कुम्भ राशि में शुक्र गोचर से इन राशियों के जीवन में आयेंगे अहम बदलाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह प्रेम, भोग, कला, सौंदर्य, रोमांस, प्रतिभा, वासना, और सुख का कारक ग्रह माना गया है। इसे एक शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है जिसके सकारात्मक प्रभाव से जातकों के जीवन में वैवाहिक और शारीरिक सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शुक्र तुला और वृषभ राशि का स्वामी ग्रह होता है। इसके अलावा जहां यह कन्या राशि में यह नीच का होता है वहीं मीन इसकी उच्च राशि है। बुध और शनि शुक्र के साथ मित्र ग्रह माने जाते हैं, सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। शुक्र एक राशि में 23 दिनों तक रहता है।

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जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह का स्थान कमजोर भी हो सकता है और मजबूत भी हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थान पर मौजूद हो तो ऐसे जातकों को सुंदरता और आकर्षक व्यक्तित्व का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे जातक विपरीत लिंग के लोगों को आकर्षित करने में कामयाब होते हैं साथ ही मृदुभाषी होते हैं और इनका प्रेम और वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय रहता है। 

वहीं इसके विपरीत शुक्र ग्रह यदि कुंडली में कमज़ोर स्थिति में मौजूद है तो इससे जातकों को प्रेम और पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातक रोमांटिक नहीं होते हैं और उनका प्रेम जीवन उतार चढ़ाव से भरा होता है और वैवाहिक सुख प्राप्त करने में भी यह असफल रहते हैं।

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शुक्र का कुंभ राशि में गोचर: 31 मार्च, 2022

‘भोर का तारा’ अर्थात शुक्र ग्रह गुरुवार 31 मार्च 2022 को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर करेगा। इसके बाद शुक्र 27 अप्रैल 2022 को मीन राशि में प्रवेश करेगा। आइए जानें कि इस गोचर का विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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शुक्र का कुंभ राशि में गोचर: राशिनुसार प्रभाव और उपाय 

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मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके संपत्ति व परिवार के दूसरे भाव और संगति व साझेदारी के सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में अपने इस गोचर काल के दौरान, ……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

शुक्र वृषभ राशि के स्वामी होते हैं और इसके अतिरिक्त वो आपके इच्छाशक्ति व बल के छठे भाव के स्वामी भी है, और इस अवधि में शुक्र कुंभ राशि में गोचर के समय, ……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके द्वादश यानी कि इच्छा, व्यय व हानि के भाव और पंचम यानी प्रेम, संतान व शिक्षा के भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में अपने इस गोचर काल के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र देव उनके आराम, सुख, संपत्ति और माता के चतुर्थ भाव और लाभ के एकादश भाव के स्वामी होते हैं। और अपने इस गोचर के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके भाई-बहन और व्यवसाय के तीसरे भाव और कर्म यानी दसवें भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में इस गोचर काल के दौरान,……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके धन और परिवार के दूसरे भाव और भाग्य और धर्म के नवम भाव के स्वामी होते हैं। इस गोचर काल के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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तुला राशि 

शुक्र तुला राशि के स्वामी होने के साथ ही, अनिश्चितता के अष्टम भाव के भी स्वामी होते है। इस गोचर काल के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके व्यवसाय, विवाह व साझेदारी के सप्तम भाव और यात्रा, व्यय व हानि के द्वादश भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में अब अपने इस गोचर के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके छठे यानी ऋण व रोग भाव और एकादश यानी आय, लाभ व मित्रता के भाव के स्वामी होते हैं। अपने इस गोचर काल के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र संतान, प्रेम व उच्च शिक्षा के पंचम भाव और कार्यक्षेत्र के दशम भाव के स्वामी होते हैं। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र एक लाभकारी ग्रह है और अपने इस गोचर के दौरान……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के लिए शुक्र योगकारक ग्रह हैं और यह कुंभ राशि के जातकों के लिए केन्द्र और त्रिकोणों के स्वामी भी होते हैं। शुक्र कुंभ राशि के चतुर्थ यानी सुख भाव और नवम यानी भाग्य भाव के स्वामी हैं। ऐसे में अपने इस गोचर काल के दौरान,……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके तृतीय यानी प्रयास, शक्ति व संचार भाव और अनिश्चितता के अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। ऐसे में गुरु बृहस्पति शासित इस राशि में, शुक्र ग्रह उच्च के होने के बावजूद……(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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