शुक्र सिंह राशि में वक्री: जानें सभी राशियों पर इसका शुभ व अशुभ प्रभाव!

यदि कोई ग्रह सूर्य से पांचवें भाव से लेकर नौवें भाव तक गोचर करते हैं तब वह वक्री अवस्था में मौजूद रहते हैं। वक्री का अर्थ है जब कोई ग्रह उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। सूर्य और चन्द्र को छोड़कर सभी ग्रह वक्री होते हैं। राहु और केतु सदैव वक्री ही रहते हैं। ग्रहों के वक्री अवस्था के परिणामस्वरूप जातक को मिले-जुले परिणाम प्राप्त होते हैं। इसी क्रम में जुलाई के महीने में शुक्र ग्रह वक्री हो रहे हैं। वक्री शुक्र के प्रभाव से सभी 12 राशियां भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभावित होंगी।

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ज्योतिष में शुक्र नौ ग्रहों में सबसे चमकीला और सुंदर ग्रह है। वक्री शुक्र के होने पर जातक के भीतर अलग तरह के गुणों का संचार होता है। वक्री शुक्र की वजह से जातक को लोगों से घुलना-मिलना पसंद नहीं होता है और वह अकेले रहना पसंद करता है। साथ ही वक्री होने पर जातक भोग विलास और पारिवारिक जीवन से दूरी बना सकता है। हालांकि वक्री अवस्था कुछ जातकों के लिए शुभ परिणाम देने वाली भी मानी जाती है और यह कुंडली में व्यक्ति की दशा पर निर्भर करता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि वक्री शुक्र का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

शुक्र सिंह राशि में वक्री: तिथि और समय 

ज्योतिष में सुख, संपत्ति आदि के कारक ग्रह शुक्र 23 जुलाई 2023 की सुबह 6 बजकर 01 मिनट पर सिंह राशि में वक्री होने जा रहे हैं।

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व

शुक्र ग्रह को वैदिक ज्योतिष में बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है। ये भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस आदि के कारक हैं। ये वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन शुक्र की उच्च राशि, जबकि कन्या इनकी नीच राशि मानी जाती है। नौ ग्रहों में बुध और शनि इनके मित्र ग्रह हैं और सूर्य व चंद्रमा से इनकी शत्रुता है। नक्षत्रों की बात करें तो 27 नक्षत्रों में शुक्र को भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। शुक्र के गोचर की अवधि 23 से 30 दिनों के भीतर होती है। अर्थात शुक्र एक राशि में करीब 23 से 30 दिन तक विराजमान रहते हैं।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र शुभ स्थिति में विराजमान हो तो उस जातक को अच्छे परिणाम मिलते हैं जैसा कि बताया जा चुका है कि शुक्र प्रेम और भोग विलास के स्वामी हैं ऐसे में, शुक्र की मजबूत स्थिति के परिणामस्वरूप जातक को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं यदि शुक्र किसी जातक की कुंडली में कमज़ोर स्थिति में मौजूद हों तो यह जातक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती हैं। जातक को आर्थिक पक्ष मजबूत करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। साथ ही, मान-सम्मान में भी कमी देखने को मिलती है।

सिंह राशि में शुक्र का प्रभाव

सिंह राशि का अग्नि तत्व का होना और शुक्र के शीतल होने के परिणामस्वरूप सिंह राशि में शुक्र का प्रभाव मिला-जुला हो सकता है। इसके फलस्वरूप जातक को धन धान्य व साधन संपन्नता प्राप्त होती है। भीड़ से अलग हटकर चलना और नेतृत्व का गुण व्यक्ति के भीतर गहराई तक होता है। यदि नकारात्मक पक्ष की बात करें तो व्यक्ति में अभिमान और अहंकार का भाव विकसित हो सकता है और इनका यह स्वभाव लोगों को परेशानी में डाल सकता है।

करियर और व्यवसाय की बात करें तो सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक रचनात्मक कार्यों में विशेष रुचि रखता है क्योंकि शुक्र कला, सौंदर्य और रचनाओं का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं सिंह राशि भी रचनात्मकता के गुण रखती है और इन दोनों का साथ होने पर व्यक्ति कलात्मक और रचनात्मक से जुड़े कार्यों की तरफ ज्यादा रुचि रखता है। ये एक बेहतरीन शैफ का काम भी अच्छे से करते हैं। होटल इंडस्ट्री, प्रबंधक, रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में अच्छा कर सकते हैं। ये जातक कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों, दोस्तो के साथ अच्छे सहयोगी के रूप में रहकर काम करना पसंद करते हैं। साथ ही, सामाजिक क्षेत्र में भी कई कार्यों को करके मान-सम्मान भी प्राप्त करते हैं। 

प्रेम जीवन की बात करें तो सिंह राशि में शुक्र का होना प्यार और रोमांस के मामले में अलग-अलग रंग दिखा सकता है। ये अपने पार्टनर के प्रति काफ़ी लगाव महसूस करते हैं। इन लोगों के अंदर अपने प्रेमी को हर ओर से सुरक्षा देने की इच्छा होती है और पार्टनर को खुश रखने के लिए हर संभव प्रयास करते रहना चाहते हैं।

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शुक्र ग्रह मजबूत होने के कुछ संकेत

  • जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में विराजमान होते हैं वे बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं और हर कोई असानी से उनकी तरफ आकर्षित हो जाता है।
  • शुक्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव के परिणामस्वरूप व्यक्ति का आत्मविश्वास ऊंचा होता है और वह सभी लोगों में काफी लोकप्रिय होता है।
  • जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह बली होते हैं वे सामान में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
  • व्यक्ति को किसी कार्य में अचानक से लगातार सफलताएं मिलने लगे तो समझ लें कि यह मजबूत शुक्र का संकेत है।
  • जब व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाओं और विलासिता में वृद्धि होने लगे तो कुंडली में शुक्र मजबूत होता है।
  • अचानक से धन की प्राप्ति हो या कहीं से लाभ होने लगे तो यह भी शुक्र के शुभ प्रभाव का कारण है।
  • कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति रचनात्मक, कलात्मक और मनोरंजन के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त करता है।

शुक्र ग्रह के कमज़ोर होने के कुछ संकेत

  • कुंडली में शुक्र ग्रह की कमज़ोर स्थिति के परिणामस्वरूप जातक वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त नहीं कर पाता है और कई बार वह दूसरी महिलाओं से संबंध रख सकता है।
  • शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को संतान का सुख से वंचित रह सकता है।
  • इसके अलावा शुक्र ग्रह की कमज़ोर स्थिति के फलस्वरूप जातक कई गंभीर बीमारी जैसे किडनी से संबंधित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है, आंखों से संबंधित बीमारी हो सकती है और कई बार स्त्री जातकों के लिए शुक्र गर्भपात का कारण बन सकता है।
  • अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर हो तो जातक के पास धन, भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी रह सकती है।
  • कमज़ोर शुक्र के परिणामस्वरूप व्यक्ति का मन धर्म और अध्यात्म की तरफ अधिक रहता है और वह भोग विलासिता, खाने-पीने, गीत-संगीत में उसका मन नहीं लगता।
  • जन्म कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है तो जातक को कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक कष्टों का सामना भी करना पड़ सकता है।

कुंडली में शुक्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के अचूक उपाय

  • कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए 11 या 21 शुक्रवार का व्रत रखें और सफेद वस्तुओं जैसे- चावल, दूध, दही, घी, चांदी आदि का दान करें।
  • गाय को रोज सुबह व शाम रोटी और गुड़ खिलाएं।
  • जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में विराजमान होते हैं उन्हें नियमित रूप से हर शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन शुक्र के मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे शुक्र मजबूत होते हैं और आर्थिक जीवन से जुड़ी समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
  • कुंडली में शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन चींटी को चीनी मिलाकर आटा खिलाएं। ऐसा करने से जातक को धन लाभ हो सकता है।
  • शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और इस दौरान सफेद फूल उन्हें अर्पित करें।
  • शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में गंदगी न रखें अन्यथा माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं और आपको धन से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • शुक्र देव को सफेद रंग अति प्रिय है इसलिए इस रंग की चीजों का दान करने के साथ-साथ सफेद रंग के वस्त्र भी इस दिन धारण करें। ऐसा करने से कुंडली के शुक्र मजबूत होते है।
  • पानी में इलायची और तुलसी का पत्ता डालकर स्नान करें इससे बुरे दोषों का प्रभाव कम हो सकता है।

शुक्र सिंह राशि में वक्री: सभी 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके पांचवें भाव होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप… (विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र पहले और छठे भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। इसके फलस्वरूप… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है। इसके कारण आप अपनी…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

इस दौरान आपको परिवार की बढ़ती आवश्यकताओं की वजह से धन खर्च करने पड़ सकते हैं। साथ ही…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके पहले भाव में होंगे। इस दौरान आपका आत्मविश्वास काफ़ी अच्छा रहेगा और…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए, शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहे हैं। इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके दसवें भाव में होगा। इस दौरान आप अपनी इच्छों को पूरा करने में असमर्थ हो सकते हैं और….(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके नौवें भाव में होने जा रहे हैं। इस दौरान आपको….(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके आठवें भाव में हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके सातवें भाव में होने जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान….(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र सिंह राशि में वक्री आपके छठे भाव में हो रहे हैं। आप अन्य स्रोतों जैसे पैतृक संपत्ति या…(विस्तार से पढ़ें)

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