परिवर्तिनी एकादशी विशेष: जानें इस दिन से जुड़ी पौराणिक कथा और व्रत का लाभ !

जैसा की आप सभी जानते हैं कि हिन्दू धर्म में हर माह आने वाले एकादशी तिथि को बेहद ख़ास माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है। सभी एकादशी तिथि में से परिवर्तिनी एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। आज हम आपको परिवर्तिनी एकादशी व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा और इस दिन व्रत रखने के विशेष लाभों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। तो देर किस बात की आइये जानते हैं भगवान विष्णु के लिए रखने जाने वाले इस व्रत के विशेष लाभों के बारे में। 

परिवर्तिनी व्रत की पौराणिक कथा 

आपको बता दें कि परिवर्तिनी व्रत की कथा मुख्य रूप से राजा बलि और विष्णु जी के वामन अवतार की कहानी से जुड़ी है। जी हाँ बता दें कि महाप्रतापी राजा बलि अपने पुण्य कार्यों और तप के बल पर बहुत सी शक्तियां अर्जित कर ली थी। अपनी अभिन्न शक्तियों के बल पर उन्होनें स्वर्ग लोक पर भी अपना कब्ज़ा कर लिया था, जिसके फलस्वरूप सभी अन्य देवतागण बेघर होगये। देवताओं ने इस मुसीबत की घड़ी से निजात पाने के लिए भगवान् विष्णु का आह्वान किया। भगवान विष्णु ने इस समस्या का निजात दिलाने के लिए वामन अवतार लिया। वामन का अर्थ बौना होता है, गौरतलब है की भगवान विष्णु वामन रूप में एक ब्राह्मण का वेश लेकर राजा बलि के पास गए। राजा बलि को अपने दान पुण्य पर काफी घमंड था। वामन देव ने राजा बलि से अपने अनुसार जीवन गुजर बसर करने के लिए भूमि मांगी। इसके जवाब में राजा बलि ने उन्हें स्वयं ही तीन क़दमों में आने वाले भूमि का हिस्सा देने का वचन दे दिया। वामन देव ने जब पहला कदम उठाया तो उन्होनें पातळ लोक को नाप लिया और दूसरे कदम में स्वर्ग लोक को। जब तीसरे कदम के लिए भूमि का कोई हिस्सा नहीं बचा तो राजा बलि ने उनके सामने अपना सर रखा दिया। इस घटना के बाद राजा बलि का घमंड चकनाचूर हो गया और उन्होनें देवताओं को स्वर्ग लोक लौटा दिया। विष्णु अवतार वामन देव राजा बलि की इस वचनबद्धता से काफी प्रसन्न हुए और उन्होनें राजा बलि को पातळ लोक भेंट स्वरुप दे दिया। 

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परिवर्तिनी एकादशी व्रत का लाभ 

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद लिया जा सकता है। पुराणों में इस बात का प्रमाण मिलता है कि इस दिन व्रत रखने वाले जातक को वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है, इसलिए इस व्रत को नियम पूर्वक करना काफी आवश्यक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से विष्णु जी के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के मान सम्मान और यश में वृद्धि होती है। इसके आलावा मनुष्य के सभी मनोकामनाओं की पूर्ती भी होती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। बहरहाल अब आप परिवर्तिनी एकादशी के विशेष लाभों के बारे में जान चुके होंगें।

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