजह से सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है। 

साल 2021 के सूर्य  ग्रहण का भारत पर क्या होगा असर?

साल 2021 में दो सूर्य  ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें से पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को गुरुवार के दिन लगेगा। यह सूर्य ग्रहण दोपहर 13 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा और शाम के 18 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण रहने वाला है। चूँकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इस वजह इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।

वहीं  इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को शनिवार के दिन पड़ने वाला है। यह सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और दोपहर के 15 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। चूँकि यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा इस वजह से इस दौरान भी सूतक काल मान्य नहीं होगा।   

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