शुक्र का मेष राशि में गोचर (12 मार्च 2023): जानें राशि अनुसार प्रभाव!

शुक्र का मेष राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव को बेहद शुभ माना जाता है और इसका प्रभाव हमारे जीवन पर अत्यधिक पड़ता है। हम सभी जानते हैं कि शुक्र महाराज को प्रेम का परिचायक माना जाता है। साथ ही, वह सुंदरता, रचनात्मकता, और कला का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। शुक्र देव सूर्य के काफ़ी करीब हैं और इनका नाम प्रेम और सुंदरता की रोमन देवी के नाम पर रखा गया है। शुक्र देव तुला और वृषभ राशि का प्रतिनिधित्व करते हैं। जातकों के प्रेम-संबंध और वैवाहिक जीवन को शुक्र देव प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, शुक्र हमारे जीवन के आर्थिक मामले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडली में शुक्र महाराज की स्थिति मज़बूत होती है, वह लोग काफ़ी आकर्षक होते हैं। ऐसे लोग अपने आसपास की सुंदरता को बहुत अधिक सराहते हैं और इन जातकों में रचनात्मकता का गुण भी पाया जाता है। यह जातक अपने निजी संबंधों में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। 

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वहीं, जिन जातकों की जन्म कुंडली में शुक्र महाराज कमज़ोर अवस्था में होते हैं, उन्हें जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों के अंदर रचनात्मकता की कमी देखने को मिलती है। साथ ही, इन जातकों को प्रेम, आर्थिक और वैवाहिक जीवन में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहों का परिवर्तन हमारे जीवन में काफ़ी मायने रखता है। अब, ऐसे में शुक्र महाराज के मेष राशि में गोचर से हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कई बदलाव आने वाले हैं। शुक्र का मेष राशि में गोचर सभी राशियों के लिए अहम है, तो ज़ाहिर है कि आपके मन में भी इससे संबंधित कई सवाल होंगे। आपके अपने हर एक प्रश्न का उत्तर इस ख़ास ब्लॉग में मिलेगा। 

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ज्योतिष में शुक्र का महत्व

जैसे कि हम ऊपर भी बता चुके हैं कि शुक्र महाराज का सीधा संबंध धन-दौलत, प्रेम-संबंध, वैवाहिक जीवन और सुंदरता से हैं। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को शुभ ग्रह माना जाता है और यह जातकों को अधिकतर सकारात्मक प्रभाव ही देता है। वहीं, पश्चिमी ज्योतिष में शुक्र देव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। 

शुक्र देव के लाभकारी प्रभाव से जातकों को आरामदायक जीवन का सुख प्राप्त होता है। साथ ही इन जातकों का रुझान फैशन, ब्यूटी और एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में विशेष तौर पर देखा जाता है। शुक्र महाराज को रंगों में सफेद, रत्नों में हीरा, फूलों में लिली और गुलाब अधिक प्रिय है। यही कारण है कि शुक्र को कुंडली में मज़बूत करने के लिए जातकों को हीरा पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आपको किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह के बाद ही किसी रत्न को धारण करना चाहिए।

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शुक्र का मेष राशि में गोचर: तिथि और समय

शुक्र महाराज 12 मार्च, 2023 की सुबह 8 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि में गोचर करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें, मेष राशि पर मंगल देव का स्वामित्व है। आइए, अब आगे बढ़ते हैं और यह जान लेते हैं कि शुक्र महाराज के मेष राशि में गोचर के परिणामस्वरूप सभी 12 राशियों के जीवन में कितने महत्वपूर्ण बदलाव आने वाले हैं।

शुक्र का मेष राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव परिवार, धन और संवाद को दर्शाता है और सातवां भाव जीवनसाथी का भाव होता है। मेष राशि में शुक्र का गोचर लग्न भाव में होगा…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र देव आपकी कुंडली के बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। बारहवां भाव विदेशी ज़मीन, अस्पताल और खर्चों को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

 मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का मेष राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होगा। यह भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि की कुंडली में शुक्र को चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है और अब यह आपके दसवें भाव में गोचर कर रहे हैं। दसवां भाव पेशेवर जीवन को दर्शाता है और यह समय नौकरीपेशे वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र देव तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब शुक्र आपकी कुंडली के नौवें भाव में गोचर करेंगे। यह भाव धर्म, पिता, लंबी-दूरी की यात्रा और भाग्य को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

कन्या राशि और शुक्र देव दोनों में ही मित्रता है। आपकी कुंडली के दूसरे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज शासन करते हैं और अब यह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव दीर्घायु, अचानक होने वाली घटना और गोपनीयता को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवां भाव शादी, जीवनसाथी और बिज़नेस में साझेदारी को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के लिए शुक्र देव सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठा भाव शत्रु, रोग, प्रतिस्पर्धा और मामा को दर्शाता है। शुक्र का मेष राशि में…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

धनु राशि के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के पांचवे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव शिक्षा, प्रेम संबंध और बच्चों को दर्शाता है। शुक्र के मेष राशि में गोचर के…(विस्तार से पढ़ें)

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज योगकारक ग्रह हैं और आपकी कुंडली के पांचवें और दसवें भाव पर इनका ही शासन है। अब शुक्र देव आपकी कुंडली के चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं।…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

मकर राशि की तरह ही कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शुक्र देव योगकारक ग्रह हैं। आपकी कुंडली के चौथे और नौवें भाव पर शुक्र महाराज शासन करते हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं।…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

शुक्र देव की उच्च राशि मीन है और आपकी कुंडली के तीसरे और आठवें भाव पर इनका शासन है। अब शुक्र महाराज आपकी कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव परिवार, बचत और संवाद को दर्शाता है।…(विस्तार से पढ़ें)

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