प्रेम के ग्रह शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, कैसा होगा आपकी राशि पर असर?

|| ॐ अश्वध्वजाय विद्महे धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ॥

अर्थ- हे भगवान ! हमें अच्छी बुद्धि प्रदान करें और और हमारे जीवन को ज्ञान से रोशन करें। 

शुक्र गोचर 2023: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र को प्रेम, भौतिक सुख, प्रेम संबंध और सामाजिक जीवन का कारक माना जाता है। अगर हिंदू धर्म में वर्णित पौराणिक कथाओं की बात करें, तो शुक्र ग्रह के नाम की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। शुक्र सप्तर्षियों में से एक ऋषि भृगु के पुत्र थे। मान्यताओं के अनुसार, शुक्र को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है और यह स्त्री ऊर्जा को बढ़ाते हैं यानी कि स्त्रियों में सुंदरता और आकर्षण पैदा करते हैं। शुक्र वृषभ और तुला राशि पर शासन करते हैं और अब यह कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसे पहेली और सुधार की राशि माना जाता है। एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग में हम इस गोचर के बारे में सारी जानकारी हासिल करेंगे जैसे कि शुक्र गोचर की तिथि, समय और 12 राशियों पर इसका प्रभाव आदि।

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ज्योतिष में शुक्र का महत्व

वैदिक ज्योतिष में प्रेम के ग्रह शुक्र को एक लाभकारी ग्रह माना जाता है जो कि हमारी कुंडली के दूसरे और सातवें भाव पर शासन करते हैं। अगर बात करें शुक्र के गोचर के बारे में तो, शुक्र एक राशि में 23 दिनों तक रहते हैं और फिर वह दूसरी राशि में गोचर करते हैं। इसके अलावा शुक्र पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा और भरणी नक्षत्र पर भी शासन करते हैं। शुक्र की मित्रता शनि और बुध से हैं और चंद्रमा और सूर्य से इनकी शत्रुता है। राशियों की बात करें तो शुक्र की उच्च राशि मीन है और नीच राशि कन्या है। सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह को समर्पित होता है और इनका पसंदीदा रंग सफेद है। तो आइए अब जानते हैं कि शुक्र के मजबूत होने से जातकों को किस प्रकार के लाभ होते हैं और इनके कमजोर होने से किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर: तिथि और समय

शुक्र 22 जनवरी 2023 को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। कुंभ राशि के चौथे और नौवें भाव पर शुक्र का शासन है। अब हम यह जानेंगे कि कुंभ राशि में शुक्र के गोचर का प्रभाव कैसा रहेगा।

हमारे जीवन में शुक्र का प्रभाव

शुक्र हमारे जीवन में विलासिता, प्रेम और भौतिक सुख को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, जातकों की कुंडली में शुक्र का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है जो व्यक्ति के जीवन में पारिवारिक, व्यक्तिगत और बिज़नेस संबंधों आदि में सकारात्मक परिणाम प्रदान करता है। शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति होने पर जातकों का जीवन सुख और प्रेम से पूर्ण होता है। 

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शुक्र के अनुकूल प्रभाव से व्यक्ति को रचनात्मकता की प्राप्ति होती है और वह जीवन में एक तरह के आकर्षण और सहजता के साथ आगे बढ़ता है। वहीं, जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर या प्रतिकूल दशा में होते हैं, उन्हें प्रेम संबंधों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जातकों को भौतिक सुख भोगने और आरामदायक जीवन व्यतीत करने में भी समस्याएं आती हैं। साथ ही, कमजोर शुक्र के कारण आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो सकती है और इंसान को अलग-अलग तरह की बीमारियों से जूझना पड़ सकता है।

विज्ञान में शुक्र का प्रभाव

शुक्र और पृथ्वी को जुड़वां बहनें कहा जाता है क्योंकि इन दोनों ग्रहों की बनावट, आकार और कई चीजें मिलती-जुलती हैं। शुक्र ग्रह पर भी धरती की तरह मजबूत चट्टान की सतह है। पृथ्वी की तरह ही शुक्र सिर्फ गैस से निर्मित ग्रह नहीं है। अगर इसके वायुमंडल की बात करें तो इसमें कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड पाया जाता है और इसका तापमान 900 डिग्री तक होता है। इसी कारण से शुक्र को सबसे ज्यादा गर्म ग्रह माना जाता है। वहीं शुक्र पर काफ़ी संख्या में ज्वालामुखी भी मौजूद है और उनमें से कुछ सक्रिय भी हैं।

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र देव परिवार, वित्त, भाषण के भाव यानी कि दूसरे भाव और जीवनसाथी के…(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ

शुक्र आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पेशेवर जीवन के दसवें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके नवम भाव यानी धर्म, पिता…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके अष्टम भाव यानी दीर्घायु…(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि विवाह…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या

कन्या शुक्र देव की मित्र राशि मानी जाती है। कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव के…(विस्तार से पढ़ें)

तुला

शुक्र आपके लग्न और अष्टम भाव के स्वामी हैं, जो पांचवें भाव यानी शिक्षा, प्रेम संबंध एवं संतान के भाव में गोचर करेंगे…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं, जो कि चौथे भाव यानी माता, घरेलू जीवन…(विस्तार से पढ़ें)

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन…(विस्तार से पढ़ें)

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मकर

ज्योतिष के अनुसार, मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह है। यह आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ

कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शुक्र योगकारक ग्रह हैं और यह चौथे एवं नवम भाव के स्वामी हैं, जो कि लग्न यानी…(विस्तार से पढ़ें)

मीन

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मीन शुक्र देव की उच्च राशि है। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और अष्टम भाव के…(विस्तार से पढ़ें)

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